ISS से लौटे शुभांशु शुक्ला: अंतरिक्ष से लाए कौन-से अनमोल खजाने? जानिए पूरी कहानी!
अरे भाई, भारत का अंतरिक्ष सफर अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है! आपने सुना न कि हमारे शुभांशु शुक्ला ISS से सकुशल लौट आए हैं? असल में, ये कोई साधारण वापसी नहीं है। दो हफ्ते तक अंतरिक्ष में रहकर ये जो अनुभव लेकर आए हैं, वो तो सचमुच हमारे लिए खजाने से कम नहीं। और हां, इसके पीछे ISRO ने जो 550 करोड़ खर्च किए, वो भी बेकार नहीं गया। गगनयान मिशन के लिए तो ये एक जबरदस्त कदम साबित होगा।
पर सच बताऊं? ये सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं थी। बल्कि ऐसा लगता है जैसे हमने अंतरिक्ष से कोई वैज्ञानिक ‘लूट’ ही मार ली हो! शुभांशु जो डेटा लेकर आए हैं, वो तो 2027 में होने वाले गगनयान मिशन के लिए सोने जैसा है। लेकिन यार, ये सब इतना आसान भी नहीं था। चलो, फिर आपको बताते हैं कि ये पूरा खेल कैसे खेला गया…
Axiom 4 मिशन: भारत के लिए क्यों था खास?
देखिए न, ये Axiom 4 मिशन कोई सरकारी प्रोग्राम नहीं था। प्राइवेट था, पर ISRO ने इसमें पैसे लगाए। क्यों? क्योंकि ये हमारे गगनयान के लिए एक तरह का टेस्ट केस था। माइक्रोग्रैविटी में एक्सपेरिमेंट करने से लेकर तकनीकी जानकारी जुटाने तक – सब कुछ! और शुभांशु का चयन? वो तो टेक्निकल एक्सपर्ट हैं ही, सो अलग।
असल में ये मिशन हमारे लिए स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट था। पैसा ही नहीं, ISRO ने प्रैक्टिकल नॉलेज भी हासिल की। जो एक्सपेरिमेंट शुभांशु ने किए, वो सीधे-सीधे गगनयान से जुड़े थे। समझे न बात?
अंतरिक्ष से क्या लाए शुभांशु?
अब सवाल यह है कि ये ‘खजाना’ आखिर है क्या? मैं समझाता हूँ:
1. वैज्ञानिक डेटा: माइक्रोग्रैविटी के असर से लेकर बायोटेक्नोलॉजी तक – ये डेटा तो सोने से भी कीमती है। गोल्ड माइन कहें तो गलत न होगा!
2. तकनीकी अनुभव: ISS पर रहने का अनुभव? भाई, ये तो हमारे आने वाले एस्ट्रोनॉट्स के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।
3. अंतरराष्ट्रीय सहयोग: ग्लोबल स्पेस कम्युनिटी के साथ जुड़ाव? ये तो बड़े प्रोजेक्ट्स का रास्ता खोल देगा।
वैज्ञानिक समुदाय और ISRO की प्रतिक्रिया
ISRO के चेयरमैन तो इसे “गोल्डन चैप्टर” बता रहे हैं। और सही भी कह रहे हैं! ये मिशन गगनयान के लिए क्रूशियल डेटा लेकर आया है। शुभांशु खुद कहते हैं कि ये अनुभव “अविस्मरणीय” था। सच कहूं तो, अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स भी इसकी तारीफ कर रहे हैं।
एक बात तो तय है – ये मिशन हमें ह्यूमन स्पेसफ्लाइट में एक क्रेडिबल प्लेयर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। क्या आपको नहीं लगता?
आगे की राह: गगनयान और उससे आगे
अब ISRO का पूरा फोकस इस डेटा को एनालाइज करने पर होगा। 2027 में गगनयान के लिए ये कितना काम आएगा, ये तो वक्त बताएगा। पर एक बात तय है – प्राइवेट और गवर्नमेंट लेवल पर और मिशन्स आने वाले हैं।
देखा जाए तो शुभांशु की ये यात्रा कोई अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। ISRO ने जिस तरह इस अवसर का उपयोग किया, वो हमारे लॉन्ग-टर्म स्पेस विजन को दिखाता है। और ये ‘खजाना’? ये तो गगनयान से भी आगे की योजनाओं की नींव बनेगा। क्या कहते हैं आप?
यह भी पढ़ें:
- Astronaut Shubhanshu Shukla Iss Historic Photo Viral
- India Pride Iss Group Captain Shubhanshu Shukla Space Success
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com