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EXCLUSIVE: शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद अंतरिक्ष से लौटे, कैलिफोर्निया तट पर हुआ स्प्लैशडाउन!

EXCLUSIVE: शुभांशु शुक्ला 18 दिन बाद अंतरिक्ष से लौटे, कैलिफोर्निया तट पर हुआ स्प्लैशडाउन!

वाह! क्या खबर है यार! भारत का नाम रोशन करने वाले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आखिरकार 18 दिन के ऐतिहासिक सफर के बाद सकुशल वापस आ गए। सच कहूं तो मैं पिछले कुछ दिनों से बस यही खबर देख रहा था। और देखिए न, उनका spacecraft (जो Axiom-4 मिशन का हिस्सा था) 12 मई की सुबह Gulf of Mexico में उतरा – वो भी बिल्कुल सही समय पर, 7:23 बजे IST। एकदम परफेक्ट टाइमिंग! ये पल सच में भारत के लिए गर्व का है, क्योंकि शुभांशु ऐसे अंतरराष्ट्रीय मिशन में शामिल होने वाले पहले भारतीय हैं। क्या बात है न?

मिशन की पृष्ठभूमि: थोड़ा पीछे चलते हैं

असल में, ये Axiom-4 मिशन कोई आम मिशन नहीं था। NASA और Axiom Space की ये जॉइंट प्रोजेक्ट थी, जिसका मकसद था ISS पर रिसर्च को बढ़ावा देना। और सच कहूं तो, 2023 में जब शुभांशु का सिलेक्शन हुआ था, तब से ही ये मिशन खास हो गया था। एक पूर्व IAF पायलट और वैज्ञानिक होने के नाते, उन्होंने कड़ी मेहनत से ये मौका हासिल किया था। साथ में थे Peggy Whitson (अमेरिका), Słavoj Uznański-Wiśniewski (पोलैंड), और Tibor Kapu (हंगरी) – एकदम इंटरनेशनल टीम!

वो ऐतिहासिक पल: जब सबकी सांसें थम गईं

12 मई की सुबह का वो पल… जब पूरी दुनिया की नजरें टीवी स्क्रीन पर थीं। Spacecraft के स्प्लैशडाउन के बाद तो लगा जैसे सबने सांस ली। Recovery team ने फटाफट सभी astronauts को बाहर निकाला – और खुशखबरी ये कि सभी बिल्कुल फिट थे! ISRO और भारत सरकार की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था। PMO ने इसे “गौरवशाली पल” बताया – और सही भी तो कहा!

क्या कह रहे हैं लोग? और आगे क्या?

ISRO चीफ डॉ. सोमनाथ का कहना था – “ये पूरे देश के लिए गर्व की बात है।” वहीं शुभांशु ने खुद कहा, “अंतरिक्ष से धरती देखना… वाह! शब्दों से बाहर है।” Mission commander Peggy ने तो उनकी तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी – “बेस्ट टीम प्लेयर!”

अब इस मिशन से मिले डेटा का विश्लेषण होगा, जो आने वाले समय में human spaceflight के लिए बेहद अहम होगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो ये सफलता Gaganyaan प्रोजेक्ट को नई रफ्तार देगी। और हां, ये private space missions के नए दौर की शुरुआत भी हो सकती है। सच कहूं तो, शुभांशु की ये उपलब्धि सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी मानवता के लिए नई संभावनाएं खोलती है। क्या आपको नहीं लगता कि हम एक नए युग में कदम रख रहे हैं?

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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