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“मुझे जूते से मारा…” वाली विवादास्पद घटना: सिद्दारमैया और शिवकुमार के ऑफिसर में भिड़ंत, कर्नाटक राजनीति में हंगामा

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“मुझे जूते से मारा…” वाला मामला: सिद्दारमैया और शिवकुमार के ऑफिसरों की लड़ाई में क्या सच्चाई है?

अरे भई, कर्नाटक की राजनीति में तो हमेशा मसाला रहता ही है, लेकिन ये नया विवाद कुछ ज्यादा ही सनसनीखेज हो गया है! दिल्ली के कर्नाटक भवन में सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार के SDOs (Special Duty Officers) के बीच हुई झड़प ने तो पूरे राजनीतिक गलियारों को हिला दिया है। सुनकर अजीब लगता है ना? एक अधिकारी दूसरे को जूते से मारे… ये कोई फिल्म का सीन तो नहीं! पर असलियत यही है। अब तो पुलिस में शिकायत भी दर्ज हो चुकी है और मामला गंभीर होता जा रहा है।

पूरा माजरा क्या है?

देखिए, ये सारा ड्रामा कर्नाटक भवन में ही हुआ – जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों के ऑफिस हैं। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो अधिकारियों तक हाथापाई पर उतर आए? कुछ लोग कह रहे हैं कि ये संसाधनों की लड़ाई थी, तो कुछ का कहना है कि पर्सनल एगो काम कर गया। सच्चाई जो भी हो, एक बात तो साफ है – सरकार के भीतर का तनाव अब सड़क पर आ गया है। और हां, ये कोई पहली बार नहीं है… ऐसी खबरें पहले भी आती रही हैं।

अब तक का अपडेट: क्या-क्या हुआ?

तो सुनिए… घटना के बाद पीड़ित अधिकारी ने दिल्ली पुलिस में FIR करवा दी है। सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्ष तो मौके की निगाह ही रखता है ना? बीजेपी वाले तो जैसे तैयार बैठे थे! मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं कि दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, पर कन्फर्मेशन का इंतज़ार जारी है। पुलिस जांच कर रही है, तो शायद जल्द ही कुछ नया पता चले।

राजनीतिक रिएक्शन: कौन क्या बोला?

अब जैसा कि होता ही है… हर पार्टी अपना-अपना राग अलापने लगी है। बीजेपी वाले तो बिल्कुल मौके पर हाजिर – “ये सरकार की पूरी फेलियर है… अनुशासन खत्म हो गया है” वगैरह-वगैरह। वहीं कांग्रेस के कुछ नेता (बिना नाम लिए) कह रहे हैं कि ये सब बनावटी ड्रामा है। पर एक बात तो तय है – ये घटना सरकार के अंदरूनी झगड़ों को उजागर कर रही है। और अगर ये सिलसिला चलता रहा, तो आगे क्या होगा भगवान ही जाने!

आगे क्या? कुछ अंदाज़ा लगाया जा सकता है?

अब देखिए… पुलिस जांच चल रही है, तो हो सकता है कुछ और नाम सामने आएं। अगर मामला गरमाता है, तो ये सरकार के लिए बड़ा शर्मनाक हो सकता है। विपक्ष तो इस मौके को हाथ से जाने नहीं देगा – विधानसभा में नए विवाद पैदा हो सकते हैं। और सबसे बड़ी बात – आम जनता का सरकार पर से भरोसा कम हो सकता है। क्योंकि भई, जब अधिकारी ही जूते लेकर पीछे पड़ जाएं, तो आम आदमी किस पर भरोसा करे?

आखिरी बात: ये घटना सिर्फ एक झगड़े से कहीं बड़ी है। ये सवाल उठाती है कि हमारी प्रशासनिक व्यवस्था किस दिशा में जा रही है। अगले कुछ दिनों में और ट्विस्ट आ सकते हैं… तो बने रहिए हमारे साथ!

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अब कर्नाटक की राजनीति में एक नया धमाका हुआ है, और सच कहूं तो यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं। देखिए न, सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार – दोनों ही बड़े नाम हैं, लेकिन अब उनके बीच की तनातनी साफ-साफ दिखने लगी है। सवाल यह है कि यह सब क्यों हो रहा है? क्या वाकई यह सिर्फ एक संयोग है, या फिर इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक चाल चल रही है?

अभी तो बस शुरुआत है। आने वाले दिनों में और भी कई सच सामने आ सकते हैं। और जहां तक कर्नाटक की राजनीति की बात है… वैसे तो यह हमेशा से ही दिलचस्प रही है, लेकिन अब तो लगता है मजा आने वाला है!

एक बात तो तय है – यह मामला सिर्फ विधानसभा तक ही सीमित नहीं रहने वाला। Media और social media पर भी इसकी खूब चर्चा होगी। आखिरकार, जब दो बड़े नेता आमने-सामने हों, तो बात तो बनेगी ही न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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