“25 लाख के मुआवजे के लिए बेटे ने जिंदा पिता की कर दी शोक सभा! वायरल हुआ वीडियो”

25 लाख का मुआवज़ा पाने के चक्कर में बेटे ने ज़िंदा पिता का कर दिया मृत्यु भोज! वीडियो हुआ वायरल

फरीदाबाद से एक ऐसी खबर आई है जो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सच कहूँ तो, ये किस्सा रिश्तों में बढ़ती स्वार्थपरता की वह हद दिखाता है जहाँ इंसान पैसों के आगे अपनों को भी बेचने को तैयार हो जाता है। सोचिए, एक बेटा अपने ही ज़िंदा पिता का शोक सभा आयोजित कर देता है – और वो भी सिर्फ़ सरकारी मुआवज़े के लालच में! राजेंद्र नाम के इस शख़्स ने तो पूरा ड्रामा रच डाला – पिता लालचंद की मौत का झूठा दावा किया, लेकिन जब पिता जी ने खुद video बनाकर सच्चाई बताई तो सारा गाँव हिल गया। अब इस video ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है, और गाँव वालों ने बेटे को समाज से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

पैसों की भूख ने करवाया ये शर्मनाक काम

कहानी की असल तह तक जाएँ तो… लालचंद जी और उनका बेटा राजेंद्र फरीदाबाद के एक गाँव में रहते थे। अचानक एक दिन राजेंद्र ने पिता की मौत का झूठा दावा करके शोक सभा बुला ली! है न हैरान कर देने वाली बात? मगर असल मकसद तो सामने आया जब पता चला कि ये सब 25 लाख के insurance या सरकारी मुआवज़े के लिए किया गया था। पर भगवान का शुक्र है कि लालचंद जी ने खुद video बनाकर सच उजागर कर दिया – “मैं ज़िंदा हूँ!” वो भी ऐसे कह रहे थे जैसे किसी ने उनके दिल पर छुरी घोंप दी हो।

गाँव से लेकर पुलिस तक – सबने लिया सख़्त एक्शन

जैसे ही ये video वायरल हुआ, सारा माजरा खुल गया। गाँव वालों का गुस्सा देखते बनता था – इतना घिनौना काम! पंचायत ने तुरंत बैठक बुलाकर राजेंद्र को समाज से बाहर करने का फैसला किया। और पुलिस? वो तो अब fraud केस दर्ज करने की तैयारी में है। सच पूछो तो, ऐसे मामलों में कड़ी सजा ही एकमात्र हल है।

पिता का दर्द और समाज का सवाल

सबसे ज़्यादा दिल दहला देने वाली थी लालचंद जी की बातें। उन्होंने मीडिया से कहा, “मैं ज़िंदा हूँ… पर मेरे ही बेटे ने पैसों के लिए मुझे मरा बता दिया।” ग्राम प्रधान का कहना था, “ऐसे इंसान को समाज में जगह नहीं मिलनी चाहिए।” और स्थानीय लोग? वो तो इसे ‘इंसानियत की मौत’ बता रहे थे। सच में, क्या हम इसी दिशा में जा रहे हैं?

आगे क्या होगा?

अब पुलिस fraud और defamation के मामले दर्ज करने वाली है। गाँव ने तो राजेंद्र को पूरी तरह बहिष्कृत करने का फैसला कर लिया है। पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पैसा इंसान को इतना बेरहम बना देता है कि वो अपने ही खून के साथ ऐसा कर सके? सोचकर ही डर लगता है।

अंत में बस इतना कहूँगा – ये घटना न सिर्फ़ एक बेटे के विश्वासघात की कहानी है, बल्कि आज के इस भौतिकवादी दौर में इंसानियत के लुप्त होते मूल्यों का आईना भी है। क्या हम वाकई विकास कर रहे हैं, या सिर्फ़ पैसों के पीछे भागते हुए अपनी आत्मा को खो रहे हैं? सोचने वाली बात है…

“25 लाख के मुआवजे के लिए बेटे ने जिंदा पिता की शोक सभा!” – सच में ये कैसा दिमाग है?

सुनकर हैरानी होती है ना? पर ये सच्ची घटना है! सोशल मीडिया पर तूफान मचा देने वाला ये केस आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि इंसान पैसों के लिए क्या-क्या कर सकता है।

1. भईया, ये किस्सा क्या है? कहानी कुछ तो बताओ!

देखिए, मामला कुछ यूं है – एक बेटे ने अपने जिंदा-जागते पिता के लिए… हां हां, जीते-जागते इंसान के लिए… funeral का ढोंग रच दिया! क्यों? ताकि सरकारी compensation के 25 लाख रुपये ऐंठ सके। सोचिए, कैसी बेरुखी है!

2. अरे भाई, ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ गई?

ईमानदारी से कहूं तो ये पूरा मामला दिमाग खाए जा रहा है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि लड़के को लगा कि अगर पिताजी की “मौत” हो जाए तो वो मुआवजे का हकदार बन जाएगा। एक तरफ तो ये सोच ही डरावनी है, दूसरी तरफ उसने documents में भी छेड़छाड़ की। Fraud की हद तो देखिए!

3. सरकार ने कुछ कार्रवाई की या नहीं?

अरे हां भई! पुलिस तो मामले पर कूद पड़ी। केस दर्ज हो चुका है और अब जांच चल रही है। Fraud के साथ-साथ documents में गड़बड़ी के serious charges लगे हैं। सच कहूं तो लड़के ने खुद ही अपनी कब्र खोद ली।

4. सबसे बड़ा सवाल – क्या बाप को पता था?

यही सबसे हैरान करने वाली बात है! रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेचारे पिताजी को इस पूरे नाटक का पता तक नहीं था। सोचिए, एक दिन आप सोकर उठें और पता चले कि आपके नाम का funeral हो चुका है! क्या हालात हैं भई…

अंत में बस इतना कहूंगा – पैसा अंधा बना देता है, पर इतना अंधा? सच में सोचने वाली बात है।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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