सोनीपत: ट्रेनिंग यादों की सेल्फी लेने चौथी मंजिल से गिरा युवक, मौत – दर्दनाक घटना

सोनीपत: सेल्फी की कीमत चुकानी पड़ी एक जान से – क्या सच में ये सब ज़रूरी था?

सोनीपत में एक ऐसी घटना हुई जो सुनकर दिल दहल जाता है। राई थाना इलाके में संकेत (नाम बदला हुआ) नाम का एक लड़का अपने दोस्तों के साथ training center में था। वहीं, चौथी मंजिल पर रेलिंग के पास सेल्फी लेने की जिद ने उसकी जान ले ली। बस एक पल की चूक…और वह नीचे गिर गया। सच कहूं तो ये वाकया सुनकर मन में सवाल उठता है – क्या ये सेल्फी इतनी ज़रूरी थी? पुलिस ने तो फॉर्मैलिटी पूरी कर दी – postmortem, परिजनों को शव सौंपना, जांच…लेकिन क्या ये सब उस जान को वापस ला सकता है?

जिस training center में ये हादसा हुआ, वहां की हालत तो और भी डरावनी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इमारत पहले से ही जर्जर हालत में थी। रेलिंग कमजोर, कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं। पर किसे फर्क पड़ता है? जब तक किसी की जान न चली जाए, तब तक तो हम सब आंखें मूंदे रहते हैं। संकेत ने जिस तरह से खतरनाक पोज बनाकर सेल्फी लेने की कोशिश की, वो तो गलती थी ही…लेकिन क्या इमारत मालिकों की लापरवाही इससे कम गंभीर है?

पुलिस वालों ने जांच शुरू कर दी है। Officials घटनास्थल पर पहुंचे, परिवार से बात की। पर असल सवाल तो ये है कि क्या सिर्फ जांच से कुछ होगा? सोशल मीडिया पर तो हंगामा मचा हुआ है। कुछ users सुरक्षा उपायों की कमी पर चिल्ला रहे हैं, तो कुछ युवाओं की लापरवाही पर। सच तो ये है कि दोनों ही गलत हैं। एक तरफ तो हमारे युवा Instagram के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, दूसरी तरफ बिल्डिंग मालिक सुरक्षा पर पैसा खर्च करने से कतराते हैं।

मृतक के परिवार का दर्द समझा जा सकता है। उनका सवाल वाजिब है – अगर रेलिंग ठीक होती, सुरक्षा का ख्याल रखा जाता, तो क्या आज उनका बेटा ज़िंदा होता? पुलिस कह रही है कि सभी पहलुओं पर गौर करेंगे। पर देखना ये है कि क्या वाकई कोई कार्रवाई होगी या फिर ये केस भी फाइलों में दब जाएगा? स्थानीय लोगों ने awareness campaigns की बात कही है…अच्छी बात है। पर क्या सिर्फ जागरूकता से काम चलेगा?

अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या? क्या इस घटना के बाद कोई सख्त कदम उठेगा? क्या बिल्डिंग मालिकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा? या फिर हम सब कुछ दिनों बाद इस घटना को भूल जाएंगे, जब तक कि अगला हादसा नहीं हो जाता? सच तो ये है कि सोनीपत प्रशासन को न सिर्फ सुरक्षा मानकों को सख्त करना होगा, बल्कि उन्हें लागू भी करवाना होगा। वरना…ये सिलसिला थमने वाला नहीं।

इस घटना ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि जिंदगी कितनी नाजुक है। एक सेकंड की लापरवाही…और सब खत्म। सेल्फी कल्चर के इस दौर में हम कहाँ जा रहे हैं? क्या वाकई हमें उन लाइक्स और कमेंट्स की इतनी कीमत चुकानी चाहिए? समय आ गया है कि न सिर्फ सरकार, बल्कि हम सब जागें। वरना…आने वाले दिनों में ऐसी खबरें और बढ़ती रहेंगी। और हम सब बस खबर पढ़कर ‘अफसोस’ जताते रह जाएंगे।

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सोनीपत ट्रेनिंग यादों की सेल्फी कांड – जानिए पूरी कहानी और सवालों के जवाब

1. सोनीपत में युवक की मौत का कारण क्या था? सच्चाई जानकर दंग रह जाएंगे!

देखिए, पूरी बात ये है कि वह लड़का चौथी मंजिल से गिर गया। और क्यों? क्योंकि वो अपने ट्रेनिंग यादों (training memories) की सेल्फी लेने में इतना मशगूल हो गया कि उसे अपने आसपास का होश ही नहीं रहा। सच कहूं तो ये कोई पहला मामला नहीं है जब सेल्फी की वजह से किसी की जान चली गई। दुखद, लेकिन सच्चाई यही है।

2. क्या यह घटना किसी ट्रेनिंग सेंटर में हुई थी? या कोई और सच्चाई है?

हां भाई, बिल्कुल ट्रेनिंग सेंटर में ही हुआ था। सोनीपत का वो इलाका तो अब इसी वजह से चर्चा में आ गया है। सोचिए न, जहां युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है, वहां ऐसी दुर्घटना! लड़का ट्रेनिंग ले रहा था, सेल्फी का शौक था, और संतुलन खोने की देरी कितनी? एक पल की चूक और जान चली गई।

3. सेल्फी लेते समय सुरक्षा के लिए क्या करें? ये छोटी-छोटी बातें बचा सकती हैं जान!

असल में बात बहुत सीधी है। पहली बात – safe location चुनिए। दूसरी – risky poses? भूल जाइए! तीसरी और सबसे जरूरी – balance का ख्याल रखिए। अगर ऊंची जगह पर हैं तो extra careful हो जाइए। मेरा तो ये भी कहना है कि कभी अकेले सेल्फी न लें, कोई साथ हो तो बेहतर। वैसे भी, सेल्फी से ज्यादा जरूरी क्या? जिंदगी ना!

4. इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? सिस्टम लेवल पर बदलाव की जरूरत

देखा जाए तो कुछ आसान steps हैं जो बड़ा फर्क ला सकते हैं:
– ट्रेनिंग सेंटर्स और public places पर बड़े-बड़े warning signs लगाए जाएं
– safety railings को और मजबूत बनाया जाए
– लोगों को risky selfies के खतरों के बारे में aware कराया जाए

पर सच पूछो तो? जब तक हम खुद नहीं समझेंगे, कोई कितने भी नियम बना ले। सावधानी ही बचाव है, याद रखिए!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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