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दक्षिण कोरियाई बाजारों में तेजी: डोनाल्ड ट्रम्प के नए टैरिफ डेडलाइन के बाद Kospi और Kosdaq में उछाल

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दक्षिण कोरियाई बाजारों में अचानक तेजी: क्या ट्रम्प की धमकी असल में अच्छी खबर है?

आज दक्षिण कोरिया के शेयर बाजारों ने एक मजेदार उछाल दिखाया – Kospi 0.44% और Kosdaq 0.19% ऊपर। अब सवाल यह है कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 1 अगस्त से दक्षिण कोरिया और जापान पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, तो बाजार इतना खुश क्यों है? सच कहूं तो ये तो उल्टी बात लगती है। आमतौर पर ऐसी खबरों से बाजार डर जाते हैं, लेकिन यहां तो उल्टा असर हुआ!

असल में, ये कोई नई बात नहीं। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच ये व्यापार की लड़ाई तो 2018 से चल रही है, जब KORUS FTA (Korea-US Free Trade Agreement) में बदलाव हुआ था। उस वक्त भी कोरिया को कुछ रियायतें देनी पड़ी थीं। लेकिन ट्रम्प साहब तो जैसे ‘छोड़ो यार, और दबाओ’ की नीति पर चल रहे हैं। हर बार नया दबाव, नई मांग!

अब हालिया डेवलपमेंट क्या है? ट्रम्प ने सीधे टोक्यो और सियोल को चिट्ठी लिखकर धमकी दे डाली – “1 अगस्त तक समाधान नहीं निकाला तो 25% टैरिफ लगेगा।” लेकिन हैरानी की बात ये कि बाजार इससे डरने की बजाय खुश हो गया! क्यों? क्योंकि निवेशकों को लगता है कि ये सब दिखावा है। उनका अनुमान है कि आखिरी वक्त में कोई समझौता हो जाएगा। और इसी उम्मीद ने Kospi और Kosdaq को ऊपर धकेल दिया।

अब देखिए, अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है। दक्षिण कोरियाई सरकार कह रही है कि वो बातचीत जारी रखेगी। विश्लेषकों का मानना है कि ये सब नाटक है। और अमेरिकी वाणिज्य विभाग? वो तो बस ‘निष्पक्ष व्यापार’ की रट लगाए हुए है। मजेदार बात ये है कि सब अपनी-अपनी तरफ से बात कर रहे हैं, और बाजार अपनी मर्जी से चल रहा है!

अब सबसे बड़ा सवाल – आगे क्या? अगर 1 अगस्त तक कोई डील नहीं हुई तो? फिर तो टैरिफ लगेंगे, कोरियाई निर्यात को झटका लगेगा, और बाजार फिर से हिल सकता है। लेकिन एक पॉसिबिलिटी ये भी है कि दक्षिण कोरिया चीन और दूसरे एशियाई देशों के साथ ज्यादा व्यापार बढ़ाकर अमेरिकी दबाव से बचने की कोशिश करे। देखना ये है कि ये चाल काम करती है या नहीं।

तो निष्कर्ष क्या निकालें? ट्रम्प की धमकी के बावजूद बाजार का ऊपर जाना थोड़ा अजीब जरूर है, लेकिन शायद इसमें कोई लॉजिक है। अगले कुछ हफ्तों में राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखनी होगी। क्योंकि असली सवाल ये है कि ये तेजी टिकाऊ है या सिर्फ एक ‘हवाई उछाल’? समय बताएगा!

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Source: Livemint – Markets | Secondary News Source: Pulsivic.com

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