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सुपरयॉट्स का बड़ा बिजनेस: पैसे कैसे कमाते हैं और टैक्स बेनिफिट्स क्या हैं?

सुपरयॉट्स का बिजनेस: पैसे कमाने के ज़बरदस्त तरीके और टैक्स में छूट का राज!

असल में देखा जाए तो सुपरयॉट्स की दुनिया सिर्फ शान-ओ-शौकत नहीं है – ये एक पूरा इंडस्ट्री है जो चुपके से खूब पैसा बना रही है। मेरी एक दोस्त Lisa Verbit, जो इस फील्ड में 35 साल से है, कहती हैं ये मार्केट अभी और फैलेगा। पर सवाल यह है कि आखिर इन विशालकाय नौकाओं से पैसा कैसे बनता है? चलिए समझते हैं।

पैसे कमाने के गुर: सुपरयॉट्स एडिशन

तो बात ये है कि… अमीर लोग (HNWIs वाले) अक्सर लोन लेकर ये यॉट्स खरीदते हैं – बैंक वालों का तो जैसे त्योहार हो जाता है! लेकिन यहीं से शुरू होता है असली खेल। क्या आप जानते हैं कि यॉट चार्टरिंग से मालिक महीने में कितना कमा लेते हैं? शायद आपके घर की EMI से ज़्यादा!

और तो और… मेंटेनेंस और मैनेजमेंट सर्विसेज का अलग ही धंधा चलता है। कुछ लोग तो इन्हें लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट की तरह रखते हैं – जैसे प्रॉपर्टी, बस पानी पर तैरती हुई!

टैक्स बचाने के फंडे: यॉट वालों का सीक्रेट

अब आते हैं मज़ेदार हिस्से पर। टैक्स हेवन में रजिस्टर करवाओ और भूल जाओ टैक्स का तनाव! सच कहूं तो ये वही चीज़ है जैसे आपका दोस्त जो हमेशा बिल स्प्लिट करते वक्त गायब हो जाता है।

कॉर्पोरेट ओनरशिप? बिल्कुल स्मार्ट मूव! डिप्रिसिएशन के नाम पर टैक्स में छूट? हां भई हां! पर एक बात – इंटरनेशनल टैक्स प्लानिंग के लिए एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लें। वरना पछताओगे।

इंडस्ट्री में क्या नया चल रहा है?

Lisa की बात मानें तो पिछले कुछ सालों में बहुत कुछ बदला है। अब तो यॉट्स भी स्मार्ट हो गए हैं – जैसे आपका फोन, बस थोड़े बड़े!

कोविड के बाद तो प्राइवेट ट्रैवल का क्रेज़ ही बढ़ गया है। और हां, अब इको-फ्रेंडली यॉट्स की डिमांड भी खूब बढ़ रही है। शायद अमीरों को भी पर्यावरण की चिंता होने लगी है!

फाइनेंसिंग का सच: कैसे खरीदें अपना सुपरयॉट?

लोन लेना चाहते हैं? तो अपनी फाइनेंशियल हेल्थ दुरुस्त रखिए। बैंक वाले तो कागज़ात देखकर ही फैसला करते हैं। और हां, इंश्योरेंस को नज़रअंदाज़ मत करिएगा – ये उतना ही ज़रूरी है जितना कि आपकी यॉट का एंकर!

एक छोटी सी सलाह: मेंटेनेंस कॉस्ट को कभी कम मत समझिए। ये आपके घर के EMI से कहीं ज़्यादा हो सकती है। सच कहूं तो!

आखिरी बात: क्या ये सही इन्वेस्टमेंट है?

देखिए, सुपरयॉट सिर्फ स्टेटस सिंबल नहीं है – अगर सही तरीके से मैनेज किया जाए तो ये एक बेहतरीन इन्वेस्टमेंट हो सकता है। लेकिन… और ये बड़ा लेकिन है… बिना एक्सपर्ट एडवाइस के इसमें कदम मत रखिएगा।

जैसा कि Lisa कहती हैं, “रिस्क है तो इश्क है!” पर सही प्लानिंग के साथ। तो क्या आप तैयार हैं इस लक्ज़री वर्ल्ड में एंट्री लेने के लिए?

यह भी पढ़ें:

सुपरयॉट्स बिजनेस: जानिए वो सब कुछ जो आपको पता होना चाहिए!

सुपरयॉट्स बिजनेस में पैसे कमाने के राज़

असल में, यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है। देखा जाए तो सुपरयॉट्स से पैसे कमाने के तरीके वैसे ही हैं जैसे किसी पांच सितारा होटल के। चार्टर सर्विसेज (yacht rentals) तो सबसे आसान तरीका है – जैसे आप अपनी कार रेंट पर देते हैं वैसे ही। लेकिन यहां स्केल थोड़ा… बहुत ज्यादा बड़ा है! हफ्ते के लाखों, कभी-कभी तो करोड़ों तक। सेलिंग या ब्रोकरेज? बिल्कुल प्रॉपर्टी डीलिंग जैसा, बस समंदर में तैरती हुई प्रॉपर्टी। और हां, अमीरों के लिए लक्जरी इवेंट्स होस्ट करना तो जैसे चेरी ऑन द केक वाली बात है।

टैक्स बेनिफिट्स: कहां और कैसे?

अब यहां थोड़ा गणित आता है। टैक्स बेनिफिट्स पूरी तरह depend करते हैं आपके yacht के रजिस्ट्रेशन पर। माल्टा, केमैन आइलैंड्स जैसे टैक्स हेवन (tax haven) में रजिस्टर करवाओ तो कॉर्पोरेट टैक्स में खासी छूट मिल जाती है। ईमानदारी से कहूं तो यही वजह है कि दुनिया भर के अमीर लोग इन जगहों को पसंद करते हैं। VAT और ड्यूटी में भी फायदा मिल सकता है, पर एक शर्त के साथ – yacht को commercial use के लिए रजिस्टर करना होगा। थोड़ा पेचीदा? हां। लेकिन जहां इतने पैसे का खेल हो, वहां थोड़ी तो मेहनत करनी पड़ेगी!

इन्वेस्टमेंट: कितनी और क्यों?

सच कहूं? अगर आपको लगता है कि मुंबई में बंगला खरीदना महंगा है, तो सुपरयॉट्स के बारे में सोचकर तो आपके होश उड़ जाएंगे! एक luxury yacht की कीमत आपको बता दूं – छोटी वाली भी करोड़ों में, और बड़ी? अरबों तक पहुंच सकती है। लेकिन यही तो नहीं। असली खर्चा तो शुरू होता है मेन्टेनेंस के साथ। स्टाफ का पूरा झुंड, फ्यूल का बिल (जो कभी-कभी आपके महीने के grocery बिल से ज्यादा होता है!), इंश्योरेंस – ये सब मिलाकर एक बड़ा अमाउंट बन जाता है। पर जैसा कि वे कहते हैं – नो पेन, नो गेन!

किराये पर देना: क्या यह वाकई काम करता है?

बिल्कुल! और कैसे! High-net-worth individuals (HNWIs) और विदेशी टूरिस्ट्स तो मानो इसके लिए तरसते रहते हैं। सोचिए न, कोई अमीर शख्स जब छुट्टियां मनाने जाता है तो उसे होटल कहां भाता है? अपनी निजी यॉट पर समुद्र के बीचोंबीच वाइन पीते हुए सूर्यास्त देखना – यही तो है असली लक्जरी! और इसके लिए वे हफ्ते के लाखों, कभी-कभी तो महीने के करोड़ों तक खर्च करने को तैयार रहते हैं। तो अगर आपके पास पूंजी है और थोड़ा रिस्क लेने का हौसला, तो यह बिजनेस आपके लिए हीरा साबित हो सकता है। सच कहूं?

Source: Livemint – Industry | Secondary News Source: Pulsivic.com

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