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“SC ने CBI को हरी झंडी: NCR होमबायर्स को ठगने वाले बिल्डर्स-बैंक्स नेक्सस के 22 मामलों की जांच”

SC ने CBI को हरी झंडी दिखाई: NCR के होमबायर्स का पसीना कब सूखेगा?

सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार एक बड़ा फैसला सुना दिया है। CBI अब NCR में builders और banks के बीच चल रहे गंदे खेल की जांच करेगी। सोचिए, 22 मामले! ये सिर्फ नंबर नहीं हैं, बल्कि हजारों परिवारों की जिंदगी से जुड़ी कहानियां हैं। असल में देखा जाए तो ये मामला उन लोगों की आवाज बन गया है जिन्होंने EMIs तो भरे, लेकिन फ्लैट का चेहरा तक नहीं देखा। क्या यही है ‘होम लोन’ का मतलब?

पूरी कहानी क्या है?

ये सब तब शुरू हुआ जब 1,200 से ज्यादा मासूम होमबायर्स ने SC का दरवाजा खटखटाया। इनकी कहानी तो सुनिए – builders ने पैसे ले लिए, प्रोजेक्ट्स अधूरे पड़े हैं, और banks EMIs वसूलने में लगे हुए हैं। मजे की बात ये कि उपभोक्ता फोरम और हाई कोर्ट तो पहले भी इन builders को फटकार चुके हैं, लेकिन CBI जांच? वो तो जैसे लटकी हुई तलवार थी। अब शायद न्याय मिले।

SC ने क्या गजब का फैसला दिया?

SC ने सिर्फ CBI को जांच की इजाजत ही नहीं दी, बल्कि पूरा खेल ही बदल दिया है। अब CBI धन उगाही से लेकर banking नियमों की धज्जियां उड़ाने तक हर पहलू की जांच करेगी। और banks को साफ-साफ कह दिया गया है – “भाई, होमबायर्स को परेशान करना बंद करो!” खासकर उन मामलों में जहां प्रोजेक्ट्स पिछड़ चुके हैं। एकदम सही फैसला। सच में।

किसको क्या लग रहा है?

होमबायर्स तो जैसे राहत की सांस ले रहे हैं। एक याचिकाकर्ता का कहना है, “सालों से इंतजार कर रहे थे। अब लगता है कि सच सामने आएगा।” वहीं Real Estate Developers Association के कुछ लोगों का कहना है कि देरी की वजह पर्यावरण मंजूरी जैसी चीजें हैं। मतलब साफ है – दोष किसी और पर मढ़ दो! financial experts की राय? ये जांच real estate और banking सेक्टर को साफ-सुथरा बना सकती है, हालांकि फंडिंग पर असर पड़ सकता है।

आगे क्या होगा?

अब सबकी नजरें CBI पर टिकी हैं। जल्द ही builders और bank अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हो सकते हैं। अगर banks की गलती साबित होती है, तो होमबायर्स को कुछ राहत मिल सकती है। लंबे समय में देखें तो builders शायद अब प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे करने में ज्यादा गंभीर होंगे। या फिर… वही ढाक के तीन पात?

इस पूरे मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि real estate सेक्टर में सुधार की कितनी जरूरत है। SC का ये फैसला सिर्फ NCR के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फंसे हजारों होमबायर्स के लिए एक उम्मीद की किरण है। पर सवाल ये है – क्या ये किरण सच में सूरज बन पाएगी?

SC ने CBI को हरी झंडी दी: NCR के होमबायर्स के साथ हुए धोखे का सिलसिला अब थमेगा?

1. SC ने CBI को किन मामलों में छूट दी है?

देखिए, SC ने CBI को NCR में बिल्डर्स और बैंक्स के बीच चल रहे गठजोड़ के 22 मामलों की जांच की इजाज़त दी है। और ये कोई मामूली केस नहीं हैं। फ्लैट का पैसा लेकर भागना, डॉक्यूमेंट्स के बिना लोन ठेलना… सच कहूं तो ये सिस्टम का पूरा गेम है जो अब खुलने वाला है।

2. NCR के होमबायर्स के लिए इसका क्या मतलब है?

असल में, ये वो लोग हैं जिन्होंने सपने देखे थे अपने घर के, लेकिन मिला धोखा। कुछ को तो सिर्फ़ कागज़ पर फ्लैट मिले, कुछ के प्रोजेक्ट ही अधूरे पड़े हैं। अब CBI की जांच से कम से कम उम्मीद तो जगी है न? पर सवाल ये है कि क्या सच में कुछ होगा या फिर फाइलें ही धूल खाती रहेंगी?

3. क्या बिल्डर्स और बैंक वालों को अब डर लगने लगा है?

हालांकि, अभी तक तो कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। लेकिन अगर CBI को सबूत मिल गए तो…? फिर तो जुर्माना से लेकर जेल तक की नौबत आ सकती है। पर हमारे देश में तो आप जानते ही हैं – बड़े लोगों के केस कितनी जल्दी सुलझते हैं। है न?

4. अगर मैं भी ठगा गया हूं तो अब क्या करूं?

सुनिए, अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो पहले तो सारे डॉक्यूमेंट्स इकट्ठे करिए। फिर दो रास्ते हैं – या तो सीधे CBI के पास जाइए, या फिर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाइए। लेकिन एक बात याद रखिएगा… ये लड़ाई जल्दी खत्म होने वाली नहीं है। धैर्य रखना होगा।

Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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