सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला जिसका सबको इंतज़ार था: OBC को मिला आरक्षण, 60 साल पुराना रूल बदला!
असल में बात ये है कि भारत में सामाजिक न्याय की कहानी में एक नया पन्ना जुड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार OBC को आरक्षण देने का ऐलान कर दिया! और ये सिर्फ OBC की ही नहीं, SC, ST, दिव्यांगों, फौजी परिवारों और आज़ादी के लड़ने वालों के परिवारों के लिए भी बड़ी खुशखबरी है। सोचिए, 60 साल से चले आ रहे एक नियम को पलट दिया गया – ये कोई छोटी बात तो नहीं है न?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, हमारे संविधान के आर्टिकल 15 और 16 में आरक्षण का प्रावधान तो था, पर OBC वाला मामला हमेशा से थोड़ा पेचीदा रहा। 1960s का वो पुराना नियम, जिसकी वजह से OBC को आरक्षण नहीं मिल पा रहा था… उस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है। सच कहूँ तो ये कोर्ट और सरकार के बीच चल रही एक लंबी टग-ऑफ-वॉर का अंत है।
फैसले की खास बातें
5 जजों की बेंच ने एकमत से ये फैसला सुनाया। मतलब साफ है – अब OBC के लोगों को सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण मिलेगा। और हाँ, बाकी ग्रुप्स को भी। सरकार को इसे लागू करने के लिए 6 महीने का टाइम मिला है। पर सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहेगा? असल चुनौती तो अब शुरू होती है।
किसने क्या कहा?
दिलचस्प बात ये है कि सबके रिएक्शन अलग-अलग हैं। सरकार तो खुश है – “सामाजिक न्याय की बड़ी जीत” बता रही है। राजनीतिक दल? उनका तो काम ही है बयानबाजी करना! OBC लीडर्स की खुशी का ठिकाना नहीं, पर कुछ एक्सपर्ट्स चिंता जता रहे हैं कि जनरल कैटेगरी वालों में गुस्सा बढ़ सकता है। सच तो ये है कि हर फैसले के दो पहलू होते हैं न?
आगे क्या होगा?
अब देखना ये है कि सरकारें कैसे इसे लागू करती हैं। नई कोटा सिस्टम बनानी होगी, नौकरियों और एडमिशन में बदलाव करने होंगे। और हाँ, कोर्ट में चुनौतियाँ भी आ सकती हैं – ये तो हमारे देश का नियम सा बन गया है! एक बात तय है – ये फैसला सिर्फ आरक्षण तक ही नहीं, बल्कि हमारी पूरी सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित करेगा। क्या ये सही दिशा में उठाया गया कदम है? वक्त ही बताएगा।
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OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: जानिए क्या बदलेगा अब?
1. सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण को लेकर क्या ऐतिहासिक फैसला दिया है?
देखिए, सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार 60 साल पुराने नियम को पलट दिया है! अब OBC (Other Backward Classes) को भी आरक्षण मिलेगा। सच कहूं तो ये फैसला सिर्फ कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। पर सवाल यह है कि क्या यह वाकई ग्राउंड लेवल पर बदलाव ला पाएगा?
2. OBC समुदाय के लिए इसका क्या मतलब है? असली फायदा क्या होगा?
असल में बात ये है कि अब शिक्षा और सरकारी नौकरियों में OBC को आरक्षण मिलेगा। मगर सिर्फ कोटा मिल जाने से काम नहीं चलेगा न? जमीनी हकीकत तो ये है कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, पर धीरे-धीरे। एकदम जादू की छड़ी नहीं घुम जाएगी। हालांकि शुरुआत तो अच्छी है!
3. क्या यह फैसला पूरे देश में लागू होगा, या फिर राज्यों की मर्जी पर छोड़ दिया जाएगा?
तो सुनिए, टेक्निकली तो ये फैसला पूरे भारत में लागू होगा क्योंकि ये केंद्र सरकार का नियम है। लेकिन…हमेशा की तरह एक ‘लेकिन’ तो है ही! राज्य सरकारों को इसे लागू करने के लिए गाइडलाइन्स फॉलो करनी होंगी। मतलब कुछ राज्य तुरंत लागू कर देंगे, कुछ में देर भी लग सकती है। है न मजेदार बात?
4. SC/ST आरक्षण पर क्या पड़ेगा असर? कहीं OBC कोटा उनका हिस्सा तो नहीं खाएगा?
अरे नहीं भई! यहां कोई जीरो-सम गेम नहीं चल रहा। SC/ST का कोटा पूरा का पूरा सुरक्षित रहेगा। OBC को अलग से आरक्षण मिलेगा। समझ लीजिए जैसे केक का साइज बढ़ गया हो, न कि किसी का टुकड़ा छोटा किया गया हो। पर सच पूछो तो अब देखना ये है कि इम्प्लीमेंटेशन कैसे होता है!
वैसे…एक बात और। क्या आपको नहीं लगता कि सिर्फ आरक्षण से बड़ी समस्याएं हल नहीं होंगी? शिक्षा और रोजगार के मौके बढ़ाने पर भी तो ध्यान देना होगा। लेकिन ये फैसला तो एक शुरुआत है। देखते हैं आगे क्या होता है!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com