सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा, पर BJP का राहुल गांधी पर पीछा नहीं छूटा – जानिए क्या है पूरा गोरखधंधा
आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ने राजनीति का तापमान बढ़ा दिया। जजों ने राहुल गांधी से सीधे पूछा – “भईया, चीन वाला दावा… क्या कोई ठोस सबूत है आपके पास?” और फिर क्या था, BJP को तो जैसे मौका मिल गया। लोकसभा में ऐसा हंगामा कि पूछो मत। अब ये केस कानूनी दांव-पेंच से आगे निकलकर सीधे ‘राजनीतिक कुश्ती’ में तब्दील हो गया है।
पूरा माजरा क्या है? राहुल बोले, सरकार झटके में!
असल में देखा जाए तो राहुल गांधी पिछले कुछ महीनों से चीन को लेकर ऐसी-वैसी बातें कर रहे थे। भाषणों में दावा करते नजर आए कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। पर सवाल यह है कि – सबूत कहाँ है? सरकार तो पहले से ही गरम थी, अब कोर्ट की टिप्पणी ने आग में घी का काम किया। एक तरफ तो सरकार कह रही है कि ये बेबुनियाद आरोप हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि सच दबाया जा रहा है। मजे की बात ये कि दोनों ही पक्ष अपने-अपने तरीके से ‘देशभक्ति’ का झंडा लहरा रहे हैं!
कोर्ट ने पूछे सीधे सवाल – “भई सबूत दिखाओ!”
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तो कमाल की थी। जज साहब ने सीधे राहुल से पूछा – “यार, अगर तुम्हें पता था तो सरकार को क्यों नहीं बताया?” और तो और, “कागजात कहाँ हैं?” BJP वालों के तो जैसे दिन बन गए। लोकसभा में तो ऐसा शोर मचाया कि मानो टीवी सीरियल का क्लाइमेक्स आ गया हो। एक BJP नेता तो इतने जोश में आए कि राहुल को ‘मिस्टर फेक न्यूज’ तक कह डाला।
राजनीति का खेल या सच्चाई की लड़ाई?
अब स्थिति ये है कि कांग्रेस वाले चिल्ला रहे हैं – “सरकार चीन के आगे घुटने टेक चुकी है!” वहीं BJP का कहना है कि – “ये लोग देश की इमेज खराब कर रहे हैं।” विशेषज्ञों की राय? उनका कहना है कि “यार, राष्ट्रीय सुरक्षा पर तो राजनीति नहीं होनी चाहिए।” पर कौन सुनता है भला? सच तो ये है कि 2024 के चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, और ये मुद्दा दोनों पार्टियों के लिए ‘पोलिटिकल अम्मूनिशन’ का काम कर रहा है।
अब आगे क्या? कोर्ट का फैसला या राजनीतिक रंगमंच?
अगली सुनवाई तक तो ये टेन्शन और बढ़ेगा ही। राहुल को अब सबूत पेश करने होंगे – वरना फजीहत तो होगी ही। BJP इस मुद्दे को चुनाव तक घसीटेगी, ये तय है। और कांग्रेस? वो तो संसद में और जोर-शोर से हंगामा करेगी। एक बात तो साफ है – ये केस अब सीमा विवाद से निकलकर ‘वोट बैंक’ के खेल में तब्दील हो चुका है। आखिरकार, भारतीय राजनीति में सच क्या है और नाटक क्या – ये तो जनता ही तय करेगी। है न?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com