वोटर लिस्ट विवाद: चंद्रबाबू नायडू का बड़ा बयान, और अब क्या?
अरे भई, ये बिहार का वोटर लिस्ट विवाद तो हद हो गया! TDP सुप्रीमो और आंध्र के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तो आज केंद्र सरकार को खुली चुनौती दे डाली। Special Intensive Revision (SIR) के नाम पर जो हो रहा है, उसे लेकर उन्होंने Election Commission पर सीधा निशाना साधा है। और सच कहूं तो… सिर्फ वही नहीं, NDA के कुछ दल भी अब सवाल उठा रहे हैं। मामला गरमाने वाला है!
पूरा केस समझिए: क्यों भड़का विवाद?
देखिए न, बिहार में वोटर लिस्ट की ये SIR प्रक्रिया चल रही थी न? काम तो 88% पूरा भी हो चुका है। लेकिन असल मसला ये है कि हर जगह अलग-अलग रूल्स लागू हो रहे हैं। कहीं Aadhaar मांगा जा रहा है, कहीं नहीं। कुछ इलाकों में जन्म प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ रही है तो दूसरी जगह कोई पूछने वाला नहीं। ये कैसा भेदभाव? नतीजा – वोटर लिस्ट में खलबली मच गई है और आम जनता परेशान।
चंद्रबाबू का ‘तीन मांगों वाला पैकेज’
अब नायडू साहब ने क्या किया? उन्होंने तीन सीधी-सी मांगें रख दीं:
1. पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता हो
2. अनियमितताओं की जांच के लिए स्वतंत्र कमेटी बने
3. प्रभावित वोटर्स को तुरंत राहत मिले
और भई… बात सिर्फ विपक्ष की नहीं है। NDA के अपने ही कुछ दलों को भी EC की कार्यशैली पर ऐतराज है। ये तो बिल्कुल वैसा हुआ जैसे घर का भेदी… खैर, आगे देखते हैं।
राजनीति का गर्मा-गर्म रिएक्शन
TDP वालों ने तो सीधे इसे “लोकतंत्र की हत्या” तक कह डाला! उनका आरोप है कि केंद्र चुनावी प्रक्रिया में दखल दे रहा है। BJP वाले बचाव में – “EC पूरी तरह स्वतंत्र है, सरकार का कोई रोल नहीं।” पर सच्चाई ये है कि ग्राउंड लेवल पर लोगों के नाम गायब हो रहे हैं, कहीं फर्जी एंट्री हो रही है। एक तरफ तो ये सब… दूसरी तरफ हमारा ‘मजबूत लोकतंत्र’। विडंबना देखिए!
अब आगे क्या? 3 संभावित सिनेरियो
EC ने जांच का वादा किया है, पर अगर जल्द कुछ नहीं हुआ तो:
1. TDP और दूसरे दल सड़कों पर उतर सकते हैं
2. बिहार तो प्रभावित होगा ही, अन्य राज्यों के चुनाव भी डिस्टर्ब हो सकते हैं
3. चुनावी सुधारों पर फिर से बहस छिड़ेगी
एक्सपर्ट्स कह रहे हैं – ये सिर्फ वोटर लिस्ट का मसला नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की परख की घड़ी है। अब देखना ये है कि केंद्र और EC इस आग पर कैसे पानी डालते हैं।
मेरी निजी राय? जनता का विश्वास टूट रहा है। और याद रखिए, लोकतंत्र में विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी होती है। बस।
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वोटर लिस्ट विवाद और चंद्रबाबू नायडू की मांगें – जानिए पूरा मामला
वोटर लिस्ट विवाद (Voter List Controversy) – क्या है यह पूरा झगड़ा?
देखिए, आंध्र प्रदेश में चुनाव से पहले जो हंगामा खड़ा हुआ है, वो कोई मामूली बात नहीं। टीडीपी वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि वोटर लिस्ट में ऐसी-वैसी कर दी गई है जैसे किसी ने कॉपी-पेस्ट का खेल खेल दिया हो! उनका दावा है कि नकली नाम डाले गए हैं, असली वोटर्स को हटाया गया है… सच क्या है? यह तो जांच से ही पता चलेगा।
चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली के सामने क्या-क्या रखा?
अब चंद्रबाबू जी तो सीधे केंद्र सरकार के पास पहुंचे हैं और तीन सीधी-सपाट मांगें रख दी हैं:
- वोटर लिस्ट की जांच के लिए एक निष्पक्ष कमेटी – जिस पर किसी का दबाव न हो
- जिन अधिकारियों ने गड़बड़ी की, उन पर एक्शन – सस्पेंड करो, केस करो, कुछ तो करो!
- नई वोटर लिस्ट बनाई जाए – पूरी पारदर्शिता के साथ
सीधी बात न? लेकिन क्या दिल्ली इन मांगों को मानेगी? यह तो वक्त बताएगा।
क्या यह विवाद चुनाव के नतीजे बदल सकता है?
अरे भाई, सवाल ही क्या है! अगर वोटर लिस्ट में सच में छेड़छाड़ हुई है तो… समझ लीजिए कि क्रिकेट मैच में स्कोरबोर्ड ही गलत हो जाए। किसी को फायदा, किसी को नुकसान – और फिर तो पूरा खेल ही अलग हो जाता है। इसीलिए यह मुद्दा इतना गरमाया हुआ है।
टीडीपी ने अब तक क्या-क्या किया?
टीडीपी वालों ने तो पूरा प्लान ही बना रखा है:
- केंद्र सरकार को मेमोरेंडम दिया – लिखित में शिकायत दर्ज करवाई
- मीडिया के सामने आए – प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी
- और साफ़ कह दिया कि अगर न्याय नहीं मिला तो… कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे!
अब देखते हैं कि यह मामला कहां तक जाता है।
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