“शिक्षक ने कक्षा में रखा गाय का असली दिमाग! विवाद के बाद सस्पेंड, केस दर्ज”

शिक्षक ने क्लास में ले आया गाय का असली दिमाग! अब क्या-क्या हुआ, जानिए पूरा मामला

सुनकर थोड़ा अजीब लगता है न? पर तेलंगाना के एक स्कूल में यही हुआ। एक बायोलॉजी टीचर ने students को समझाने के लिए क्लास में गाय का असली दिमाग ले आया। और फिर… बस हो गया बवाल! टीचर सस्पेंड, पुलिस केस, विरोध प्रदर्शन – सबकुछ। असल में बात ये है कि गाय को हमारे यहाँ सिर्फ एक जानवर नहीं माना जाता। तो जाहिर है, ये मामला सीधे धार्मिक भावनाओं से टकरा गया।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर टीचर ने ऐसा क्यों किया? दरअसल, वो मानव और पशु मस्तिष्क की बनावट समझा रहे थे। और उन्हें लगा कि असली चीज़ दिखाने से बच्चों को बेहतर समझ आएगी। मगर यहाँ वाली बात ये है कि हमारे देश में पढ़ाई के साथ-साथ संवेदनशीलता भी तो जरूरी है। कुछ parents तो बहुत नाराज हुए – “ये कैसी पढ़ाई? बिल्कुल गलत तरीका!”

घटना के बाद तो स्कूल वालों ने तुरंत एक्शन लिया। टीचर को सस्पेंड कर दिया गया। पुलिस ने IPC की धारा 295A के तहत केस दर्ज किया। स्थानीय स्तर पर कुछ लोगों ने विरोध भी किया। पर दूसरी तरफ, कुछ शिक्षकों और बुद्धिजीवियों का कहना है – “अगर इरादा सिर्फ पढ़ाने का था, तो सजा क्यों?” बिल्कुल वाजिब सवाल है!

इस पूरे मामले में दोनों पक्षों के तर्क सुनने लायक हैं। एक तरफ धार्मिक नेता कह रहे हैं – “गाय हमारी माता समान है, ऐसे प्रयोग बर्दाश्त नहीं!” वहीं टीचर्स एसोसिएशन वाले कहते हैं – “Practical demonstration तो पढ़ाई का अहम हिस्सा है, बस थोड़ा सोच-समझकर चलना चाहिए था।” सच कहूँ तो दोनों ही बातों में दम है।

अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि आगे क्या होगा? पुलिस जाँच कर रही है, स्कूल नए guidelines बना रहा है। और सबसे बड़ी बात – ये मामला एक बहस छेड़ गया है कि एजुकेशन और रिलीजियस सेन्टीमेंट्स के बीच बैलेंस कैसे बनाया जाए। क्योंकि एक तरफ practical knowledge जरूरी है, तो दूसरी तरफ भावनाओं का भी तो ख्याल रखना पड़ता है।

आखिर में बस इतना कहूँगा – ये केस हमें सोचने पर मजबूर करता है। क्या पढ़ाई के नाम पर कुछ भी जायज़ है? या फिर कुछ सीमाएँ होनी चाहिए? आपकी क्या राय है? कमेंट में जरूर बताइएगा!

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शिक्षक ने क्लास में गाय का दिमाग रखा – जानिए पूरा विवाद और आपके सवालों के जवाब

1. भईया, ये पूरा ड्रामा क्या है? क्या चल रहा है?

सुनिए, एक टीचर साहब ने बायोलॉजी क्लास में गाय का असली दिमाग (real brain) ले आए। सीधे कहूं तो – बच्चे तो बच्चे, पेरेंट्स तक की नींद उड़ गई! नतीजा? टीचर सस्पेंड, पुलिस केस, और पूरे इलाके में हड़कंप। अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा हुआ क्यों?

2. भला इन टीचर साहब को सूझा क्या था? कोई लॉजिक था या सिर्फ सनक?

देखिए, टीचर का दावा है कि वो बस प्रैक्टिकल नॉलेज देना चाहते थे। मगर यार…गाय का दिमाग? सच कहूं तो मेडिकल कॉलेज में भी इतनी खुली प्रैक्टिकल नहीं होती! स्कूल वालों और पेरेंट्स का गुस्सा बिल्कुल जायज है। Ethical तो ये तरीका कतई नहीं था।

3. अब तक क्या-क्या हुआ है? टीचर पर क्या बीती?

क्या बताऊं…एक तरफ तो स्कूल ने तुरंत सस्पेंड कर दिया। दूसरी तरफ पुलिस ने IPC की धारा 295A (religious sentiments वाली) लगा दी। अभी जांच चल रही है, लेकिन ये केस साधारण नहीं रहा। धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ का मामला है ना!

4. सबसे बड़ा सवाल – क्या ये कानूनन गलत था?

सुन लीजिए – बिल्कुल! पहली बात तो, बिना परमिशन किसी जानवर के अंग लाना ही वाइल्डलाइफ कानून तोड़ना है। दूसरा, एनिमल क्रूएल्टी के तहत भी केस बन सकता है। और सबसे बड़ी बात – भारत में गाय को लेकर संवेदनशीलता…ये तो आप जानते ही हैं। एकदम गलत फैसला था टीचर का।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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