“शहाबुद्दीन-तस्लीमुद्दीन अमर रहे” वाले नारे पर तेजस्वी यादव फिर चर्चा में, BJP का तीखा जवाब!
अरे भई, बिहार की राजनीति में शोर-शराबा तो लगा रहता है, लेकिन ये नया विवाद कुछ ज्यादा ही दिलचस्प हो गया है। RJD की हालिया बैठक में “शहाबुद्दीन अमर रहे” और “तस्लीमुद्दीन अमर रहे” के नारे सुनकर BJP तो मानो आग बबूला हो गई। सच कहूं तो, ये मामला सिर्फ नारों से आगे निकलकर अब बिहार की सियासत का नया हथियार बनता दिख रहा है। और हां, 2025 के चुनाव का माहौल तो पहले से ही गरम था, अब तो ये और भी मसालेदार हो गया है!
कौन हैं ये शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन? जानिए पूरा किस्सा
देखिए न, मामला समझने के लिए पहले इन दोनों शख्सियतों को जानना जरूरी है। शहाबुद्दीन तो वही है जिसके नाम से बिहार के लोग कांप जाते थे – पूर्व सांसद, कुख्यात अपराधी, और हां… RJD का पुराना चेहरा। उधर तस्लीमुद्दीन भी कम विवादित नहीं। सच पूछो तो RJD पर अपराधियों को पालने-पोसने के आरोप नए नहीं हैं। लालू यादव के जमाने से ये सिलसिला चला आ रहा है, और अब तेजस्वी के दौर में भी ये मुद्दा फिर से जिंदा हो गया है। है न मजेदार बात?
बैठक में क्या हुआ था? BJP को इतना गुस्सा क्यों आया?
असल में बात ये हुई कि RJD की बैठक में लालू-राबड़ी की मौजूदगी में ये नारे लगे। और फिर? फिर तो BJP ने तेजस्वी को ‘तेज़ाब न्याय’ वाली राजनीति से जोड़ दिया! याद है न वो भागलपुर दंगों का दर्दनाक इतिहास? BJP प्रवक्ता का कहना था – “RJD तो अपराधियों की पूजा करती है!” सोशल मीडिया पर तो मानो तूफान आ गया, BJP ने वीडियो क्लिप्स शेयर करके RJD को घेरने की पूरी कोशिश की। पर सच्चाई क्या है? ये तो वक्त ही बताएगा।
अब आगे क्या? राजनीति का नया समीकरण?
RJD का कहना है कि ये सब बस नारेबाजी थी, जबकि BJP इसे सियासी हथियार बना रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो, ये विवाद चुनाव से पहले साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है। और हां, कानूनी पचड़े भी शुरू हो सकते हैं। लेकिन असली सवाल तो ये है कि बिहार की जनता इस पर क्या सोचती है? क्योंकि आखिरकार, वोट तो उन्हीं के हाथ में है न!
एक तरफ BJP इस मुद्दे को हवा दे रही है, तो दूसरी ओर RJD इसे षड्यंत्र बता रही है। सच कहूं तो, बिहार की राजनीति में अपराध और साम्प्रदायिकता का ये खेल नया नहीं है। लेकिन इस बार ये कितना हिट होगा? ये तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे। फिलहाल तो ये मामला सियासी गलियारों में जोरदार चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या आपको नहीं लगता कि आने वाले दिनों में ये और भी गरमा सकता है?
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तेजस्वी और BJP का नया विवाद: जानिए क्या है पूरा मामला?
1. शहाबुद्दीन-तस्लीमुद्दीन पर तेजस्वी का बयान – क्या बोले असल में?
मामला कुछ यूँ है कि तेजस्वी यादव ने “शहाबुद्दीन-तस्लीमुद्दीन अमर रहे” का नारा दिया। और फिर? फिर तो BJP ने उन पर तेजाब न्याय वाली राजनीति का इल्ज़ाम लगा दिया। सच कहूँ तो, Twitter पर यह टॉपिक पिछले दो दिन से ट्रेंड कर रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में तेजस्वी का इरादा कुछ गलत था? या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा है?
2. BJP ने क्यों उठाई तेजस्वी के खिलाफ आवाज़?
देखिए, BJP का कहना है कि तेजस्वी अपराधियों को हीरो बना रहे हैं। उनका आरोप है कि यह “तेजाब न्याय” की राजनीति है। मतलब? मतलब यह कि वो अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। पर सच्चाई क्या है? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। एक बात तो तय है – BJP ने इसकी जमकर निंदा की है।
3. यह विवाद इतना बड़ा क्यों? समझिए असली मुद्दा
असल में यह सिर्फ एक नारे का मामला नहीं है। यह बिहार की उस जटिल राजनीति को दिखाता है जहाँ साम्प्रदायिकता और अपराध का राजनीतिकरण होता रहा है। और हाँ, दोनों पार्टियाँ इसका फायदा उठाने में माहिर हैं। क्या आपको नहीं लगता कि यह सब वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है?
4. जनता क्या कह रही है? Social Media पर क्या चल रहा है?
अरे भई, Twitter तो गर्म है! एक तरफ #TejashwiYadav के सपोर्ट में ट्वीट्स की बाढ़ आई हुई है, तो दूसरी तरफ #BJPVsTejashwi ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि तेजस्वी सही हैं, तो कुछ का कहना है कि यह सिर्फ विवाद खड़ा करने की कोशिश है। सच तो यह है कि social media पर हर चीज़ का दोनों तरफ से जबरदस्त विरोध और समर्थन होता है। है न?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com