तेलंगाना दिवालिया होने की कगार पर? CAG की रिपोर्ट ने उड़ाए सरकार के होश!
अरे भई, तेलंगाना की हालत तो देखो! CAG की नई रिपोर्ट पढ़कर लगता है राज्य का बजट बिल्कुल ICU में पहुंच गया है। साल भर से experts चेतावनी दे रहे थे, लेकिन आज जो आंकड़े सामने आए हैं – महीने के 4000 करोड़ का घाटा? सच में? ये तो वैसा ही है जैसे घर का मुखिया महीने की तनख्वाह से पहले ही सारा पैसा उड़ा दे।
ये हालात आए कैसे?
देखिए ना, 2014 में नए राज्य बनने के बाद तेलंगाना सरकार ने कुछ ज़बरदस्त योजनाएं लॉन्च की थीं – Rythu Bandhu, Aasara Pension… शुरू में तो लोग खुश थे। पर अब? असल में पता चला है कि इन्हें चलाने के लिए सरकार ने ऑफ-बजट लोन ले लिए – 36,900 करोड़! CAG ने इसे सीधे-सीधे ‘वित्तीय धोखाधड़ी’ कहा है। ओहो!
मजे की बात ये कि एक तरफ तो टैक्स कलेक्शन GST से कम हो रहा था, दूसरी तरफ खर्चे आसमान छू रहे थे। आप ही बताइए, ऐसे में घाटा तो होगा ही ना?
CAG ने क्या-क्या उजागर किया?
रिपोर्ट में सबसे धमाकेदार खुलासा? हर महीने 4000 करोड़ का छेद! अकेली Aasara Pension पर सालाना 12,000 करोड़? भई साहब, ये तो वैसा ही है जैसे घर का बजट बनाते समय महीने के 10 दिन की सैलरी ही गायब हो जाए।
और तो और, सरकार ने 36,900 करोड़ का कर्ज छुपा रखा था। यानी बच्चों की तरह चोरी-छिपे चॉकलेट खा ली, और रैपर छुपा दिया। अब पूछिए मत कि कर्ज का पहाड़ कैसे बन गया!
राजनीति गरमाई
रिपोर्ट आते ही विपक्ष के लोगों को मौका मिल गया। BJP-Congress वाले तो मानो होली के रंगों की तरह सरकार पर टूट पड़े। उनका कहना है – “ये सारी योजनाएं तो सिर्फ वोट बैंक के लिए थीं!”
वहीं BRS वाले बचाव में उतरे – “अरे भई, केंद्र ने funds ही नहीं दिए!” पर सच तो ये है कि अब खर्चे काटने के अलावा कोई चारा नहीं। नहीं तो… समझदार लोग समझ गए होंगे!
आगे क्या?
तो अब सवाल यह है कि इस गड्ढे से निकले कैसे? एक्सपर्ट्स कह रहे हैं – कर्ज पर कंट्रोल करो, खर्च घटाओ, नई आमदनी के रास्ते खोजो। पर सच कहूं? 2024 के चुनावों में ये मुद्दा ज़रूर गरमाएगा। विपक्ष तो मानो दिवाली के पटाखों की तरह इस पर भड़केगा!
आखिरी बात
CAG की ये रिपोर्ट एक तरह से रेड अलर्ट है। अगर अभी नहीं संभले, तो तेलंगाना सच में दिवालिया हो सकता है। सरकार को अब जनकल्याण और वित्तीय अनुशासन के बीच बैलेंस बनाना होगा। वरना… खैर, आप समझदार हैं!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com