थेम्स वॉटर का बवाल: 10 साल लगेंगे संभलने में? सच में?
अंग्रेजों का पानी अब सच में सर से ऊपर चढ़ गया लगता है! ब्रिटेन की सबसे बड़ी वॉटर कंपनी Thames Water ने जो हालात पेश किए हैं, उन्हें सुनकर तो लगता है कि ये कंपनी अब डूबने ही वाली है। £1.65 बिलियन (यानी हमारे 17,500 करोड़ रुपए!) का घाटा? भई साहब… ये तो कोई मजाक नहीं है। और सबसे हैरान करने वाली बात? कंपनी खुद मान रही है कि इन हालात से उबरने में उन्हें पूरे 10 साल लग सकते हैं। अरे भाई, 10 साल तो किसी बच्चे को पढ़ा-लिखाकर इंजीनियर बनाने में लग जाते हैं!
पानी में कैसे डूबी ये कंपनी?
सोचिए, ये कंपनी तो ब्रिटेन के 1.5 करोड़ लोगों को पानी पिलाती है – यानी हमारे मुंबई से भी ज्यादा आबादी! लेकिन पिछले कुछ सालों में तो ये कंपनी खुद ही डूबती चली गई। £15 बिलियन (1.6 लाख करोड़ रुपए!) का कर्ज? ये तो वही हुआ न कि घर का चिराग ही घर जला दे।
और तो और, 2022 में तो इन्होंने सीवेज लीक करके पूरे पर्यावरण को खराब कर दिया था। उस पर मिला भारी जुर्माना तो जैसे नमक घाव पर छिड़कने जैसा था। विशेषज्ञों का कहना है कि यहीं से शुरू हुई थी इस कंपनी की बर्बादी की कहानी।
आंकड़े जो दिल दहला देते हैं
इस साल की रिपोर्ट तो ऐसी है जैसे कोई हॉरर मूवी:
- £1.65 बिलियन का घाटा – पिछले साल से 50% ज्यादा! (क्या कोई इतना भी घाटा कमा सकता है?)
- कर्ज का पहाड़ जो £15 बिलियन को छू रहा है
- और अब तो ये लोग ग्राहकों के water bills भी बढ़ाने वाले हैं – मतलब जिन्हें पानी पिलाना था, वो अब खून चूसेंगे!
शेयर बाजार वालों का कहना है कि ये कंपनी के इतिहास का सबसे बुरा दौर है। और सच कहूं तो, इनके शेयरों को देखकर तो लगता है कि अब कोई इनमें पैसा लगाने वाला भी नहीं बचा।
हंगामा मच गया है!
इस मामले ने तो सबको गरमा दिया है:
उपभोक्ता संगठन तो बिल्कुल आग बबूला हैं – कह रहे हैं कि कंपनी की गलतियों की सजा आम लोगों को क्यों भुगतनी पड़े? सही कह रहे हैं न?
वहीं एक्सपर्ट्स की राय है कि अब तो या तो सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ेगा, या फिर कोई अंबानी-अदानी जैसा बड़ा निवेशक ही इसे बचा पाएगा। पर सच पूछो तो, इतने बड़े घाटे वाली कंपनी में कौन पैसा लगाएगा भला?
कंपनी वालों ने तो बस एक फॉर्मल सा बयान देकर छुट्टी पा ली – “हम मेहनत कर रहे हैं… लेकिन 10 साल लग सकते हैं।” अरे भाई, 10 साल में तो कोई नई कंपनी खड़ी की जा सकती है!
आगे क्या होगा?
अब तो लगता है कि ये संकट और भी बड़ा होने वाला है:
- पानी के बिलों में 40% तक की बढ़ोतरी! यानी अगर आज 1000 रुपए का बिल आता है, तो आने वाले सालों में 1400 रुपए तक पहुंच सकता है। क्या आप तैयार हैं?
- ब्रिटेन सरकार अब इनके management पर नजर रखेगी – जैसे कोई टीचर नटखट बच्चे को देखती है!
- और शेयर बाजार? उसका तो पता नहीं, लेकिन लगता तो यही है कि और गिरावट आएगी।
सच कहूं तो, ये मामला सिर्फ Thames Water तक सीमित नहीं है। ये तो पूरे सेक्टर के लिए एक सबक है – कि अगर बुनियादी चीजों को नजरअंदाज किया गया, तो नतीजे कितने भयानक हो सकते हैं। अब देखना ये है कि क्या ये कंपनी इस गड्ढे से निकल पाएगी, या फिर सरकार को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। एक बात तो तय है – ब्रिटेन के लोगों को अब महंगा पानी पीना पड़ेगा। शाब्दिक अर्थ में!
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Source: Financial Times – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com