F-16 को पीछे छोड़ देंगे ये 10 जानलेवा हथियार! युद्ध का नक्शा ही बदल देंगे
भाई, आजकल की सेनाएं क्या कमाल की हो गई हैं! जहां पहले F-16 और J-35 जैसे विमानों को युद्ध का बादशाह समझा जाता था, वहीं अब नई टेक्नोलॉजी ने सारे पुराने कॉन्सेप्ट्स को ध्वस्त कर दिया है। सच कहूं तो, अब युद्ध के मैदान में वही जीतेगा जिसके पास ये नए जमाने के हथियार होंगे। आज मैं आपको ऐसे ही 10 किलर वेपन्स के बारे में बताऊंगा जो सचमुच युद्ध का रुख पलक झपकते ही बदल सकते हैं।
जब तकनीक ने बदल दी लड़ाई की परिभाषा
देखिए न, पिछले 20-30 सालों में मिलिट्री टेक्नोलॉजी ने कितनी तरक्की कर ली है। अब तो हाइपरसोनिक मिसाइल्स, लेजर वेपन्स और ऑटोनोमस drones जैसी चीजें रियलिटी बन चुकी हैं। मजे की बात ये कि ये हथियार न सिर्फ बेहद तेज हैं, बल्कि इन्हें रोक पाना भी लगभग नामुमकिन सा हो गया है। असल में, यही वो गेम-चेंजर है जिसने वर्ल्ड पॉलिटिक्स के समीकरण ही बदल दिए हैं।
दुनिया के सबसे खतरनाक 10 हथियार – जिनके आगे F-16 भी फेल
1. रूस की ‘Avangard’ हाइपरसोनिक मिसाइल – ये तो सचमुच में कमाल है भाई! ध्वनि से 20 गुना तेज रफ्तार, और किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने की क्षमता। एकदम जबरदस्त!
2. अमेरिका का ‘B-21 Raider’ स्टील्थ बॉम्बर – इसे ‘गॉस्ट प्लेन’ भी कह सकते हैं। रडार पर दिखाई नहीं देता, और दुश्मन के एयरस्पेस में घुस जाता है बिना किसी को पता चले।
3. चीन की ‘DF-17’ मिसाइल – इसकी सबसे खतरनाक बात? ये बिल्कुल अप्रत्याशित रास्ते से हमला करती है। रोकना तो दूर, पता भी नहीं चलता कब कहां से आ जाएगी।
4. इजराइल का ‘Iron Dome’ – ये सिस्टम तो जैसे साइंस फिक्शन से निकलकर आया है। 90% से ज्यादा सफलता दर के साथ आने वाली मिसाइलों को मार गिराता है।
5. भारत का ‘BrahMos’ – हमारा गर्व! रूस के साथ मिलकर बनाया गया ये सुपरसोनिक मिसाइल दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल्स में से एक है।
6. अमेरिका का ‘AGM-183A ARRW’ – 1000 किमी तक मार करने वाला ये हाइपरसोनिक मिसाइल अमेरिकी एयरफोर्स का गर्व है।
7. तुर्की का ‘Bayraktar TB2’ ड्रोन – यूक्रेन वॉर में इसने जो परफॉर्म किया, उसके बाद तो हर देश इसे खरीदना चाहता है।
8. ब्रिटेन का ‘DragonFire’ लेजर – प्रकाश की गति से हमला करने वाला ये हथियार कम खर्च में ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
9. उत्तर कोरिया की ‘Hwasong-15’ – 12,000 किमी तक मार करने वाली ये ICBM पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
10. फ्रांस की ‘Rafale’ – 4.5 जनरेशन का ये फाइटर जेट अपनी वर्सेटिलिटी के लिए मशहूर है। भारत ने भी इसे खरीदा है, और सच कहूं तो ये हमारी एयरफोर्स का गेम-चेंजर है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
दिलचस्प बात ये है कि डिफेंस एक्सपर्ट्स इन हथियारों को लेकर काफी चिंतित हैं। अमेरिका तो हाइपरसोनिक आर्म्स रेस को ग्लोबल स्टेबिलिटी के लिए खतरा मानता है। वहीं भारत का BrahMos तो सचमुच में एक ‘गेम-चेंजर’ साबित हुआ है। और चीन? वो तो अपने DF-17 को ‘अजेय’ बता रहा है। सच कहूं तो, ये सारे हथियार न सिर्फ वॉरफेयर बदल देंगे, बल्कि इनसे नए तरह के खतरे भी पैदा होंगे।
भविष्य क्या लाएगा?
अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या? टेक्नोलॉजी तो रोज नई ऊंचाइयां छू रही है। जल्द ही हम ऑटोनोमस वेपन सिस्टम्स, क्वांटम कंप्यूटिंग बेस्ड डिफेंस और स्पेस वेपन्स देखने वाले हैं। एक बात तो तय है – अगले 10 सालों में युद्ध लड़ने का तरीका ही बदल जाएगा। और जो देश टेक्नोलॉजी में आगे होंगे, वही वर्ल्ड पॉलिटिक्स पर राज करेंगे। सोचिए, क्या हम इसके लिए तैयार हैं?
F-16 से भी खतरनाक? ये आधुनिक हथियार जानकर दंग रह जाएंगे आप!
1. F-16 को पछाड़ देने वाले हथियार – क्या है इनकी खासियत?
देखिए, F-16 तो अपने ज़माने का बादशाह था। लेकिन अब? टेक्नोलॉजी ने क्या से क्या कर दिया! Russian Su-57 Stealth Fighter की बात ही अलग है – ये रडार पर पकड़ में ही नहीं आता। American B-21 Raider Bomber तो जैसे साइंस फिक्शन फिल्म से निकलकर आया हो। और Hypersonic Missiles? भाई, इनकी स्पीड का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है। सच कहूं तो ये सभी F-16 को पुराना ज़माने का हथियार साबित कर देते हैं।
2. क्या भारत भी इस रेस में है? जानिए हमारे ‘घर के लड़ाकों’ के बारे में
अरे भई, हम कहां पीछे रहने वाले हैं! हमारे Rafale Fighter Jets की तो बात ही निराली है – फ्रांसीसी तकनीक पर भारतीय जुगाड़ का कमाल। BrahMos Missile? सुनकर ही दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं – दुनिया का सबसे तेज़ cruise missile है ये! और Agni-V… उस पर बात करने के लिए तो पूरा एक ब्लॉग पोस्ट चाहिए। मज़ाक नहीं, ये ICBM 5,000 किमी दूर तक मार कर सकता है। क्या F-16 ऐसा कर सकता है? बिल्कुल नहीं!
3. Hypersonic Weapons – क्यों है ये इतने खतरनाक?
समझिए इस तरह – अगर आपके शहर से कोई गाड़ी Mach 5 (यानी ध्वनि की गति से 5 गुना तेज़) से आ रही हो, तो आप उसे रोक पाएंगे? बिल्कुल नहीं! यही इन हथियारों की ताकत है। China और Russia ने तो इन्हें बना भी लिया है। सोचिए, अगर युद्ध हो तो…? खैर, उम्मीद है ऐसा कभी न हो। लेकिन तकनीक तो विकसित करनी ही पड़ेगी न?
4. क्या drones अब fighter jets का स्थान ले लेंगे?
ये सवाल तो वाकई दिलचस्प है! मेरा मानना है कि अलग-अलग स्थितियों के हिसाब से दोनों की अपनी जगह है। American MQ-9 Reaper या Turkish Bayraktar TB2 जैसे drones का फायदा? पायलट को risk नहीं, operation cost कम, और ये घंटों तक sky में रह सकते हैं। लेकिन… traditional fighter jets की ताकत और versatility अभी भी बेजोड़ है। एक तरह से कहें तो, ये पूरक हैं, प्रतिस्पर्धी नहीं।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com