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“TRF को आतंकी संगठन घोषित करने से भारत को क्या मिलेगा फायदा? पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी!”

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TRF को आतंकी संगठन घोषित करने से भारत को क्या मिलेगा? पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं!

अमेरिका ने आखिरकार पहलगाम हमले के पीछे छुपे “द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)” को वैश्विक आतंकी संगठन की लिस्ट में डाल ही दिया। और भई, ये भारत के लिए कोई छोटी बात नहीं है। सोचिए, जिस संगठन को हम सालों से आतंकी बता रहे थे, आज पूरी दुनिया उसे मानने को तैयार है। विदेश मंत्री जयशंकर जी ने इसे ‘बड़ी जीत’ बताया है, पर असल में ये उससे भी बड़ा है। क्यों? चलिए समझते हैं।

TRF वाले कौन हैं भई? और पहलगाम वाली घटना क्या थी?

सच कहूँ तो TRF कोई नया नाम नहीं है। ये वही पुराना पाकिस्तानी खेल है – नए लेबल में पैक किया हुआ। जानते हैं न कैसे LeT (Lashkar-e-Taiba) अब TRF बनकर सामने आया है? 2023 के पहलगाम हमले ने तो सबकी आँखें खोल दीं, जहाँ निर्दोषों की जानें गईं। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान आज भी इन्हें ‘फ्रीडम फाइटर्स’ बताने की कोशिश करता है। सच्चाई? ISI का पूरा सपोर्ट, पैसा और ट्रेनिंग।

अमेरिका ने क्या किया और अब क्या होगा?

अमेरिका ने TRF को SDGT लिस्ट में डालकर एक तीर से दो निशाने मारे हैं। पहला – इनके सारे फंडिंग रास्ते बंद। दूसरा – अब कोई भी देश इनके सदस्यों को वीजा नहीं देगा। मतलब साफ है न? जयशंकर जी ने ठीक ही कहा – ये आतंकवाद के खिलाफ एक स्ट्रॉंग मैसेज है। पर सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान पर असली असर होगा? वो तो देखना बाकी है।

दुनिया की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की मुश्किलें

दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान अभी तक चुप्पी साधे बैठा है। शायद समझ नहीं आ रहा होगा कि क्या बोले! जबकि भारत ने इस फैसले को ‘वैश्विक एकजुटता’ बताया है। अमेरिका भी साफ-साफ कह चुका है कि TRF कश्मीर में अशांति फैलाता है। अब FATF वाली बात तो छोड़िए, पाकिस्तान को तो बस ये सोचना चाहिए कि अब इन आतंकी गुटों को कैसे छुपाएगा!

आगे क्या? भारत के लिए क्या मायने हैं?

असल में ये फैसला एक शुरुआत है। अब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा, कश्मीर में शायद शांति की उम्मीद जगे। भारत और अमेरिका का सहयोग और मजबूत होगा। पर सबसे मजेदार बात? पाकिस्तान अब अपनी ‘हवा’ ठीक करने में लग जाएगा। एक तरह से देखें तो ये सिर्फ भारत की जीत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम है। बस, अब देखना ये है कि ये कदम कितना कारगर साबित होता है।

TRF को आतंकी संगठन घोषित करना: भारत की चाल या पाकिस्तान की मुसीबत?

1. भारत के लिए TRF पर बैन का मतलब क्या है? असल में फायदा क्या?

देखिए, ये कोई छोटी बात नहीं है। अब TRF के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक्शन लेना आसान हो जाएगा। सोचिए – जब तक ये आतंकी संगठन की लिस्ट में नहीं था, तब तक तो पाकिस्तान बड़े आराम से “हमें कुछ नहीं पता” वाला राग अलापता रहता था। अब? अब उनकी फंडिंग पर सीधा असर पड़ेगा। और सबसे बड़ी बात – पाकिस्तान को कोने में घेरने का एक और हथियार मिल गया। बिल्कुल चेकमेट की स्थिति!

2. क्या पाकिस्तान अब TRF को छुपा पाएगा? सच कहूं तो…

अरे भई, छुपाना तो दूर की बात है! UN की लिस्ट में आने के बाद अब हर देश की नज़र इन पर होगी। पाकिस्तान की तो खैर… जैसे तैसे चल रही दुकानदारी पर ब्रेक लगने वाला है। अब हर ट्रांजैक्शन, हर फंड ट्रांसफर पर सवाल उठेंगे। और सबसे मजेदार बात? अमेरिका तो बस मौके की तलाश में है। थोड़ा सा भी सबूत मिला नहीं कि…

3. क्या कश्मीर में अब शांति आएगी? गंभीर सवाल है

ईमानदारी से कहूं तो – पूरी तरह तो नहीं, लेकिन काफी हद तक असर जरूर पड़ेगा। जब तक इन्हें पैसा मिलता रहेगा, तब तक समस्या रहेगी ही न? पर अब फंडिंग रुकेगी, हथियारों की सप्लाई पर रोक लगेगी… सेक्युरिटी फोर्सेज के लिए थोड़ी राहत तो मिलेगी। लेकिन हां, पूरी तरह ढील देने का तो सवाल ही नहीं उठता।

4. अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा? मेरा अनुमान…

अब इसमें अनुमान लगाने की क्या बात है? USA तो पहले ही TRF को आतंकी संगठन मान चुका है। UK? वो भी साथ देगा। UN? उनके पास तो पहले से ही पाकिस्तान के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा है। बस, चीन को छोड़कर बाकी सभी बड़े देशों का सपोर्ट भारत को मिलना तय है। और चीन? वो तो हमेशा की तरह अपना वीटो पावर दिखाने के चक्कर में रहेगा।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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