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ट्रंप का बड़ा ऐलान: भारत पर 25% टैरिफ, विपक्ष को मिला हमला करने का मौका!

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ट्रंप का बड़ा ऐलान: भारत पर 25% टैरिफ – अब क्या होगा?

अरे भई! डोनाल्ड ट्रंप ने तो फिर से हलचल मचा दी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अचानक भारतीय सामानों पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। सच कहूं तो, यह उनकी “America First” नीति का ही एक और चैप्टर लगता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ आर्थिक नीति है या फिर 2024 के चुनावों से पहले एक राजनीतिक चाल? क्योंकि इससे तो हमारे स्टील, फार्मा और IT सेक्टर को सीधा झटका लगने वाला है। और तो और, विपक्ष ने तो मानो दिवाली मना ली – मोदी सरकार पर सवाल उठाने का मौका हाथ आ गया!

कहानी पुरानी है, लेकिन ट्विस्ट नया

देखिए, भारत और अमेरिका के बीच यह टेंशन कोई नई बात तो है नहीं। याद कीजिए ट्रंप के पहले कार्यकाल में ही अमेरिका ने हमें GSP (Generalized System of Preferences) से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उस समय भी निर्यात को काफी झटका लगा था। और हमने भी तो Google, Amazon जैसी कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाकर जवाब दिया था। मजे की बात यह कि अमेरिका को यह “अनुचित” लगा था। अब ट्रंप साहब फिर से वही राग अलाप रहे हैं। क्या यह सच में अमेरिकी उद्योगों को बचाने की कोशिश है या फिर…?

ट्रंप बोले – “अनुचित व्यवहार”, सरकार चुप क्यों?

ट्रंप ने तो साफ-साफ कह दिया – “भारत ने अमेरिकी कारोबार के साथ अनुचित व्यवहार किया है”। बात साफ है। लेकिन हमारी सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, वाणिज्य मंत्रालय ने बैठक जरूर बुलाई है। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर यह टैरिफ लागू हुआ तो सबसे ज्यादा नुकसान हमारे छोटे और मध्यम उद्योगों को होगा। वो भी ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था पहले से ही दबाव में है।

राजनीति गरमाई: विपक्ष को मिला “मोदी गवाही” का मौका

राजनीति की दुकानें तो गरम हो ही गईं। कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने तो सीधे कह दिया – “यह मोदी सरकार की नाकामी है”। वहीं BJP के नेताओं का कहना है कि सरकार जवाब देगी। पर सच तो यह है कि 2024 के चुनाव नजदीक हैं और विपक्ष इस मुद्दे को पूरी तरह भुनाने की कोशिश करेगा। कुछ व्यापारिक संगठनों ने तो रोजगार पर पड़ने वाले असर की भी आशंका जता दी है। बात सिर्फ टैरिफ की नहीं, राजनीति की भी है।

अब क्या? भारत के पास कौन से विकल्प बचे हैं?

तो अब सवाल यह है कि हमारी सरकार आगे क्या करेगी? कुछ एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि बातचीत से हल निकाला जा सकता है। कुछ का मानना है कि हमें अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ लगाना चाहिए। पर क्या यह सही समय है ऐसा करने का? एक बात तो तय है – यह मुद्दा अब व्यापार से आगे बढ़कर राजनीतिक बहस का हिस्सा बन चुका है। और 2024 के चुनावों में यह एक बड़ा इश्यू बन सकता है।

आखिर में: ट्रंप के इस कदम ने दोनों देशों के बीच नया तनाव पैदा कर दिया है। फिलहाल तो यह देखना बाकी है कि सरकार इस चुनौती को कैसे हैंडल करती है। एक तरफ अर्थव्यवस्था का सवाल है, दूसरी तरफ राजनीति का। दिलचस्प होगा!

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1. अचानक ये टैरिफ क्यों? ट्रंप का असली मकसद क्या है?

देखिए, Donald Trump ने ये 25% टैरिफ तो अमेरिकी industries को बचाने के नाम पर लगाया है… पर असल में? ये उनका वही पुराना रिकॉर्ड है – ‘America First’ का नारा। उन्हें लगता है कि भारत से आने वाले कुछ products (खासकर steel और aluminum) अमेरिकी businesses के लिए ‘unfair advantage’ बन रहे हैं। सच कहूं तो, ये ट्रंप के 2024 elections से पहले अपने voter base को खुश करने की कोशिश भी है।

2. हमारी economy पर क्या गाज गिरेगी? सच-सच बताइए

एक तरफ तो हां, steel और aluminum exports को झटका लगेगा – शायद कुछ factories में jobs पर भी असर पड़े। लेकिन यहां एक twist है… हमारी economy अब 1991 वाली नहीं रही! हमारे exports diversify हो चुके हैं। IT, pharma, textiles जैसे sectors पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पर सच ये भी कि short term में कुछ industries को तगड़ा झटका लग सकता है।

3. विपक्ष का ‘मोदी-मोदी’ करना… सियासत या सच्ची चिंता?

अरे भई, Congress और दूसरे opposition parties को तो मानो दिवाली आ गई! हर press conference में एक ही राग – “मोदी जी अमेरिका के आगे घुटने टेक रहे हैं!” पर सच पूछो तो… 2014 से पहले खुद उनकी सरकार के समय भी ऐसे कितने cases आए? राजनीति है भाई, यहां हर कोई अपनी रोटी सेकता है।

4. क्या सरकार कुछ करेगी या फिर ‘वेट एंड वॉच’ वाला game?

External Affairs Ministry वाले बड़े-बड़े meetings कर रहे हैं, ये तो साफ दिख रहा है। Sources के मुताबिक, retaliatory tariffs पर काम चल रहा है – शायद अमेरिकी apples और almonds पर जवाबी कार्रवाई हो। पर याद रखिए, trade wars में कोई नहीं जीतता। शायद सरकार diplomatic channels से हल निकाले। एक बात पक्की – अगले कुछ दिनों में कुछ बड़ा announcement आने वाला है।

फिलहाल? अपने देश के businesses को innovate करने का समय आ गया है। जैसे हम mobile manufacturing में self-reliant हुए, वैसे ही और sectors में भी होना पड़ेगा। कड़वा सच, पर सच।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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