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ट्रंप का बड़ा ऐलान: जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ, दोस्तों को भी नहीं बख्शा!

ट्रंप ने फिर मचाया बवाल: जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ! दोस्तों के साथ भी ऐसा सलूक?

अरे भई, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो आज फिर सबको चौंका दिया! अपने पसंदीदा social media platform ‘Truth Social’ पर उन्होंने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाने का बम फोड़ दिया। और हां, ये वही देश हैं जिन्हें अमेरिका का सबसे भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। मजे की बात ये है कि ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति काल में भी ऐसे ही कई फैसले लिए थे, लेकिन इस बार तो उन्होंने अपने ही दोस्तों को निशाना बना दिया। सच कहूं तो, ये फैसला अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए बड़ा झटका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे इन देशों के export sector को तगड़ा नुकसान हो सकता है। पर सवाल यह है कि क्या ट्रंप को इसकी परवाह है?

“अमेरिका फर्स्ट” का नया अध्याय या फिर पुरानी रट?

देखिए, ट्रंप का ये कोई नया राग नहीं है। 2017 से 2021 तक अपने कार्यकाल में भी उन्होंने ‘America First’ के नाम पर कई देशों पर टैरिफ लगाए थे। लेकिन इस बार? इस बार तो उन्होंने अपने ही सहयोगियों को टारगेट किया है। और ये कोई छोटे-मोटे साझेदार नहीं हैं – जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका का bilateral trade सैकड़ों अरब डॉलर में है! अब आप ही बताइए, क्या ये सिर्फ आर्थिक फैसला है या फिर 2024 के चुनाव से पहले अपने voter base को खुश करने की चाल? मेरी नजर में तो ये ट्रंप का वही पुराना तरीका है – blue-collar workers को ये दिखाना कि “देखो, मैं तुम्हारे हितों की रक्षा कर रहा हूँ।”

ट्रंप का बयान: क्या कहा, क्या मतलब?

अपने Truth Social के पोस्ट में ट्रंप ने इसे “अमेरिकी कारोबारियों और कर्मचारियों को न्याय दिलाने” का मसला बताया है। उनका आरोप है कि ये देश अपने उत्पाद सस्ते दामों पर बेचकर अमेरिकी industries को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि, दिलचस्प बात ये है कि जापान और दक्षिण कोरिया की सरकारें अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। पर sources की मानें तो ये मामला WTO तक जा सकता है। और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि इसका असर कहाँ-कहाँ होगा तो जनाब, electronics से लेकर automobiles तक सबके दाम बढ़ने वाले हैं। और अंततः ये अमेरिकी consumers की जेब पर ही भारी पड़ेगा। Irony देखिए!

दुनिया की प्रतिक्रिया: कौन क्या बोला?

इस फैसले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं काफी तीखी आई हैं। अमेरिकी political analysts तो इसे ट्रंप की 2024 election strategy का हिस्सा मान रहे हैं। वहीं जापानी media ने इसे “अमेरिका-जापान रिश्तों में नई मुश्किल” करार दिया है। दक्षिण कोरिया की तरफ से trade associations ने semiconductor और automobile exports को लेकर चिंता जताई है। पर सबसे दिलचस्प बात ये है कि कुछ experts का मानना है कि ये कदम China को फायदा पहुंचा सकता है। क्यों? क्योंकि जापान और दक्षिण कोरिया अमेरिका से नाराज होकर चीन के करीब जा सकते हैं। अब ये तो वक्त ही बताएगा।

भविष्य पर नज़र: क्या-क्या हो सकता है?

अगर ये टैरिफ वास्तव में लागू होता है तो… बस समझ लीजिए कि पानी सर से ऊपर जा चुका है। पहला तो, जापान और दक्षिण कोरिया retaliatory tariffs लगाकर जवाब दे सकते हैं – और फिर शुरू होगी असली मस्ती! दूसरा, अमेरिकी companies को भी झटका लगेगा क्योंकि कई उद्योग इन देशों से आने वाले imported components पर निर्भर हैं। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण – ये फैसला दुनिया भर में protectionist measures को बढ़ावा दे सकता है। और हाँ, अभी ये देखना बाकी है कि current बाइडेन प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है। क्योंकि अभी तो ये सिर्फ ट्रंप का ऐलान है, असली बम तो तब फटेगा जब ये लागू होगा।

एक बात तो तय है – ट्रंप ने फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था में uncertainty का भूत खड़ा कर दिया है। अब देखना ये है कि ये भूत कितना बड़ा रूप लेता है। क्योंकि जैसे-जैसे स्थिति विकसित होगी, नए-नए पहलू सामने आते जाएंगे। और हम? हम तो बस popcorn लेकर बैठे हैं इस political drama को देखने के लिए!

यह भी पढ़ें:

Donald Trump का यह फैसला… सच कहूं तो मुझे लगता है कि यह Japan और South Korea के लिए ही नहीं, पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला देने वाला साबित हो सकता है। अब सवाल यह है कि क्या यह सच में ‘America First’ वाली बात है या फिर अपने ही दोस्तों को नुकसान पहुंचाने का तरीका? मैं तो यही कहूंगा – थोड़ा अजीब है ये सब।

हालांकि, एक बात तो साफ है – Trump अपनी नीतियों पर अडिग हैं। लेकिन क्या इससे अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में दरार आएगी? देखा जाए तो अभी तो बस शुरुआत है। असल मैच तो अभी बाकी है, जब दूसरे देश इसका जवाब देंगे।

और हां, ये टैरिफ वाली बात… याद है न वो पुरानी कहावत – ‘जैसे को तैसा’? अब बस इंतज़ार करो कि कौन क्या चाल चलता है। मज़ेदार होने वाला है!

ट्रंप का 25% टैरिफ वाला ऐलान: आपके दिमाग में चल रहे हर सवाल का जवाब

अच्छा, ट्रंप ने जापान और दक्षिण कोरिया पर ये 25% टैरिफ लगाए ही क्यों?

देखिए, Donald Trump का तो यही मानना है कि अमेरिकी industries को बचाने का यही तरीका है। वो कहते हैं trade deficit कम करना है, तो यही करना पड़ेगा। पर सच कहूं? ये उसी तरह का दावा है जैसे कोई बच्चे को डांटकर पढ़ने बैठा दे। काम तो हो जाएगा, लेकिन कितना सही है… ये तो वक्त ही बताएगा।

भारत का क्या? कहीं हमारे exports पर तो असर नहीं पड़ेगा?

अभी तक तो सीधा असर नहीं दिख रहा। लेकिन यार, global trade का मामला है न – जैसे पूरे तालाब में पत्थर फेंको तो हर जगह लहरें बनती हैं। Experts की नजरें लगी हुई हैं, क्योंकि indirect effect तो आना ही है। एक तरफ तो…

जापान और कोरिया वालों ने सुना होगा गुस्से में चाय के कप तो नहीं फोड़े?

हाहाहा! कप तो नहीं फोड़े, लेकिन मूड खराब जरूर हुआ है। जापान ने बड़ी शालीनता से इसे “unfortunate” बताया – वो भी उस तरह जैसे आप किसी की बुरी आदत को ‘अच्छा नहीं’ कहते हैं। और दक्षिण कोरिया? उन्होंने तो सीधे WTO का रास्ता पकड़ लिया है। समझ गए न मामला कितना गरम है?

ये टैरिफ वाली स्टोरी permanent है या फिर जल्दी खत्म होगी?

अरे भई, अभी तो शुरुआत है! Trump administration वालों ने कहा है कि review करेंगे। पर ये trade negotiations वाली बातें… समझिए जैसे ससुराल वाले दहेज की मांग कर रहे हों। कब तक चलेगी? कोई नहीं जानता। एकदम अनिश्चितता का माहौल। सच में।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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