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“गाजा में युद्धविराम पर ट्रंप का बड़ा बयान! नेतन्याहू पर दबाव, क्या अब शांति की उम्मीद?”

गाजा में युद्धविराम पर ट्रंप का बयान: क्या ये बदलाव की शुरुआत है या सिर्फ दिखावा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बयान दिया है जिसने सबका ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि गाजा संघर्ष “बहुत जल्द” खत्म हो सकता है। सच कहूं तो, हम सबने पहले भी ऐसे बयान सुने हैं, है न? लेकिन इस बार अंतर ये है कि ट्रंप सीधे नेतन्याहू पर दबाव बनाने की बात कर रहे हैं। ये बयान ऐसे वक्त आया है जब गाजा में हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की मांग तेज हुई है, लेकिन क्या ये सिर्फ दिखावा है या असली बदलाव की शुरुआत?

पूरा मामला समझिए

देखिए, गाजा का ये संघर्ष कोई नई बात नहीं है। इजरायल और हमास के बीच ये झगड़ा तो पुराना है, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में हालात बेकाबू हो गए हैं। एक तरफ हमास के रॉकेट, दूसरी तरफ इजरायल की जवाबी कार्रवाई… और बीच में फंसे हैं आम नागरिक। सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर तो बेकसूर हैं। अमेरिका हमेशा इजरायल का साथ देता आया है, लेकिन अब ट्रंप की बातों से लगता है कि शायद उनकी सोच बदल रही है। या फिर ये सिर्फ दिखावा है? क्योंकि संयुक्त राष्ट्र तो बरसों से शांति की गुहार लगा रहा है, पर असल में कुछ हुआ नहीं।

ट्रंप का बयान: क्या है खेल?

अब बात करते हैं ट्रंप के ताजा बयान की। उन्होंने कहा कि वो नेतन्याहू से “बहुत जल्द शांति समझौते” की उम्मीद करते हैं। सुनने में तो अच्छा लगता है, लेकिन असलियत क्या है? इजरायली मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने हमास के साथ गुप्त बातचीत शुरू की है। पर सवाल ये है कि इजरायल सरकार ने अभी तक कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा है। गाजा में तनाव बना हुआ है, और दोनों तरफ से आरोपों का तीरंदाजी जारी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव का संकेत हो सकता है। लेकिन मैं तो यही कहूंगा – देखते हैं, भरोसा तो तब करेंगे जब कुछ ठोस होगा!

किसने क्या कहा?

इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प है अलग-अलग पक्षों की प्रतिक्रियाएं। हमास वालों ने कहा, “हम तो युद्धविराम के लिए तैयार हैं, लेकिन इजरायल को पहले गाजा की नाकाबंदी हटानी होगी।” वहीं इजरायल के एक मंत्री ने साफ कह दिया – “हम अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे।” संयुक्त राष्ट्र ने ट्रंप के बयान का स्वागत किया है, लेकिन उनका स्वागत तो हमेशा से ही सिर्फ कागजों तक सीमित रहा है। भारत ने भी इस मामले में बड़ा संतुलित रुख अपनाया है – नागरिकों की सुरक्षा पर जोर दिया है। समझदारी की बात है।

आगे क्या होगा?

अब सवाल ये है कि आगे का खेल क्या होगा? अगर अमेरिका का दबाव काम करता है (जो कि बड़ा ‘अगर’ है), तो शायद जल्द ही युद्धविराम हो जाए। लेकिन मुश्किल ये है कि इजरायल और हमास एक-दूसरे पर जरा भी भरोसा नहीं करते। और जहां भरोसा नहीं, वहां शांति वार्ता कैसे चलेगी? अगर ये झगड़ा जारी रहा, तो गाजा में हालात और बिगड़ेंगे – भूख, बीमारी, मौत… और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ेगा। अभी तो सबकी नजरें ट्रंप और नेतन्याहू पर टिकी हैं। पर सच तो ये है कि इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा तो गाजा के आम लोग ही झेल रहे हैं। काश, दुनिया इसे समझ पाए!

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1. ट्रंप ने गाजा को लेकर क्या बोला? सच-सच बताओ!

देखिए, ट्रंप साहब ने तो बिल्कुल सीधी बात कही – “गाजा में युद्धविराम ज़रूरी है वरना…”। और हां, उन्होंने नेतन्याहू पर दबाव बनाने की कोशिश भी की। पर सवाल ये है कि क्या सिर्फ़ दबाव बनाने से शांति हो जाएगी? मैं तो कहूंगा… चलिए देखते हैं।

2. नेतन्याहू सच में झुकेंगे? या फिर वही ढाक के तीन पात?

सुनिए, ट्रंप का दबाव तो है… लेकिन! ये मामला इतना आसान नहीं। Experts कह रहे हैं शांति प्रक्रिया बिल्कुल उस घने जंगल की तरह है जहां रास्ता ढूंढने में वक्त लगता है। और अभी? सबकी निगाहें दोनों तरफ़ के अगले कदम पर टिकी हैं।

3. गाजा का ये झगड़ा सुलझेगा कैसे? कोई असली उपाय बताओ

असल में बात ये है कि… (थोड़ा गहराई से सोचिए) international mediation और diplomatic talks तो चलेंगे ही, पर सबसे बड़ा सवाल है – क्या दोनों पक्षों में इच्छाशक्ति है? UN वाले भी तो इसी उलझन में फंसे हुए हैं। मेरा मानना? जब तक दोनों तरफ़ से compromise नहीं होगा…

4. Middle East पर क्या गिरेगा इसका असर? समझदारी से समझिए

एक तरफ़ तो गाजा का मामला है, दूसरी तरफ़ पूरे Middle East की stability का सवाल। अगर युद्धविराम टूटा तो… हालात बिगड़ सकते हैं। Regional tensions? बढ़ेंगी। Oil prices? छलांग लगाएंगे। सीधा-सीधा – पूरा region एक pressure cooker की तरह फटने को तैयार बैठा है।

कुल मिलाकर? स्थिति गंभीर है। पर उम्मीद न छोड़िए… क्योंकि राजनीति में कुछ भी predictable नहीं होता!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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