ट्रंप की नई नीति से तेल के दामों में उछाल! क्या अब हमें महंगाई की दोहरी मार झेलनी पड़ेगी?
अरे भई, आज तो वैश्विक तेल बाजार में धमाल मचा हुआ है! वो भी किस वजह से? पूर्व अमेरिकी राष्ट्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल पर नए टैरिफ की बात छेड़ दी है। और देखते ही देखते ब्रेंट क्रूड के दाम आसमान छूने लगे। असल में बात ये है कि अगर यह नीति लागू हुई तो 2025 तक तेल 80-82 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। यानी हम भारतीयों की जेब पर फिर से चोट पड़ने वाली है।
और साथ ही साथ, बिहार में मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है। दोनों मामले अलग जरूर हैं, पर एक बात तो तय है – दोनों ही हमारे देश के लिए बड़े नतीजे लेकर आ सकते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि ये दोनों खबरें आने वाले समय में बड़ा रोल प्ले करने वाली हैं?
पूरा माजरा क्या है?
देखिए, ट्रंप साहब ने तो हाल ही में सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर दिया कि रूस से आने वाले तेल पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया जाएगा। सच कहूं तो ये कदम अमेरिका और रूस के बीच पहले से चल रही तनातनी को और बढ़ा देगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे पूरी ग्लोबल ऑयल सप्लाई चेन हिल जाएगी।
वैसे भी पिछले कुछ महीनों से यूक्रेन-रूस वॉर और मिडिल ईस्ट के हालात ने तेल के दामों को झटके दिए ही जा रहे हैं। और इसी बीच बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष तो यहां तक कह रहा है कि लाखों नामों के साथ छेड़छाड़ की गई है। उनका आरोप है – “ये तो सीधे-सीधे जनसंख्या हेरफेर है!”
अब तक क्या हुआ और हम पर क्या असर पड़ेगा?
ट्रंप के इस बयान के बाद तो मानो बाजार में आग लग गई! कच्चे तेल की कीमतें 3% चढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। और हम भारतीयों के लिए ये खबर किसी सदमे से कम नहीं, क्योंकि इसका मतलब है पेट्रोल-डीजल के दामों में एक और बढ़ोतरी।
वहीं बिहार में तो आरजेडी और कांग्रेस जैसे दलों ने नई वोटर लिस्ट को “चुनावी धोखा” बताकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये मामला तो अभी और गरमाने वाला है। क्या आपको नहीं लगता कि ये दोनों मुद्दे आने वाले दिनों में बड़ी सुर्खियां बटोरेंगे?
कौन क्या बोला?
एनर्जी एक्सपर्ट्स की राय है कि ट्रंप की इस नीति से सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि यूरोप और एशिया के बाजारों में भी महंगाई का भूत सवार हो जाएगा। राजनीतिक दल भी इस मसले पर अपनी-अपनी राय देने से पीछे नहीं हट रहे।
भाजपा का कहना है कि “तेल के दाम तो ग्लोबल फैक्टर्स पर डिपेंड करते हैं, लेकिन सरकार जनता के हित में सभी जरूरी कदम उठाएगी।” वहीं आरजेडी ने तो बिहार मामले में सीधा हमला बोलते हुए कहा है – “वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, और हम इसे कोर्ट तक ले जाएंगे।”
सच कहूं तो दोनों ही मामलों में अभी बहुत कुछ सुनने को मिलेगा। क्या आप तैयार हैं इस राजनीतिक और आर्थिक रोलरकोस्टर के लिए?
आगे क्या हो सकता है?
अगर ट्रंप की यह नीति सच में लागू हो गई तो… तो समझ लीजिए कि 2025 तक तेल 85 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है! यानी हम भारतीयों को अपनी जेब और भी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है। हो सकता है सरकार रूस और मिडिल ईस्ट से तेल आयात बढ़ाने की कोशिश करे।
बिहार के मामले में तो चुनाव आयोग को विपक्ष की शिकायतों पर गंभीरता से विचार करना ही पड़ेगा। एक बात तो तय है – अगले कुछ दिनों में पूरी दुनिया की नजर इन दोनों मुद्दों पर टिकी रहेगी।
अंत में बस इतना ही – ट्रंप की यह चाल न सिर्फ तेल बाजार, बल्कि पूरी ग्लोबल इकोनॉमी को हिलाकर रख देगी। और बिहार का यह वोटर लिस्ट विवाद तो राजनीतिक भूचाल ला सकता है। असली असर तो आने वाले समय में ही पता चलेगा। लेकिन एक बात तय है – ये दोनों ही कहानियां अभी बहुत आगे तक जाएंगी। क्या आप तैयार हैं इस सफर के लिए?
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ट्रंप की नई नीति और तेल के दाम – क्या होगा आपकी जेब पर असर?
1. ट्रंप की ये नई चाल क्या है? और क्यों डोल सकते हैं तेल के भाव?
देखिए, ट्रंप साहब ने फिर से एक बोल्ड मूव किया है। उनकी नई नीति में अमेरिका को तेल उत्पादन और export के मामले में और आगे बढ़ाने की बात है। अब सवाल यह है कि इसका असर क्या होगा? असल में, जब global market में supply बढ़ेगी तो दामों पर दबाव तो बनेगा ही। लेकिन यहां मजे की बात ये है कि experts भी दो खेमों में बंटे हुए हैं – कुछ कह रहे हैं दाम गिरेंगे, तो कुछ का मानना है कि मध्य-पूर्व की उठापटक इसे और महंगा कर देगी। किसकी बात सही निकलेगी? वक्त बताएगा!
2. भारत के लिए मतलब क्या? जानिए पूरा गणित
अब बात करें अपने देश की। भारत तेल का सबसे बड़ा ग्राहक है, यानी हमारी नस-नस पर global तेल की कीमतों का असर होता है। सीधा सा फंडा है – अगर तेल महंगा हुआ तो पेट्रोल-डीजल से लेकर सब्जी तक सबकी कीमत आसमान छूने लगेगी। और अगर सस्ता हुआ? तो जैसे त्योहारों में छूट मिल जाए! थोड़ी राहत मिल सकती है। पर क्या ये इतना आसान है? हमेशा नहीं…
3. OPEC वालों की नींद उड़ा देगी ट्रंप की ये चाल?
अरे भई, ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई नया दुकानदार बाजार में आ जाए! अमेरिका जब ज्यादा तेल बेचेगा, तो OPEC के शेखों की दुकानदारी पर सीधा असर पड़ेगा। उनकी कमाई घट सकती है। और फिर? वो अपने पुराने तरीके से supply कम करके दाम बढ़ाने की कोशिश करेंगे। यानी एक तरह की ‘price war’ शुरू हो सकती है। बस फिर देखिए मजा, जैसे दो बच्चे लड्डू के लिए लड़ रहे हों!
4. आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर क्या पड़ेगा असर?
अब सबसे जरूरी सवाल – हम आम लोगों का क्या? सच कहूं तो ये पूरा मामला हमारी जेब से जुड़ा है। तेल महंगा हुआ तो बाइक का petrol, रसोई का gas, सबकी कीमत चढ़ेगी। वहीं अगर दाम गिरे तो महीने के आखिर में थोड़ा पैसा बच जाएगा। पर एक बात याद रखिए – ये सब इतना सीधा नहीं होता। सरकारें टैक्स बढ़ाकर हमें फिर से वहीं पहुंचा देती हैं। है न मजेदार बात?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com