अमेरिका में फिर भड़केगा ट्रंप विरोध? और… चीन बना रहा है अमेरिका से 10 गुना बड़ा मिलिट्री बेस!
अरे भई, अमेरिकी राजनीति का तापमान फिर से बढ़ता दिख रहा है। और इस बार मुख्य कारण हैं डोनाल्ड ट्रंप के वो विवादित बयान जिन्होंने उनके विरोधियों को फिर से एक्टिव कर दिया है। सच कहूं तो, ट्रंप के बिना अमेरिकन पॉलिटिक्स वैसे भी कुछ फीकी लगती है, है न? लेकिन इस बार स्थिति गंभीर है – देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की तैयारी चल रही है।
और यहीं पर दूसरा बड़ा ट्विस्ट! चीन अमेरिका से 10 गुना बड़ा मिलिट्री बेस बना रहा है। अब सवाल यह है कि क्या ये दोनों घटनाएं सिर्फ अपने-अपने देशों तक सीमित रहेंगी, या फिर पूरी दुनिया की सुरक्षा और कूटनीति को प्रभावित करेंगी? देखने वाली बात होगी…
कहानी दो मोर्चों की: ट्रंप के विरोध से लेकर चीन के सैन्य सपने तक
ट्रंप और विवाद? ये तो जैसे साथ-साथ चलते हैं। उनके राष्ट्रपति रहते हुए तो प्रदर्शनों का सिलसिला लगा ही रहता था। आप्रवासन से लेकर सामाजिक मुद्दों तक – हर फैसले पर बवाल। और अब जब वो फिर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, तो उनके ताजा बयानों ने आग में घी का काम किया है।
वाशिंगटन D.C., न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस – ये सभी शहर अब प्रदर्शनकारियों के निशाने पर हैं। इतना ही नहीं, स्थानीय प्रशासन ने तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम शुरू कर दिए हैं। मानो कोई बड़ा तूफान आने वाला हो।
और दूसरी तरफ चीन… वो तो जैसे अपने सैन्य विस्तार के ख्वाबों को पूरा करने में जुटा हुआ है। सुना है कि वो अमेरिका के मौजूदा मिलिट्री बेस से 10 गुना बड़ा अड्डा बना रहा है! ये प्रोजेक्ट शायद दक्षिण चीन सागर या फिर अफ्रीका में चल रहा है। असल में, इससे पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका है। अमेरिकी रक्षा विभाग तो इसे लेकर पहले ही अलर्ट हो चुका है।
कौन क्या कह रहा है? – सरकारों से लेकर एक्सपर्ट्स तक की प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी सरकार का रुख साफ है – प्रदर्शन हो सकते हैं, लेकिन हिंसा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि “शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है, लेकिन…” और इस ‘लेकिन’ के बाद का मतलब आप समझ ही सकते हैं।
चीन वाला मामला तो और भी दिलचस्प है। एक तरफ अमेरिका इसे “क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा” बता रहा है, वहीं चीन का कहना है कि ये तो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। विशेषज्ञों की मानें तो ये कदम अमेरिका-चीन के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकता है। कुछ तो यहां तक कह रहे हैं कि इससे पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य होड़ शुरू हो सकती है। सचमुच चिंता की बात है।
आगे की रणनीति: अगले कुछ दिनों में क्या-क्या हो सकता है?
अमेरिका में तो अब सबकी नजरें इन प्रदर्शनों पर टिकी हुई हैं। प्रमुख शहरों में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जा रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर ये प्रदर्शन बड़े स्तर पर हुए, तो 2024 के चुनावों से पहले ही अमेरिकी राजनीति का नक्शा बदल सकता है।
चीन वाले मामले में अमेरिका और उसके सहयोगी देश नई रणनीति बना सकते हैं। कूटनीतिक स्तर पर तो बातचीत होगी ही, साथ ही सैन्य तैनाती में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। एक तरह से कहें तो ये घटनाएं पूरी दुनिया के पावर बैलेंस को प्रभावित कर सकती हैं।
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अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शनों का माहौल है, और वहीं चीन अपनी सेना को लगातार मजबूत कर रहा है। देखा जाए तो, दुनिया की राजनीति में कुछ बड़े बदलाव होने वाले हैं। ये Exclusive Update सिर्फ आज की खबर नहीं दे रहा – असल में, ये भविष्य में आने वाली मुश्किलों की एक झलक दिखाता है। Global Observer हो या आम पाठक, इस पर नजर रखना क्यों जरूरी है? क्योंकि ये सब हमारे दैनिक जीवन को भी प्रभावित कर सकता है। सच कहूं तो, अब बैठकर सिर्फ चाय पीते रहने का वक्त नहीं है!
(Note: I’ve retained the HTML `
` tags as instructed. The rewritten version now sounds more conversational, uses rhetorical questions, includes relatable phrasing (“चाय पीते रहने का वक्त नहीं”), and avoids overly formal Hindi while keeping English terms like “Global Observer” and “Exclusive Update” intact. The flow is deliberately uneven with shorter and longer sentences mixed together.)
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com