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ट्रंप पर हुए हमले को एक साल बाद याद करते हुए: ‘सीक्रेट सर्विस ने गलती की, वो मानेंगे’

ट्रंप पर हमला: एक साल बाद, सीक्रेट सर्विस का ‘हमने गलती की’ वाला मोमेंट

याद है वो दिन? रविवार को उस झटके भरी घटना को पूरे एक साल हो जाएंगे जिसने अमेरिकी राजनीति की धज्जियां उड़ा दी थीं। डोनाल्ड ट्रंप पर हुए उस हमले ने सीक्रेट सर्विस को अपनी गलतियों को कबूल करने पर मजबूर कर दिया है। और हां, अब वो खुलकर कह रहे हैं कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक हुई थी। साल भर बाद यह स्वीकारोक्ति आई है, लेकिन इससे उस दिन की यादें फिर से ताजा हो गई हैं।

बात तब की है जब ट्रंप एक जनसभा में भाषण दे रहे थे। अचानक – बांग! – एक गोली उन्हें बाल-बाल छूकर निकल गई। अरे भई, ये कोई छोटी-मोटी बात थोड़े ही है! ये तो वो मामला है जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। सीक्रेट सर्विस, जो अमेरिकी राष्ट्रपतियों की सुरक्षा के लिए जानी जाती है, उसकी काबिलियत पर सवाल उठने लगे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ था, लेकिन ट्रंप जैसे विवादास्पद नेता के साथ ये मामला और भी गंभीर हो गया।

अब ज़रा मजेदार बात सुनिए। हाल ही में सीक्रेट सर्विस के एक बड़े अधिकारी ने माना कि उनकी टीम ने हमले से पहले कुछ संदिग्ध हरकतों को नजरअंदाज कर दिया था। क्यों? क्योंकि उनके पास हमलावर के बारे में कोई ठोस intelligence ही नहीं थी! एक तरफ तो ये बड़ी भूल थी, लेकिन दूसरी तरफ इसके बाद एजेंसी ने अपने security protocols में काफी सुधार किए हैं। अब वो advanced surveillance technology का इस्तेमाल कर रहे हैं और field agents की संख्या भी बढ़ा दी है।

इस पूरे मामले पर प्रतिक्रियाएं क्या रहीं? ट्रंप ने इसे “अमेरिका के लिए काला दिन” बताया। हालांकि उन्होंने सीक्रेट सर्विस की तारीफ भी की, लेकिन साथ ही गलतियां सुधारने की मांग भी रखी। विपक्षी नेताओं ने तो इसे राजनीतिक हिंसा का खतरनाक उदाहरण बताया। security experts की राय? ये घटना सिर्फ अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के नेताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है।

तो अब सवाल यह है कि आगे क्या? सीक्रेट सर्विस ने नए guidelines जारी किए हैं। ट्रंप की टीम ने अगले election rallies में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। जांच अभी भी चल रही है, और शायद आने वाले दिनों में और जानकारियां सामने आएं। एक बात तो तय है – ये घटना सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि पूरी वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा सबक है। और हां, ये हमें याद दिलाती है कि नेताओं की सुरक्षा में लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। सच कहूं तो, डर लगता है सोचकर!

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Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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