ट्रंप का टैरिफ रूलेट: जब व्यापार युद्ध का खेल बन जाए ‘अमेरिका फर्स्ट’ का नारा
अरे भई, डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से वही किया जिसमें उन्हें महारत हासिल है – दुनिया को चौंका देना! इस बार उन्होंने व्यापार नीतियों में ऐसे उलटफेर किए हैं कि वैश्विक बाजारों का बुरा हाल है। नए टैरिफ की यह घोषणा उनकी “अमेरिका फर्स्ट” policy का ताजा चैप्टर है, जिसके तहत वो पिछले कुछ सालों से चीन और यूरोप को नींद हराम किए हुए हैं। सच कहूं तो ये ट्रंप साहब का स्टाइल है – एक तरफ तो बड़े-बड़े दावे, दूसरी तरफ अराजकता!
असल में देखा जाए तो यह कोई नई बात नहीं। ट्रंप प्रशासन ने पहले भी स्टील, एल्युमिनियम जैसी चीजों पर टैरिफ लगाए थे। उनका तर्क? “देश के उद्योगों को बचाना है।” पर सवाल यह है कि क्या यह तरीका सच में काम करेगा? अमेरिकी सरकार का दावा है कि इससे रोजगार बढ़ेंगे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर कोई चिंतित है। ऐसा लगता है जैसे पूरी दुनिया एक बड़े व्यापार युद्ध के कगार पर खड़ी है।
हाल की बात करें तो ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 10-25% तक का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। और यूरोप? वो तो बिल्कुल नाराज है! उन्होंने जवाबी टैरिफ की धमकी दी है। असर? शेयर बाजारों में तहलका! निवेशकों ने तो ऐसे शेयर बेचे जैसे कल दुनिया खत्म होने वाली हो। एकदम डरावना सीन।
अब सबसे मजेदार हिस्सा – अलग-अलग देशों की प्रतिक्रियाएं। चीन का विदेश मंत्रालय तो बिल्कुल गरम है, इन टैरिफ को “अनुचित” बता रहा है। और यूरोपीय नेताओं का क्या कहना? खासकर फ्रांस और जर्मनी वाले तो ट्रंप को सीधे “व्यापार युद्ध भड़काने वाला” कह रहे हैं। अमेरिका के अंदर भी मतभेद साफ दिख रहे हैं – कुछ व्यापारी खुश हैं, तो निर्यातक परेशान। ऐसा लगता है जैसे ट्रंप ने एक ऐसा पत्थर फेंका है जिससे पूरी दुनिया में लहरें उठ रही हैं।
तो अब बड़ा सवाल – आगे क्या? विश्लेषकों की मानें तो अगले कुछ हफ्तों में चीन और यूरोप जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं। और WTO? वहां भी मामला जा सकता है। लंबे समय में तो यह पूरी global supply chain को ही बदल सकता है। कीमतें बढ़ सकती हैं, बाजार गड़बड़ा सकते हैं। सच कहूं तो यह एक बड़ा जोखिम भरा खेल है जिसमें ट्रंप ने सबको शामिल कर लिया है।
अंत में बस इतना – ट्रंप का यह टैरिफ रूलेट न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया है। अब देखना यह है कि यह खेल किसके पक्ष में जाता है। एक बात तो तय है – अगले कुछ महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था की कहानी बहुत दिलचस्प होने वाली है। या फिर डरावनी? वक्त बताएगा!
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ट्रंप का टैरिफ रूलेट: जानिए सारी जानकारी आसान भाषा में
1. ट्रंप का टैरिफ रूलेट क्या था? समझिए एक मिनट में
देखिए, ये वो दिलचस्प (और थोड़ा डरावना) दौर था जब पूर्व US President Donald Trump ने अचानक-अचानक tariffs लगाने शुरू कर दिए। अरे भई, ऐसे समझ लीजिए – जैसे कोई कैसीनो में रूलेट खेल रहा हो और बिना सोचे-समझे दांव लगा रहा हो। वैसे ही ये trade policies unpredictable थीं – आज किसी देश पर duties लग गए, कल किसी और पर। Global trade वालों की तो नींद ही उड़ गई थी!
2. भारत को इससे कितना नुकसान हुआ? सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे
असल में हमारे देश को भी इसकी मार झेलनी पड़ी। खासकर steel और aluminum exports वालों की तो बुरी हालत हो गई। US ने हमारे products पर extra duties थोप दीं – जैसे कोई अचानक टैक्स बढ़ा दे। नतीजा? Indian exporters का बुरा हाल, और US-India trade relations में खटास आ गई। पर एक बात – हम भारतीयों ने तो रास्ते निकाल ही लिए, है न?
3. क्या यह चाल सच में काम आई? एक्सपर्ट्स की राय
ईमानदारी से कहूं तो… कुछ देर के लिए तो ठीक था। कुछ US industries को फायदा हुआ। लेकिन लंबे समय में? बिल्कुल फ्लॉप! देखिए न:
– Global supply chain पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई
– अमेरिकी consumers को महंगे products खरीदने पड़े (क्या कभी Trump ने ये सोचा था?)
– दूसरे देशों ने भी जवाबी tariffs लगा दिए
एक तरफ तो कुछ फायदा, दूसरी तरफ बड़ा नुकसान। कुल मिलाकर – फेल!
4. आज के समय में क्या स्थिति है? अपडेटेड जानकारी
अब Biden सरकार ने कुछ हद तक स्थिति संभाली है। कुछ tariffs तो अभी भी चल रहे हैं (खासकर China वाले), लेकिन approach थोड़ी predictable हुई है। हालांकि… पूरी तरह शांति नहीं हुई। नए negotiations चल रहे हैं, पर क्या ये टैरिफ वॉर पूरी तरह खत्म होगा? वक्त ही बताएगा!
एक बात तो तय है – ट्रंप का यह टैरिफ रूलेट इतिहास के पन्नों में एक अजीबोगरीब chapter के तौर पर दर्ज हो चुका है। क्या आपको नहीं लगता?
Source: Financial Times – Global Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com