ट्रंप ने फिर छेड़ दी आग, क्या बाजारों में अब गिरावट का दौर शुरू होगा?
अरे भई, ट्रंप साहब तो मानो बाजारों को झकझोरने का ठेका लेकर बैठे हैं! अभी कल ही तो उन्होंने यूरोपीय संघ और मेक्सिको पर 1 अगस्त से 30% का नया टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। और ये ऐसे वक्त में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से ही सांस लेने की जगह ढूंढ रही है। सच कहूं तो, ये खबर सुनकर मेरे जैसे कई लोगों की नींद उड़ गई होगी। कल सुबह जब बाजार खुलेंगे, तो क्या होगा? शायद हमें जल्द ही इसका जवाब मिल जाए।
कहानी पुरानी, मगर मोड़ नया
देखिए, ट्रंप और टैरिफ की कहानी तो नई नहीं है। चीन के साथ तो उनका ट्रेड वॉर चल ही रहा था। पर यूरोप और मेक्सिको? ये तो जैसे आग में घी डालने जैसा है। असल में पिछले कुछ समय से बाजार इन टैरिफ खतरों को इग्नोर कर रहे थे – शायद सोच रहे थे कि ये सब ब्लफ है। लेकिन इस बार? लगता है गेम बदलने वाला है। दो बड़े आर्थिक साझेदार एक साथ निशाने पर – ये तो गंभीर बात है ना?
क्या-क्या बदलेगा?
तो 1 अगस्त से यूरोप और मेक्सिको से आने वाली चीजें 30% महंगी हो जाएंगी। ये कोई छोटी-मोटी बात नहीं। पहले स्टील-एल्युमिनियम पर ही टैरिफ थे, पर अब तो बात और बड़ी हो गई। और सबसे डरावना क्या है? हमारी पहले से ही कोरोना से जूझ रही global supply chain पर एक और झटका। मानो बीमार को और मारने जैसा!
दुनिया क्या कह रही है?
यूरोपीय संघ तो बिल्कुल गरमा गया है – “एकतरफा फैसला” बता रहे हैं और जवाबी कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं। मेक्सिको वाले तो WTO तक जाने की बात कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या ये सब सिर्फ धमकियां हैं या असली व्यापार युद्ध की शुरुआत?
विशेषज्ञों की राय भी दो फाड़ है। कुछ कह रहे हैं कि ऑटो और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तो बल्ले-बल्ले हो जाएगी। वहीं कुछ का मानना है कि बाजार जल्द ही इस झटके को पचा लेगा। पर सच तो यह है कि कोई भी पूरी तरह यकीन से कुछ नहीं कह पा रहा।
आगे क्या होगा?
अगर EU और मेक्सिको जवाबी टैरिफ लगाते हैं – जो कि लगभग तय सी बात है – तो ये व्यापार युद्ध और भी भयानक रूप ले सकता है। short term में तो volatility तो आएगी ही। लेकिन long term effect? यूरो और मेक्सिकन पेसो की कीमतों पर असर, निवेशकों का भरोसा डगमगाना… सच कहूं तो स्थिति गंभीर लग रही है।
हम तो आपको अपडेट देते रहेंगे। पर आप भी कल सुबह बाजार खुलने पर नजर रखिएगा। और हां, risk management का ख्याल रखिएगा – ये तो वैसे भी इन दिनों बहुत जरूरी हो गया है। क्या पता, ट्रंप साहब अगली कौन सी बमबारी कर दें!
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अरे भाई, ट्रंप के इन नए टैरिफ ने तो बाजारों में हड़कंप मचा दिया है! सच कहूं तो, ये कदम किसी बम की तरह आया है जिसने वैश्विक बाजारों को हिलाकर रख दिया। अब सवाल यह है कि ये असर कितना गहरा होगा? क्योंकि देखा जाए तो निवेशकों का मनोबल तो डगमगा ही गया है, साथ ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी ब्रेक लग सकता है।
मैं तो यही सोच रहा हूं – क्या ये गिरावट की एक नई शुरुआत है? या फिर बाजार वालों ने पहले भी ऐसे झटके देखे हैं और जल्द ही संभल जाएंगे? असल में, मामला थोड़ा पेचीदा है। एक तरफ तो ये नीतियां अभी शुरुआती दौर में हैं, लेकिन दूसरी तरफ इनके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
अब तो बस इंतज़ार करना होगा। क्योंकि आने वाले दिनों में इन नीतियों के असर साफ़ दिखने लगेंगे। और यकीन मानिए, हर कोई इन पर नज़र गड़ाए बैठा है – चाहे वो दिल्ली का कोई बिजनेसमैन हो या फिर वॉल स्ट्रीट का कोई बड़ा निवेशक। सच कहूं तो, ये मामला सिर्फ़ अमेरिका तक सीमित नहीं रहने वाला।
Source: Livemint – Markets | Secondary News Source: Pulsivic.com