ट्रंप का धमकी भरा बयान: क्या NYC पर फेडरल टेकओवर हो सकता है?
अरे भई, अमेरिकी राजनीति में फिर से नाटक शुरू हो गया है! डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक ऐसा बयान दिया जिसने सबको चौंका दिया। असल में बात ये है कि उन्होंने NYC के मेयर चुनाव को लेकर एक अजीबोगरीब धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर ज़ोहरान ममदानी (जिन्हें वो “कम्युनिस्ट” बता रहे हैं) जीत गए, तो व्हाइट हाउस NYC पर फेडरल कंट्रोल ले सकता है। सुनकर अजीब लगता है न? उनके शब्दों में: “अगर कोई कम्युनिस्ट न्यूयॉर्क का मेयर बनता है, तो शहर कभी भी वैसा नहीं रहेगा। हमारे पास व्हाइट हाउस में ऐसे स्थानों को संभालने की अत्यधिक शक्ति है।” ये सुनकर तो लगता है जैसे कोई बॉलीवुड फिल्म का डायलॉग हो!
पहले ये समझें: आखिर कौन है ये ज़ोहरान ममदानी?
देखिए, ममदानी NYC की राजनीति का एक नया चेहरा हैं जो काफी प्रोग्रेसिव विचार रखते हैं। वो डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट हैं – मतलब समाजवादी तो हैं, लेकिन कम्युनिस्ट? ये तो बहस का मुद्दा है। इनकी बात करें तो ये rent control, सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर जोर देते हैं। पर ट्रंप साहब को तो हर दूसरे आदमी में कम्युनिस्ट नजर आता है! हालांकि NYC तो पहले से ही डेमोक्रेट्स का गढ़ रहा है, लेकिन ट्रंप का ये बयान सीधे-सीधे शहर की आज़ादी पर सवाल उठाता है। और याद रखिए, अमेरिकी संविधान में राज्यों को काफी स्वतंत्रता दी गई है। तो फिर ये सब क्या मतलब?
कानूनी पेंच: क्या ये संभव भी है?
अब सवाल ये उठता है कि क्या ट्रंप वाकई ऐसा कर सकते हैं? कानून के जानकारों का कहना है कि बिना किसी गंभीर emergency के ये संविधान के खिलाफ होगा। वहीं ममदानी ने जवाब दिया है: “NYC के लोग खुद फैसला करने में सक्षम हैं।” सच कहूं तो ये बयान राजनीतिक भूचाल ला दिया है। डेमोक्रेट्स ट्रंप पर तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं, वहीं कुछ रिपब्लिकन्स इसे सही ठहरा रहे हैं। मजे की बात ये कि ट्रंप का ये बयान ममदानी के लिए उल्टा फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि NYC में ट्रंप को लेकर पहले से ही गुस्सा है। #HandsOffNYC ट्रेंड कर रहा है – और ये तो सिर्फ शुरुआत है!
आगे क्या? एक राजनीतिक सीरियल की पटकथा
अगर ट्रंप 2024 में वापस आते हैं और वाकई NYC पर कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं – तो ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा। और ये कोई पहली बार नहीं होगा। पहले भी sanctuary cities को लेकर टकराव हो चुका है। ईमानदारी से कहूं तो ये पूरा मामला अमेरिका में केंद्र और राज्यों के बीच की पुरानी लड़ाई को फिर से जगा रहा है। क्या ये सिर्फ चुनावी रणनीति है या ट्रंप सच में ऐसा करने वाले हैं? वक्त बताएगा। पर एक बात तो तय है – अगले कुछ महीने बड़े मजेदार होने वाले हैं!
फिलहाल तो ये ट्विस्ट वाली राजनीतिक ड्रामा सीरीज चल रही है। और हम सब इसके दर्शक हैं। क्या पता अगले एपिसोड में क्या होने वाला है!
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अरे भाई, ट्रंप का यह बयान तो न्यूयॉर्क की राजनीति में बवाल मचा देगा, है न? जैसे चिड़ियाघर में शेर छोड़ दिया हो! देखिए न, ज़ोहरान ममदानी के चाहने वालों को लग रहा है कि यह तो लोकतंत्र में गंदी खेलपैठ है। वहीं दूसरी ओर, ट्रंप वालों की दलील है – “अरे, यह तो अमेरिका के फायदे की बात है।”
अब तो NYC के मेयर चुनाव का नतीजा और भी दिलचस्प हो गया है, जैसे मैच का आखिरी ओवर! लेकिन असल में सवाल यह है कि… क्या फेडरल सरकार को इतना दखल देना चाहिए? मेरा मतलब, सीमाएं तो होनी ही चाहिए न?
एक तरफ तो राज्यों का अधिकार, दूसरी ओर राष्ट्रीय हित। ईमानदारी से कहूं तो, यह बहस उतनी ही पुरानी है जितना कि अमेरिका का संविधान। पर सच पूछो तो इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गरमा गया है। क्या आपको नहीं लगता?
ट्रंप का धमकी भरा बयान: NYC मेयर चुनाव और फेडरल टेकओवर पर बहस गरमा गई!
1. ट्रंप ने NYC मेयर चुनाव को लेकर क्या बवाल खड़ा कर दिया?
अरे भई, ट्रंप साहब फिर से सुर्खियों में हैं! उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि अगर ‘कम्युनिस्ट’ कहे जाने वाले ज़ोहरान ममदानी NYC का मेयर बन गए, तो फेडरल गवर्नमेंट NYC पर कब्ज़ा कर सकती है। सुनकर लगा जैसे कोई हॉलीवुड थ्रिलर का डायलॉग हो। पर सवाल यह है – क्या यह सिर्फ़ डराने की कोशिश है या फिर वाकई ऐसा हो सकता है?
2. ज़ोहरान ममदानी कौन हैं? और क्यों ट्रंप उन्हें ‘कम्युनिस्ट’ बता रहे हैं?
देखिए, ज़ोहरान ममदानी कोई आम उम्मीदवार तो हैं नहीं। ये एक प्रोग्रेसिव कैंडिडेट हैं जो सोशल जस्टिस, टैक्स रिफॉर्म जैसे मुद्दों पर ज़ोर देते हैं। अब ट्रंप साहब ने इन्हें ‘कम्युनिस्ट’ का टैग लगा दिया है। मज़े की बात यह है कि अमेरिका में ‘कम्युनिस्ट’ शब्द अब भी एक गाली की तरह इस्तेमाल होता है। पर सच तो यह है कि ममदानी की विचारधारा को आप लेफ्ट-विंग या डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट कह सकते हैं। बस इतना ही।
3. क्या सच में फेडरल गवर्नमेंट NYC पर टेकओवर कर सकती है?
असल में बात यह है कि कानूनी तौर पर फेडरल गवर्नमेंट के हाथ बहुत ज़्यादा खुले नहीं हैं। हाँ, अगर कोई सुरक्षा संकट हो या संवैधानिक गड़बड़ी हो तब अलग बात है। लेकिन सिर्फ़ मेयर के राजनीतिक विचारों के आधार पर टेकओवर? यह तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई कहे कि अगर आपकी पसंद की चाय नहीं बनी तो मैं पूरी चाय की दुकान ही जब्त कर लूँगा! थोड़ा अजीब लगता है ना?
4. NYC वालों ने ट्रंप के इस बयान पर क्या रिएक्शन दिया?
बस यही तो मज़ेदार हिस्सा है! NYC के लोगों और नेताओं ने ट्रंप के इस बयान को लेकर ठहाके लगा दिए हैं। कईयों ने इसे ‘बेबुनियाद’ बताया तो कुछ का कहना है कि यह सिर्फ़ डर फैलाने की कोशिश है। सोशल मीडिया पर तो मज़ाक का बाज़ार गर्म है – कोई कह रहा है “ट्रंप साहब, NYC हमारा है, आप अपने मार-ए-लागो में ही रहिए!”, तो कोई पूछ रहा है “क्या अब हमें रेड स्केयर वाले 1950 के दशक में वापस भेज देंगे?” असल में, लोग इसे गंभीरता से लेने को तैयार ही नहीं हैं।
Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com