ट्रंप ने फिर जापान को निशाने पर लिया – क्या यह व्यापार युद्ध का नया दौर है?
अरे भई, डोनाल्ड ट्रंप तो मानो अपनी पुरानी आदत से बाज नहीं आ रहे! एक बार फिर उन्होंने जापान समेत कई देशों को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे डाली। और साफ-साफ कह दिया कि 9 जुलाई की डेडलाइन आगे नहीं बढ़ेगी। मतलब साफ है – या तो हमारी शर्तें मानो, या फिर अमेरिकी बाजार में घुसने पर रोक। सच कहूं तो यह पूरा मामला अमेरिका और उसके trade partners के बीच चल रही तनातनी को और बढ़ा सकता है। क्या आपको नहीं लगता कि यह एक नया विवाद खड़ा करने वाला है?
पीछे का सच: ट्रंप का ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा
देखिए, यह कोई नई बात तो है नहीं। ट्रंप तो पिछले कई सालों से चीन, EU और अब जापान के साथ trade deficit को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। उनका तो साफ-साफ मानना है कि ये देश unfair trade practices से अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहे हैं। और हैरानी की बात यह कि सिर्फ जापान के साथ ही अमेरिका का trade deficit 2023 में 70 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया! ट्रंप के लिए यह बिल्कुल unacceptable है… और अब तो वे एक्शन लेने वाले लग रहे हैं।
अब क्या? 9 जुलाई के बाद क्या होगा?
सबसे बड़ा सवाल यही है न? 9 जुलाई के बाद अमेरिका जापानी goods पर नए टैरिफ लगा सकता है। और यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं – जापान की economy की रीढ़ माने जाने वाले sectors जैसे automobiles, steel और electronics सीधे प्रभावित होंगे। जापान सरकार ने तो तुरंत ही इसे ‘harmful for trade relations’ बताते हुए बातचीत की पेशकश कर दी है। लेकिन सच पूछो तो, क्या ट्रंप वाकई में बातचीत के मूड में हैं? यह तो समय ही बताएगा।
कौन क्या कह रहा है? प्रतिक्रियाओं का अंदाज़
जापानी PM किशिदा ने बड़ी सावधानी से कहा – “हम cooperative solution चाहते हैं…” पर साथ ही यह भी कहा कि इससे उनकी economy को नुकसान होगा। वहीं अमेरिकी business leaders की चिंता अलग है – उन्हें डर है कि यह कदम American consumers पर महंगाई का बोझ डाल देगा। और कुछ experts तो यहां तक कह रहे हैं कि यह 2024 elections से पहले ट्रंप की domestic popularity बढ़ाने की एक चाल हो सकती है। क्या आपको भी ऐसा लगता है?
आगे की राह: क्या होगा असर?
अगर अमेरिका वाकई में 9 जुलाई के बाद नए टैरिफ लगाता है, तो जापान के पास भी countermeasures होंगे। और फिर यह trade war और भी गहरा सकता है। global markets, खासकर automobile और technology sectors में turbulence आ सकती है। हालांकि नई वार्ताएं शुरू हो सकती हैं, पर मौजूदा हालात में किसी deal की संभावना कम ही दिख रही है। सच कहूं तो, यह सिर्फ अमेरिका-जापान relations की बात नहीं रही – पूरी global economy के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। क्या आप तैयार हैं इस नए economic uncertainty के लिए?
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Source: Financial Times – Global Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com