तुर्की की बोलती बंद! भारत की ये चाल देखकर अब एर्दोगन के पसीने छूट जाएंगे
अरे भाई, कभी-कभी तो सच में लगता है कि हमारी सरकार भी बड़ी ‘खामोशी से सनसनी’ फैलाने वाली है। अभी तक तो तुर्की पाकिस्तान को पीठ थपथपाता फिर रहा था, लेकिन अब भारत ने जो defense डील की है, उससे एर्दोगन साहब का चेहरा उतरने वाला है। सच कहूं तो ये कोई आम डील नहीं है – ये तो एक तरह से तुर्की के defense industry को सीधा झटका देने वाला चेकमेट है!
पाकिस्तान का दोस्त, भारत का दुश्मन: तुर्की की डबल गेम
देखिए न, बात सिर्फ हथियारों की नहीं है। असल मसला तो ये है कि तुर्की ने पिछले कुछ सालों में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दे-देकर अपनी असली मंशा साफ कर दी थी। और हमारी सरकार? वो तो बस मौका देख रही थी। 2019 में जब TAIS कंपनी के साथ 2.3 बिलियन डॉलर का डील कैंसिल किया, तब भी किसी को अंदाजा नहीं था कि ये सिलसिला आगे कहां जाएगा। पर अब तो गेम बदल गया है!
एक तरफ तुर्की के Baykar के TB2 drones पाकिस्तान में तैनात हैं, तो दूसरी तरफ भारत ने इजरायल और फ्रांस से जो advanced technology डील की है, वो तुर्की के लिए सिरदर्द बनने वाली है। सच पूछो तो ये ‘तुम मेरे दुश्मन के दोस्त हो, तो मेरे भी दुश्मन हो’ वाली बात साबित हो गई है।
डील का असली मतलब? तुर्की को ‘मार्केट से आउट’!
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस डील में ऐसा क्या खास है? तो सुनिए – भारत ने जानबूझकर तुर्की की कंपनियों को पूरी तरह इग्नोर किया है। ये उतना ही बड़ा फैसला है जितना कि किसी को व्हाट्सएप ब्लॉक कर देना! missile technology से लेकर latest drones तक, अब हमारा रुख पश्चिमी देशों की तरफ है। और सबसे मजेदार बात? तुर्की के state-controlled मीडिया में जो रोना धोना चल रहा है, वो देखने लायक है!
हालांकि, पाकिस्तान का बयान तो सबसे ज्यादा हंसाने वाला है। वो कह रहे हैं कि ये डील “हथियारों की होड़ बढ़ाएगी”। अरे भई, जिसके पास खुद nuclear weapons हों, वो ये बात कैसे कह सकता है? विडंबना देखिए!
आगे क्या? तुर्की के लिए मुसीबतें कम नहीं होंगी
अब तुर्की को समझ आएगा कि भारत के साथ खिलवाड़ का क्या नतीजा होता है। defense market में उनकी जो हिस्सेदारी थी, वो अब धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। और हम? हम तो इजरायल और फ्रांस जैसे देशों के साथ और भी गहरे रिश्ते बनाएंगे। एक तीर से दो निशाने – तुर्की को सबक भी मिला और पाकिस्तान का एक मददगार कमजोर भी हुआ!
अंत में बस इतना कहूंगा – अब वक्त आ गया है जब दुनिया को पता चलेगा कि नई भारत की foreign policy सिर्फ बयानबाजी नहीं, एक्शन से भरी हुई है। और जो लोग इसे हल्के में लेंगे, उन्हें एर्दोगन से पूछना चाहिए कि ये गलती करने का क्या नतीजा होता है!
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अरे भाई, ये भारत की नई हथियार डील ने तो तुर्की को झकझोर कर रख दिया है! और पाकिस्तान? उनकी तो बोलती ही बंद हो गई लगती है। सच कहूँ तो, ये पूरा मामला एक साफ संदेश दे रहा है – अब भारत सुरक्षा के मामले में कोई समझौता वाला गेम नहीं खेल रहा।
तुर्की का डर और पाकिस्तान की बेचैनी अब खुलकर सामने आ रही है। पर सवाल यह है कि क्या ये सच में इतना बड़ा मोड़ है? देखिए न, भारत की ये स्ट्रैटेजिक चाल तो बस यह दोहरा रही है कि हमारी मिलिट्री पावर और रणनीति… वाह, किसी से कम नहीं!
और सच बताऊँ? ये कोई नई बात भी नहीं। बस अब दुनिया को फिर से याद दिलाने का वक्त आ गया था। एकदम सटीक!
तुर्की का खौफ और भारत की हथियार डील – कुछ सवाल जो आपके दिमाग में भी चल रहे होंगे
1. तुर्की को भारत की हथियार डील से क्यों डर लग रहा है? असल में बात क्या है?
देखिए, हाल ही में भारत ने कुछ बेहद advanced weapons और defense technologies की डील की है – और ये कोई छोटी-मोटी खरीदारी नहीं है। अब सोचिए न, जब हमारी military power इतनी मजबूत हो जाएगी तो पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों की नींद उड़ना तो लाज़मी है न? खासकर तुर्की को, जिसका पूरा खेल ही इस इलाके में अपना दबदबा बनाने का है।
2. इस डील का पाकिस्तान पर क्या असर होगा? क्या उनकी चाल फेल हो जाएगी?
अरे भई, पाकिस्तान तो पहले से ही तुर्की के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिशें रचता आया है। लेकिन अब? अब तो हमारी ये नई हथियार डील उनकी सारी military strategy को ध्वस्त करने वाली है। और सबसे मजेदार बात? जो तुर्की हमेशा पाकिस्तान की पीठ थपथपाता रहा, वही अब खुद घबरा रहा है। क्या कहें – मजा आ गया!
3. भारत ने कौन-से advanced weapons खरीदे हैं? ये कितने खतरनाक हैं?
सुनिए, हमने state-of-the-art missile systems, drones, और electronic warfare technologies जैसी चीजें खरीदी हैं। अब ये कोई पुराने जमाने के हथियार नहीं हैं जो सिर्फ दिखावे के लिए हों। नहीं! ये तो वाकई game-changing technologies हैं जो हमारी defense capabilities को next level पर ले जाएंगी। और हां, यकीन मानिए, हमारे ‘प्यारे’ पड़ोसियों की चिंता बढ़ना तो तय है।
4. क्या तुर्की इस डील के बाद भारत के खिलाफ कोई action लेगा? या सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करेगा?
ईमानदारी से कहूं तो अभी तक तुर्की सिर्फ हांफ रहा है, कोई direct action नहीं ले पाया। हालांकि, वो diplomatic और political level पर जरूर कुछ cheap tactics आजमा सकता है। लेकिन सच तो यह है कि भारत की बढ़ती military power के आगे उनकी सारी हरकतें वैसी ही हैं जैसे – आप समझ ही गए होंगे!
एक बात और – अगर तुर्की सच में कुछ गलत हरकत करने की सोचे भी, तो हमारी नई ताकत उन्हें सबक सिखाने के लिए काफी है। बस इतना ही कहूंगा!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com