यूको बैंक घोटाला: जब ₹6210 करोड़ ‘गायब’ हुए तो ED ने पूर्व सीएमडी को पकड़ा!
अरे भाई, भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक और बम फटा है! यूको बैंक के पूर्व सीएमडी सुबोध गोयल और उनके CA पर ED ने ₹6,210 करोड़ के लोन घोटाले का केस दर्ज किया है। सीधे शब्दों में कहें तो – ये लोग बैंक को लूटकर मस्त हो रहे थे। अब ED ने दोनों को पकड़ लिया है। सवाल यह है कि इतने बड़े घोटाले पर किसकी नजर कैसे नहीं पड़ी?
कहानी कुछ यूं है…
देखिए, सरकारी बैंक होने के बावजूद यहां लोन बांटने का पूरा सिस्टम ही फेल हो गया। गोयल साहब ने अपनी पोजीशन का फायदा उठाकर फर्जी कंपनियों को लोन पास कर दिए। और उनके CA ने? उन्होंने तो पूरा एकाउंटिंग जादू कर दिया! ED की जांच में पता चला कि नकली दस्तावेज, बेनामी खाते – सब कुछ इस्तेमाल किया गया। है न मजेदार बात कि जहां आम आदमी को ₹10 लाख का लोन लेने में 6 महीने लग जाते हैं, वहीं ये लोग हजारों करोड़ ‘क्लीन’ कर गए!
अब तक क्या हुआ?
ED ने PMLA के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी प्रॉपर्टीज भी सील हो चुकी हैं। यूको बैंक वाले तो बस इतना कह रहे हैं – “हम पूरा सहयोग कर रहे हैं।” पर सच पूछो तो अब ये सहयोग किस काम का? नुकसान तो हो चुका है न!
राजनीति गरमाई
जैसे ही यह खबर आई, दिल्ली की सियासत गरमा गई। वित्त मंत्रालय बोल रहा है – “हम अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे।” विपक्ष चिल्ला रहा है – “देखो सरकारी बैंकों की हालत!” Experts की राय? बैंकिंग सिस्टम में ऑडिट प्रक्रिया ही कमजोर है। मतलब साफ है – अगली बार कोई और गोयल साहब ऐसा करेगा तो पकड़ में आएगा या नहीं, कोई गारंटी नहीं!
अब आगे क्या?
ED जल्द ही चार्जशीट फाइल करेगी। RBI शायद नए नियम बनाए। और राजनीतिक दल? वो तो 2024 के चुनावों में इस मुद्दे को उछालेंगे ही! असल में ये केस तो अभी शुरू ही हुआ है। देखना यह है कि आखिरकार कितने बड़े मछलियां इस जाल में फंसती हैं।
[नोट: यह रिपोर्ट ED और मीडिया सूत्रों पर आधारित है। नई जानकारी आने पर अपडेट किया जाएगा।]
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₹6210 करोड़ का ये लोन scam क्या है? पूरी कहानी
देखिए, ये केस थोड़ा जटिल है, लेकिन आसान भाषा में समझें तो… UCO बैंक के पूर्व CMD सुबोध गोयल पर आरोप है कि उन्होंने ₹6210 करोड़ के लोन बिना proper जांच के approve कर दिए। और तो और, इन funds का इस्तेमाल भी गलत तरीके से हुआ। ED ने investigation के बाद उन्हें पकड़ लिया – सच में बड़ी कार्रवाई है।
अरे भई, ED ने सुबोध गोयल को पकड़ा ही क्यों?
सीधी बात करें तो दो मुख्य आरोप हैं: पहला – money laundering, और दूसरा – banking rules की धज्जियां उड़ाना। कहा जा रहा है कि उन्होंने बैंक के सारे नियम ignore करके बड़े-बड़े लोन ऐसे approve किए, जैसे कोई मजाक हो। नतीजा? बैंक को भारी नुकसान। लेकिन सवाल यह है कि इतने बड़े scam में कोई अकेला कैसे काम कर सकता है?
इस पूरे घोटाले में और कौन-कौन फंसा हुआ है?
अभी तक की जानकारी के मुताबिक, कुछ और बैंक अधिकारी और private companies के लोग भी इस केस में शामिल हो सकते हैं। ED की जांच अभी जारी है – और भी नाम सामने आ सकते हैं। मेरा मानना है कि ऐसे मामलों में अक्सर पूरा नेटवर्क ही काम करता है। सोचिए, ₹6210 करोड़! कोई छोटी-मोटी रकम थोड़े न है…
हम जैसे आम customers के लिए इसका क्या मतलब है?
बैंक ने officially कहा है कि customers के deposits या services पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन सच बताऊं? ऐसे scams से बैंक की image तो खराब होती ही है। Financial loss का असर long term में दिख सकता है। पर अच्छी बात यह है कि ED जैसी agencies सक्रिय हैं और ऐसे cases पर कार्रवाई कर रही हैं। एक तरह से देखें तो यह एक सकारात्मक संकेत है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com