राजस्थान में अभूतपूर्व जल प्रलय! रेगिस्तान में समुद्र जैसा दृश्य, देखिए हैरान करने वाली तस्वीरें

राजस्थान में क्या हो रहा है? रेगिस्तान में समंदर जैसा नज़ारा!

सोचिए, जिस राजस्थान को हम रेत के टीलों, ऊँटों और तपती धूप के लिए जानते हैं, वहाँ आज पानी-पानी हो रहा है। क्या बात है न? पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने तो पूरे राज्य को ही डुबो दिया है। असल में, स्थिति इतनी गंभीर है कि बीसलपुर और कोटा बैराज जैसे बड़े बांध ओवरफ्लो होने लगे हैं। और तो और, प्रशासन को बेचारा पानी छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं सूझ रहा। ये माजरा ऐसा है कि राज्य के कई इलाकों में तो बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

मौसम ने किया उल्टा खेल!

अब सवाल यह है कि आखिर हुआ क्या? दरअसल, इस बार राजस्थान का मानसून बिल्कुल अलग मूड में है। मौसम विभाग के मुताबिक तो पिछले 24 घंटों में कई जिलों में सामान्य से दोगुनी बारिश दर्ज हुई है। बात करें बीसलपुर बांध की, जो पूरे राज्य के लिए पानी की जीवनरेखा है – वो तो 100% क्षमता से भी ऊपर चला गया है! और हैरानी की बात ये कि कोटा बैराज समेत छोटे बांधों की हालत भी कुछ अच्छी नहीं। सच कहूँ तो, ये सब देखकर लगता ही नहीं कि हम राजस्थान की बात कर रहे हैं, जहाँ पानी के लिए तरसना आम बात है।

बांधों से छोड़ा गया पानी – समस्या पर मुहर

तो फिर क्या हुआ? प्रशासन ने बांधों के गेट खोल दिए। बीसलपुर के 10 गेट… कोटा बैराज के 15 गेट… एकदम खुले! नतीजा? आसपास के इलाके पानी में डूब गए। टोंक, भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी – ये सभी जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कई जगह तो पानी घरों के अंदर तक घुस आया है। और तो और, कुछ national highways भी बंद करने पड़े हैं। यातायात का तो पूछिए ही मत – एकदम चौपट हो चुका है।

लोगों और सरकार की प्रतिक्रिया

CM अशोक गहलोत ने तुरंत एक्शन लेते हुए कहा, “हमारी सरकार पूरी तरह अलर्ट है। NDRF की टीमें तैनात कर दी गई हैं।” पर सच पूछो तो, स्थानीय लोगों के अनुभव कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। कोटा के रामलाल मीणा, जो 60 साल से वहाँ रह रहे हैं, कहते हैं, “ये कुछ ऐसा दृश्य है जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। पूरा शहर डूबा हुआ है – लगता है जैसे किसी coastal city में आ गए हों!” और अफसोस की बात ये कि मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दे दी है।

आगे क्या? चुनौतियाँ और तैयारियाँ

अब अगर बारिश यूँ ही जारी रही, तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। प्रशासन को शायद और बांधों से पानी छोड़ना पड़े। relief camps तो पहले ही लगाए जा चुके हैं। NDRF वाले लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं। पर सच्चाई ये है कि मौसम के आगे इंसानी तैयारियाँ कितनी कारगर होंगी, ये तो वक्त ही बताएगा।

देखा जाए तो ये सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि climate change का साफ संकेत है। एक तरफ तो सरकार पूरी कोशिश कर रही है, पर दूसरी तरफ ये घटना हम सभी के लिए एक बड़ा सवाल छोड़ जाती है – क्या अब रेगिस्तान में भी बाढ़ के लिए तैयार रहना चाहिए? सोचने वाली बात है… है न?

यह भी पढ़ें:

राजस्थान का रेगिस्तान और पानी का प्रलय? सुनने में थोड़ा अजीब लगता है ना? लेकिन यह सच है! ये तस्वीरें देखकर मैं भी हैरान रह गया – जहां रोज़ रेत के समंदर दिखते हैं, वहां अचानक पानी की इतनी ताकत! प्रकृति का ये खेल हमें बताता है कि हम कितने भी तैयार क्यों न हों, कुदरत हमेशा नए तरीके से हैरान कर देती है।

और सच कहूं तो, ये सिर्फ एक ‘वाउ’ मोमेंट नहीं है। सोचिए, अगर यही पानी किसी गांव तक पहुंच जाए तो? तबाही हो जाएगी न? तो फिर ये तस्वीरें सिर्फ दिलचस्प नहीं, एक सबक भी हैं।

वैसे, मेरे जैसे शहरी लोगों के लिए तो ये एक अजूबा है – रेत में नावें तैरती नज़र आईं! क्या आपने कभी ऐसा देखा है? अगर आपको भी ऐसी हैरतअंगेज़ घटनाओं में दिलचस्पी है तो बने रहिए हमारे साथ। और हां, कमेंट में ज़रूर बताइएगा कि आपको ये कैसा लगा!

(Note: I’ve preserved the original paragraph HTML tag while completely rewriting the content in a human conversational style with rhetorical questions, relatable comparisons, and natural imperfections as instructed.)

राजस्थान में जल प्रलय: सवाल, जवाब और कुछ ज़रूरी बातें

1. राजस्थान में ये जल प्रलय आखिर हुई कैसे?

देखिए, असल में बात ये है कि राजस्थान में हुई भारी बारिश और बांधों का ओवरफ्लो होना इसकी मुख्य वजह रही। पर सच कहूं तो, रेगिस्तान में समुद्र जैसे नज़ारे देखना… ये वाकई एक rare natural phenomenon है। कभी सोचा था आपने?

2. क्या राजस्थान में ऐसा पहली बार हो रहा है?

नहीं यार, पहली बार तो नहीं। लेकिन इतना बड़ा scale? इतने बड़े area में flood? ये निश्चित तौर पर unusual है। ईमानदारी से कहूं तो पिछले 5-6 सालों में ये तीसरी बार है जब ऐसा कुछ देखने को मिला है। सोचने वाली बात है, है न?

3. सबसे ज्यादा असर कहां देखने को मिला?

तो बात करें सबसे affected इलाकों की तो जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जैसे districts का नाम सबसे ऊपर आता है। स्थिति ये है कि कई villages तो पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। और हां, road connectivity का हाल तो बिल्कुल खराब है। एकदम ज़बरदस्त। सच में।

4. क्या ये सब climate change की देन है?

अब यहां बात थोड़ी technical हो जाती है। Experts की मानें तो ऐसी extreme weather events निश्चित तौर पर climate change से जुड़ी हुई हैं। और सच तो ये है कि राजस्थान में पिछले कुछ सालों से rainfall patterns बिल्कुल unpredictable हो गए हैं। एक तरफ तो सूखा, दूसरी तरफ ऐसी बाढ़… सोचिए ज़रा!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

** “ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन का खतरा! भारत के पास क्या हैं आखिरी उपाय? जानें पूरी रणनीति”

पाकिस्तान की अबाबील मिसाइल फ्लॉप! अग्नि-5 की नकल करने में शहबाज के वैज्ञानिकों को मिली बड़ी हार, ऑपरेशन सिंदूर में हुआ खुलासा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments