UP बिजली मंत्री एके शर्मा ने अधिकारियों को सुनाई खरी-खरी! ‘मैं यहाँ बहाने सुनने नहीं आया…’
क्या आपने कभी किसी सरकारी मीटिंग में ऐसा ड्रामा देखा है? बुधवार को यूपी बिजली विभाग में हुई बैठक तो किसी बॉलीवुड सीन से कम नहीं थी। मंत्री एके शर्मा ने वरिष्ठ अधिकारियों, इंजीनियरों से लेकर IAS-IPS तक सभी को खुली धुनाई कर दी। और सबसे जबरदस्त था उनका पहला ही वाक्य – “मैं बकवास सुनने नहीं आया हूँ!”। सच कहूँ तो, ये वाक्य अकेले ही बता देता है कि योगी सरकार अब बिजली विभाग की चाल-ढाल से पूरी तरह ऊब चुकी है।
आखिर क्यों फट पड़े मंत्री जी?
असल में बात ये है कि यूपी बिजली विभाग पिछले कुछ महीनों से काफी बदनाम हो रहा था। ट्रांसफॉर्मर फेल होने से लेकर लंबे-लंबे power cuts तक… और तो और, consumer complaints का निपटारा होने में तो जैसे सालों लग जाते थे! मंत्री जी पहले भी कई बार आगाह कर चुके थे, पर इस बार तो जैसे उनका गुस्सा फूट ही पड़ा। है न दिलचस्प बात? बैठक का मकसद तो power supply सुधारना था, लेकिन मंत्री के तेवर देखकर लगा जैसे पूरा agenda ही बदल गया।
बैठक में हुआ क्या-क्या?
सूत्रों की मानें तो, मंत्री जी ने बैठक शुरू होते ही अधिकारियों को लताड़ लगाना शुरू कर दिया। उनका साफ-साफ कहना था – “मुझे बहाने नहीं, नतीजे चाहिए!”। project delays से लेकर जनता की शिकायतों को नजरअंदाज करने तक… हर मुद्दे पर उन्होंने खरी-खरी सुनाई। पर सबसे हैरान करने वाली बात? उन्होंने officials को सीधे 15 दिन का अल्टीमेटम दे डाला! मतलब साफ – या तो काम दिखाओ, या फिर consequences भुगतो।
क्या कह रहे हैं लोग?
इस मामले पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है। बिजली विभाग के एक वरिष्ठ (जो नाम नहीं बताना चाहते) कहते हैं – “मंत्री का गुस्सा ठीक है, पर staff shortage की समस्या तो है ही।” वहीं सरकार के दूसरे मंत्री का कहना है – “CM योगी जी का फरमान है – जनता की समस्याएं सबसे पहले।” और विपक्ष? वो तो मौके की तलाश में ही बैठा है! एक senior opposition leader ने तो यहाँ तक कह दिया – “अधिकारियों को कोसकर सरकार अपनी नाकामी छुपा रही है।” क्या सच में ऐसा है? शायद आने वाले दिन बताएँगे।
अब आगे क्या?
15 दिन का अल्टीमेटम… और उसके बाद? अब तो पूरी नजर बिजली विभाग पर टिकी हुई है। sources की मानें तो, अगर हालात नहीं सुधरे तो कुछ senior officers का तबादला या निलंबन तय है। साथ ही सरकार एक नया helpline number लॉन्च करने की भी तैयारी में है। एक तरह से देखा जाए तो, ये पूरा प्रकरण यूपी bureaucracy के लिए एक झटका साबित हुआ है। साफ है – अब बहानेबाजी का जमाना लद गया!
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो साफ है – यूपी सरकार अब गंभीर है। मंत्री का ये strict approach दिखाता है कि अब सिस्टम को बदलना ही होगा। वरना… खैर, आप समझ ही गए होंगे। अब देखना ये है कि बिजली विभाग इस चुनौती को कैसे handle करता है। क्या वाक में सुधार होगा, या फिर कुछ heads roll होंगे? वक्त बताएगा। पर एक बात तो तय है – यूपी में अब business as usual चलने वाला नहीं!
UP बिजली मंत्री एके शर्मा का गुस्सा: क्या है पूरा मामला? (FAQ)
1. भईया, आखिर क्यों भड़के एके शर्मा?
सुनिए, मामला सीधा-सादा है। मंत्री जी को लगा कि अधिकारी बस बातों-बातों में उलझा रहे हैं। और सच कहूं तो, हम सब जानते हैं न कि यूपी में बिजली की हालत कैसी है? तो शर्मा साहब ने साफ-साफ कह दिया – “मैं यहां बकवास सुनने नहीं आया हूं!” और एक्शन रिपोर्ट मांग ली। बिल्कुल सही किया!
2. अच्छा, तो मंत्री जी ने असल में क्या चाहा?
देखिए, ये कोई नई बात नहीं। हम सब घर में भी तो यही करते हैं न? जब बच्चे बहाने बनाते हैं, तो हम भी कहते हैं – “काम की बात बताओ!” ठीक वैसे ही मंत्री जी ने कॉन्क्रीट प्लान और टाइमबाउंड सॉल्यूशन्स मांगे। बस इतना ही। कोई रॉकेट साइंस तो है नहीं!
3. सुनो, क्या इससे सच में कुछ बदलेगा?
अरे भाई, सवाल तो अच्छा पूछा! हालांकि… एक तरफ तो ये सच है कि ऐसे गुस्से से अधिकारियों पर दबाव बनता है। लेकिन दूसरी तरफ? असली टेस्ट तो तब होगा जब फॉलो-अप होगा। वैसे मेरा मानना है – थोड़ा तो असर होगा ही। कम से कम लोग जागेंगे तो सही!
4. क्या ये पहली बार हुआ है?
हाहा! बिल्कुल नहीं! एके शर्मा जी तो अपने इसी स्टाइल के लिए मशहूर हैं। पहले भी ऐसे ही कई मौके आ चुके हैं। सच पूछो तो, ये तो उनकी पहचान बन चुकी है – सीधे-सपाट बोलने वाले नेता। और हम जैसे आम लोगों को यही तो पसंद आता है, है न?
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com