यूपीए सरकार में लश्कर कैंप हमले की साजिश: क्या हुआ था प्लान और क्यों नाकाम हुआ आतंकी हमला?

यूपीए सरकार में लश्कर कैंप हमले की साजिश: प्लान क्या था और क्यों फेल हुआ?

26/11… ये तारीख भारत के दिल पर एक ऐसा दाग है जो शायद कभी मिटे ही नहीं। मुंबई हमले के बाद तो पूरे देश का गुस्सा आसमान पर था – “अब क्या? बस इतना ही?” लेकिन अभी हाल में राजनाथ सिंह ने संसद में एक ऐसा खुलासा किया जिसने सबको चौंका दिया। असल में, यूपीए सरकार के दौरान 26/11 के बाद मुरिदके के लश्कर कैंप पर मिसाइल से हमला करने की प्लानिंग हुई थी! प्रणब दा की अगुवाई में हुई हाई-लेवल मीटिंग में इसपर गंभीरता से विचार हुआ, मगर आखिरकार ये प्लान धरा का धरा रह गया। सच कहूं तो, ये खुलासा उस वक्त की सरकार की नीयत पर बड़े सवाल खड़े करता है।

पूरा मामला समझिए: 26/11 के बाद क्या हुआ?

2008 का वो काला दिन… जब पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई को खून से नहला दिया। पीछे था लश्कर-ए-तैयबा, जिसका मुरिदके में बड़ा-सा ट्रेनिंग कैंप चलता था – जहां हमारे खिलाफ साजिशें रची जाती थीं। हमले के बाद तो पूरा देश आग बबूला था। अंतरराष्ट्रीय community भी भारत पर दबाव बना रही थी। ऐसे में यूपीए सरकार ने military action के ऑप्शन पर गौर किया। मगर ये सब सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रहा। सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?

प्लान फेल क्यों हुआ? राजनाथ सिंह ने क्या बताया?

राजनाथ जी ने साफ कहा – हां, प्लान बना, मगर एक्शन नहीं हुआ। कारण? देखिए, उस वक्त की सरकार को डर था कि अंतरराष्ट्रीय relations खराब हो जाएंगे। अमेरिका और दूसरे देशों के साथ तालमेल बिगड़ने का खतरा था। मजे की बात ये कि 2019 में मोदी सरकार ने पुलवामा के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक करके जोरदार जवाब दिया था। तो फिर सवाल ये उठता है कि क्या यूपीए सरकार ने कमजोर इच्छाशक्ति दिखाई?

राजनीति गरमाई: कौन क्या बोला?

इस खुलासे ने तो राजनीति में तूफान ला दिया है। भाजपा वाले यूपीए पर नरमी दिखाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि उस वक्त के हालात अलग थे। security experts की राय भी दो हिस्सों में बंटी है – कुछ कहते हैं कि हमला करना खतरनाक था, तो कुछ का मानना है कि ये मिस्ड ऑपरच्युनिटी थी। सच तो ये है कि ये बहस अभी लंबी चलने वाली है।

भविष्य पर असर: क्या सीख मिली?

2024 के चुनावों से पहले ये मुद्दा गरमा सकता है। बड़ा सवाल ये कि क्या भविष्य में ऐसी स्थिति में भारत और aggressive रुख अपनाएगा? experts कह रहे हैं कि सरकार को अपनी strategy पर फिर से विचार करना चाहिए। एक बात तो तय है – आतंकवाद से निपटने के तरीके पर यह बहस अभी थमने वाली नहीं।

आखिर में बस इतना ही – यूपीए सरकार का ये फैसला सही था या गलत, इस पर तो बहस होगी ही। लेकिन इस घटना से एक सबक जरूर मिलता है – आतंकवाद से लड़ते वक्त हर कदम सोच-समझकर उठाना चाहिए, क्योंकि इसके नतीजे बहुत दूरगामी होते हैं। वैसे आपकी क्या राय है? क्या सरकार को तब हमला कर देना चाहिए था?

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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