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क्या उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान बिगाड़ रहे हैं नीतीश कुमार का चुनावी खेल? जानें पूरा सच!

क्या उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान नीतीश कुमार का गेम स्पॉइल कर रहे हैं?

बिहार की राजनीति में फिर से हलचल है, और कौन? हमारे सबके पसंदीदा ‘सूट-बूट’ वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार! जिन्होंने दशकों तक राज्य की राजनीति को अपनी मुट्ठी में रखा, आज उन्हीं के अपने लोग उन्हें घेर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा से लेकर चिराग पासवान तक – ये दोनों नीतीश जी को खुली चुनौती देने लगे हैं। कुशवाहा तो उन्हें ‘अक्षम’ तक कह चुके हैं, और चिराग भला कहाँ पीछे रहने वाले? बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते नहीं थक रहे। सवाल यह है कि क्या ये सब 2025 के चुनाव से पहले की सियासी चालें हैं या फिर NDA में सचमुच दरार पड़ रही है?

नीतीश का सफर: कहाँ से कहाँ, पर अब क्या?

देखिए, नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में जो मुकाम हासिल किया है, वो रातोंरात नहीं मिला। लेकिन अब हालात ऐसे हो रहे हैं जैसे किसी फिल्म का ट्विस्ट सीन! RLSP के उपेंद्र कुशवाहा और LJP के चिराग पासवान – दोनों NDA के साथी होकर भी नीतीश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। कुशवाहा तो यहाँ तक कह चुके कि अब बिहार को युवा नेतृत्व चाहिए, मतलब साफ – निशांत कुमार को आगे करो! वहीं चिराग साहब बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। बात साफ है – गठबंधन में आग लगी है, और धीरे-धीरे फैल रही है।

आलोचना का तूफान: कब तक चलेगा ये सिलसिला?

अब तो मामला और भी गरमा गया है। कुशवाहा जी ने नीतीश की नीतियों को ‘पुराने जमाने की सोच’ बताया है। उनका कहना है कि बिहार को नए विचार और फास्ट-फॉरवर्ड सोच चाहिए। मतलब साफ – नीतीश जी, आपका टाइम अब पास्ट हो चुका! दूसरी तरफ चिराग पासवान जनता की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं। सबसे मजेदार बात? BJP और RJD दोनों इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। पर राजनीति के जानकारों की मानें तो ये NDA के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।

कौन क्या बोला: राजनीतिक हलकों की प्रतिक्रिया

JDU के एक नेता ने तो इसे ‘व्यक्तिगत राय’ कहकर टालने की कोशिश की है। पर भला कौन माने? BJP वाले कह रहे हैं कि वे गठबंधन साथियों के साथ मिलकर काम करेंगे – मतलब ‘हम तो नीतीश भैया के साथ हैं’। RJD वाले तो मजे ले रहे हैं – कह रहे हैं ये NDA की अपनी फजीहत है, हमें क्या? पर असली सवाल यह है कि 2025 के चुनाव से पहले ये टकराव नीतीश कुमार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। खासकर तब, जब विपक्षी दल इसका फायदा उठाने की फिराक में हों।

आगे क्या? नीतीश के लिए चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं

अगर कुशवाहा और पासवान इसी तरह बयानबाजी करते रहे, तो NDA में दरार और गहरी हो सकती है। नीतीश कुमार के लिए ये वक्त अपनी रणनीति पर फिर से सोचने का है। 2025 के चुनाव से पहले गठबंधन में बदलाव की भी संभावना है – खासकर अगर ये तनाव और बढ़ा। RJD जैसे दल तो इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार बैठे हैं।

सच कहूँ तो, बिहार की राजनीति में ये नया संकट नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती बनकर आया है। अगर उन्होंने समय रहते अपनी रणनीति नहीं बदली, तो 2025 का चुनाव उनके लिए आसान नहीं होगा। बिल्कुल नहीं।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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