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“12वीं के बाद UPSC की तैयारी कैसे शुरू करें? जानें सही उम्र और सफलता के राज!”

12वीं के बाद UPSC की तैयारी: क्या सच में इतनी जल्दी शुरू कर देनी चाहिए?

भाई, UPSC… ये तीन अक्षर ही कितने सपने जगा देते हैं न? IAS, IPS, IFS जैसी सेवाओं में जाने का सपना। लेकिन सच कहूं तो ये कोई आम परीक्षा नहीं – ये तो एक मैराथन है जिसमें Prelims, Mains और Interview तीनों चरणों में आपको पसीना बहाना पड़ता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या 12वीं के बाद से ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए? मेरा मानना है – हां! क्योंकि जितनी जल्दी शुरुआत, उतना ही Concepts पर मजबूत पकड़।

यूपीएससी के लिए Eligibility: क्या-क्या चाहिए?

सबसे पहले तो बेसिक बातें समझ लें। Graduation चाहिए ही चाहिए – बिना डिग्री के तो फॉर्म भी नहीं भर पाओगे। उम्र की बात करें तो सामान्य वर्ग के लिए 21 से 32 साल तक का खेल है (हालांकि SC/ST/OBC को relaxation मिलता है)। मेरा सुझाव? 12वीं के बाद पहले Graduation पर फोकस करो। वैसे भी, कॉलेज के दिनों में ही अगर UPSC की बुनियाद रख दो तो सोने पर सुहागा वाली बात हो जाएगी।

कैसे करें शुरुआत? रणनीति बनाएं स्मार्ट तरीके से

असल में देखा जाए तो Graduation के साथ-साथ तैयारी की जा सकती है। कोर्स चुनते वक्त थोड़ा सोच-समझकर फैसला लें। Arts वालों को थोड़ा फायदा जरूर होता है – इतिहास, राजनीति विज्ञान जैसे विषय UPSC के syllabus से सीधे जुड़े होते हैं। लेकिन ये मत समझो कि Science या Commerce वाले पीछे रह जाते हैं! बस उन्हें General Studies पर थोड़ा एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ती है।

एक छोटी सी टिप: NCERT की किताबें (6th से 12th तक) तो आपकी बाइबल बन जाएंगी। खासकर इतिहास और राजनीति विज्ञान वाली। और हां, अखबार पढ़ने की आदत डाल लो – The Hindu या Indian Express। Current Affairs के लिए प्रतियोगिता दर्पण जैसी मैगजीन्स भी मददगार होती हैं। सच कहूं तो ये सब करने में मजा भी आता है!

टाइम मैनेजमेंट: बैलेंस करना सीखो

अब ये मत सोचना कि सुबह-शाम सिर्फ UPSC ही UPSC! Graduation भी तो पूरी करनी है न? एक संतुलित टाइम टेबल बनाओ – सुबह 2-3 घंटे NCERT, दोपहर में 1 घंटा करंट अफेयर्स, और शाम को रिवीजन। वीकेंड पर मॉक टेस्ट दे सकते हो। लेकिन याद रखो – क्वालिटी मायने रखती है, क्वांटिटी नहीं।

कुछ एक्स्ट्रा मसाला: सफलता के गुर

मेरे एक दोस्त ने कहा था – “UPSC में सफलता का फॉर्मूला 3P का है: Patience, Persistence और Proper Planning!” सच बोला उसने। Optional Subject चुनते वक्त दिल से नहीं, दिमाग से सोचो। पिछले साल के पेपर्स सॉल्व करो। और सबसे जरूरी – हार मत मानो। कभी-कभी तो लगेगा कि सब बेकार है, लेकिन यही तो असली टेस्ट है!

तो भाई, 12वीं के बाद से तैयारी शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा? आपके पास समय होगा Concepts को चबा-चबाकर पचाने का। धीरे-धीरे, step by step आगे बढ़ो। याद रखो, ये रेस नहीं, एक सफर है। और इस सफर का हर पल जियो!

12वीं के बाद UPSC की तैयारी? सुनने में थोड़ा जल्दबाजी लगता है न? लेकिन अगर आपका दिल सच में इसी में है, तो क्यों नहीं! हालांकि, एक बात समझ लीजिए – ये कोई रेस नहीं है जहां सबसे पहले दौड़ना जीत है। असल में, मैंने कई बच्चों को देखा है जो बिना सोचे-समझे इस रास्ते पर कूद पड़ते हैं और फिर… खैर, आप समझ गए होंगे।

तो सवाल यह है कि क्या 12वीं के बाद UPSC की तैयारी करना सही है? मेरी राय में, हाँ! लेकिन सिर्फ तभी जब:

अब कुछ टिप्स जो मैंने अपने दोस्तों से सीखे हैं (जिनमें से कुछ तो अब IAS अफसर हैं!):

1. NCERT की किताबें आपकी बेस्ट फ्रेंड बन जाएंगी। गंभीरता से।
2. हर दिन कम से कम 2-3 घंटे तो देना ही पड़ेगा। वीकेंड पर थोड़ा ज्यादा।
3. Mock tests… इनके बिना तो बात ही नहीं बनती!

एक बात और – अगर आपको लगता है कि कोचिंग ज्वाइन कर लेना ही काफी है, तो माफ कीजिएगा, लेकिन आप गलत हैं। कोचिंग सिर्फ 30% हेल्प करेगी। बाकी 70%? आपकी मेहनत, स्मार्ट स्ट्रैटेजी और… हाँ, थोड़ा सा भाग्य भी।

तो क्या सोच रहे हैं? अगर दिल से चाहते हो, तो शुरू कर दो! लेकिन याद रखना – इस रास्ते में धैर्य सबसे बड़ा हथियार है। और हाँ, कभी-कभार ब्रेक लेकर अपने आप को रिफ्रेश भी करते रहना। All the best! 👍

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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