अमेरिका-ईरान सीधी बातचीत पर ट्रंप का बड़ा ऐलान! क्या मिलेगा नया डील?
क्या हो रहा है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज एक बम्पर ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि अमेरिका और ईरान के Officials अगले हफ्ते आमने-सामने बैठेंगे। ये मीटिंग इजराइल-ईरान के ताजा झगड़ों के बीच एक बड़ी खबर है। लेकिन साथ ही ट्रंप ने ये भी कहा कि उन्हें खुद इस बातचीत में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। अजीब बात है न?
इस बयान के बाद तो अंतरराष्ट्रीय राजनीति के Experts की चर्चा गर्मा गई है। सवाल ये है कि क्या ये बातचीत मध्य पूर्व में शांति ला पाएगी? या फिर दोनों देशों की आपसी नफरत इस डील को फिर से फेल कर देगी?
क्यों हैं ये दोनों दुश्मन?
पुरानी रंजिश
1979 की ईरानी क्रांति के बाद से ही अमेरिका और ईरान एक-दूसरे को आंखें दिखाते आए हैं। 2015 का परमाणु समझौता (JCPOA) एक उम्मीद की किरण थी। लेकिन 2018 में ट्रंप ने इस डील से हाथ खींच लिया – और फिर से तनाव बढ़ गया।
ताजा हालात
2020 में अमेरिका ने ईरान के Top General कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। उसके बाद तो मामला और भी गरमा गया। अभी हाल में इजराइल और ईरान के बीच जो झड़पें हुईं, उन्होंने पूरे मामले को और पेचीदा बना दिया है।
ट्रंप ने क्या कहा?
बयान की खास बातें
White House में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “हमारे लोग अगले हफ्ते ईरानियों से मिलेंगे।” लेकिन फिर उन्होंने ऐसा मजेदार कमेंट किया कि – “मुझे खुद इस बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है।” ये बात तो Experts को भी हैरान कर रही है!
किसने क्या कहा?
ईरानी सरकार अभी तक चुप है। वहीं United Nations के कुछ Officials इसे अच्छा कदम मान रहे हैं। इजराइल ने थोड़ा सतर्क रुख अपनाते हुए कहा है कि वो इस पर नजर रखेगा।
क्या होगा नया डील?
मुख्य मुद्दे
Experts की मानें तो ये बातचीत दो बड़े मुद्दों पर होगी:
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नई शर्तें
- अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील
मुश्किलें क्या हैं?
रास्ते में कई रोड़े हैं:
- दोनों देश एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते
- इजराइल और सऊदी जैसे अमेरिकी Allies की चिंता
- ईरान में आने वाले चुनावों का दबाव
आखिरी बात
ये बातचीत मध्य पूर्व में शांति की एक उम्मीद जगाती है। लेकिन Experts मानते हैं कि इतनी जल्दी कोई बड़ा समझौता होना मुश्किल लग रहा है। सच तो ये है कि दोनों देशों के बीच विश्वास की बहुत बड़ी खाई है।
अगले कुछ दिनों में सभी की नजरें इस वार्ता पर होंगी। क्या ये बातचीत मध्य पूर्व का नक्शा बदल देगी? या फिर ये भी पिछली तरह की नाकामयाब वार्ता साबित होगी?
आपकी बात
आपको क्या लगता है?
- क्या अमेरिका और ईरान के बीच कोई नया डील हो पाएगा?
- इस बातचीत का असर मध्य पूर्व पर क्या पड़ेगा? नीचे कमेंट में बताएं!
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