अमेरिका ने भारत पर 2.50 लाख करोड़ का टैरिफ लगाया – अब क्या होगा?
अरे भाई, जुलाई 2024 का यह फैसला तो एक बम की तरह गिरा है! अमेरिका ने भारत समेत 69 देशों पर 2.50 लाख करोड़ (29 अरब डॉलर) का टैरिफ झोंक दिया है। सच कहूं तो, यह पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देने वाला कदम है। ट्रंप साहब तो इसे “अमेरिकी जनता के लिए जीत” बता रहे हैं, लेकिन असल में? देखा जाए तो यह चाल बैकफायर भी कर सकती है। क्या यह सच में अमेरिका के फायदे का सौदा है, या फिर दुनिया भर में trade war की शुरुआत?
पूरी कहानी: “America First” का नया अध्याय
यह कोई नई बात तो नहीं। अमेरिका तो पिछले कुछ सालों से “America First” के नाम पर ऐसे फैसले लेता आया है। भारत के साथ trade deficit तो उनके सिरदर्दों में से एक रहा है – पहले स्टील-एल्युमिनियम पर टैरिफ लगे, अब यह नया झटका। पर इस बार? सिर्फ भारत ही नहीं, यूरोप से लेकर चीन तक सबकी बारी है। बात बन गई ना?
जुलाई 2024: टैरिफ का जश्न या मुसीबत की शुरुआत?
29 अरब डॉलर! यह आंकड़ा अमेरिका के लिए तो शायद खुशखबरी हो, पर हमारे लिए? एकदम झटका। ट्रंप कह रहे हैं कि यह पैसा अमेरिकी टैक्सपेयर्स को राहत देने में जाएगा। अच्छी बात है। लेकिन supply chain पर पड़ने वाले असर को कौन देखेगा? भारतीय एक्सपोर्टर्स की चिंता तो समझ में आती है – उनकी मेहनत पर पानी फिरने का डर तो है ही।
दुनिया की प्रतिक्रिया: भारत ने क्या कहा?
हमारी सरकार ने तो साफ कह दिया – “यह एकतरफा और गलत फैसला है।” WTO में शिकायत दर्ज करने की तैयारी चल रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने तो यहां तक कहा कि यह भारत-अमेरिका रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है। सच्चाई यह है कि अगर हम भी जवाबी टैरिफ लगाते हैं, तो स्थिति और उलझ सकती है। दिलचस्प बात यह कि अमेरिका में भी कई लोग इसके खिलाफ बोल रहे हैं। क्यों? क्योंकि उनके अपने एक्सपोर्ट्स को खतरा है।
आगे क्या? ट्रंप का अगला मूव क्या होगा?
अब सवाल यह है कि गेम आगे कैसे खेलेगा? क्या भारत जवाबी कार्रवाई करेगा? अगर हां, तो trade war की स्थिति बन सकती है। वहीं अमेरिकी mid-term elections में ट्रंप इस मुद्दे को political mileage के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। WTO में बहस तो तय है। सच पूछो तो, यह सिर्फ दो देशों का मामला नहीं रहा – पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित हो सकती है।
अंत में: यह टैरिफ न सिर्फ भारत-अमेरिका रिश्तों, बल्कि पूरी दुनिया के trade को प्रभावित करेगा। अगर तनाव बढ़ा, तो निवेशकों का भरोसा डगमगाएगा। बेहतर होगा कि दोनों तरफ से संवाद का रास्ता अपनाया जाए। वरना? स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
अमेरिका के टैरिफ और ट्रंप के प्लान: सारे जवाब, बिना लफ्फाजी के!
1. अमेरिका ने भारत पर 2.50 लाख करोड़ का टैरिफ लगाया… पर क्यों?
देखिए, बात सीधी-सी है। अमेरिका को लगता है कि हमारे यहाँ से आने वाली चीज़ें – खासकर स्टील और अल्युमीनियम – उनके घरेलू बाजार के लिए मुश्किल खड़ी कर रही हैं। ट्रंप साहब का तो यहाँ तक कहना है कि यह उनके ‘ट्रेड डेफिसिट’ को कम करने का जादुई हथियार है! पर सच कहूँ? यह सिर्फ अमेरिकी इंडस्ट्री को बचाने का एक तरीका भर है। क्या यह सच में काम करेगा? वक़्त बताएगा।
2. क्या भारत ने जवाबी कार्रवाई की? (और कितना तगड़ा जवाब?)
अरे भाई, हम भी तो बैठे नहीं हैं! सरकार ने अमेरिकी सेब, अखरोट और कुछ केमिकल्स पर अपने टैरिफ बढ़ा दिए हैं। मजेदार बात यह है कि ये सारे प्रोडक्ट अमेरिका के कुछ खास राज्यों से आते हैं… जहाँ ट्रंप के वोटर ज़्यादा हैं। संयोग? शायद नहीं! पर हाँ, हमने WTO के नियमों का पूरा ख्याल रखा है – कोई गलत चाल नहीं चली।
3. ट्रंप का अगला चाल: क्या पत्ता है उनके हाथ में?
अभी के लिए तो वे ‘फेयर ट्रेड’ की रागिनी अलाप रहे हैं। मतलब साफ है – अमेरिका को ज्यादा से ज्यादा फायदा। सूत्रों की मानें तो वे एक नए ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं। पर सवाल यह है – क्या इसमें भारत के हित भी शामिल होंगे? और हाँ, हो सकता है आने वाले दिनों में और सेक्टर्स पर निशाना साधा जाए। IT सेक्टर वाले, सावधान!
4. सबसे बड़ा सवाल: क्या भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाएगी?
छोटी मोटी चोट तो लगेगी ही – स्टील और अल्युमीनियम सेक्टर को तुरंत झटका लग सकता है। पर एक्सपर्ट्स की राय में, हमारी इकोनॉमी इतनी मजबूत है कि… [संपादकीय टिप्पणी: यहाँ पैराग्राफ अचानक कट गया है, जैसे कि लेखक ने इसे जानबूझकर अधूरा छोड़ दिया हो]
वैसे, असली सवाल तो यह है – क्या यह टैरिफ वॉर सच में किसी के हित में है? या फिर यह सिर्फ राजनीति का एक और खेल है? आपकी राय क्या है? कमेंट में ज़रूर बताइएगा!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com