चीन से भाग रहे अमेरिकी खिलौना कारोबारियों का नया खेल!
अरे भाई, क्या आपने कभी सोचा था कि Mattel और Hasbro जैसे बड़े नाम एक दिन चीन को अलविदा कह देंगे? पर यही हो रहा है! दशकों से चीन में बने खिलौने अब वियतनाम, भारत और मैक्सिको की ओर रुख कर रहे हैं। और वजह? टैरिफ का भूत और supply chain की अंधेरी गलियाँ। सच कहूँ तो, यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं – पूरा खिलौना बाजार ही अपनी दिशा बदल रहा है।
चीन का जादू टूटता नज़र आ रहा है
याद है वो दिन जब ‘मेड इन चाइना’ स्टिकर देखकर हम समझ जाते थे कि यह सस्ता और भरोसेमंद है? लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। अमेरिका-चीन trade war ने तो पहले ही बवाल खड़ा कर दिया था, फिर COVID ने supply chain की कमर तोड़ दी। ऐसे में कंपनियों को लगने लगा है कि अंडे एक ही टोकरी में रखना समझदारी नहीं। है न मजेदार बात?
‘चीन+1’ – नया मंत्र चल पड़ा है!
अब कंपनियों ने नया फंडा निकाला है – “China+1″। मतलब चीन के साथ-साथ किसी और देश में भी पैर पसारना। वियतनाम तो जैसे नया चीन बनता जा रहा है, भारत भी पीछे नहीं। और मैक्सिको? वह तो अमेरिका के इतना करीब है कि shipping cost ही बच जाता है। स्मार्ट मूव, है न?
एक दिलचस्प बात – Mattel ने तो भारत में अपना R&D सेटअप भी बढ़ा दिया है। शायद हमारे देश के इंजीनियरों को बार्बी डॉल्स डिजाइन करने का मौका मिले!
क्या चीन रो पड़ेगा?
सच पूछो तो चीन के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। उनके local exporters तो मानो दिल थामकर बैठे हैं। पर एक सच यह भी कि चीन अब वह सस्ता विकल्प नहीं रहा जो कभी हुआ करता था। वहाँ की लेबर cost बढ़ी है, तो कंपनियों को मुनाफा कम होने लगा। बिजनेस है भाई – जहाँ फायदा, वहीं फैक्ट्री!
आगे क्या होगा?
अगले पाँच सालों में तो खिलौना उद्योग का नक्शा ही बदल जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का दबदबा 30% तक कम हो सकता है। और भारत? हमारे यहाँ तो ‘मेक इन इंडिया’ के तहत खिलौना क्लस्टर्स बन रहे हैं। कौन जाने, आपका बच्चा जो अगला फेवरेट टॉय खेल रहा हो, वह हमारे यहाँ का बना हो!
एक बात तो तय है – यह कोई छोटी-मोटी शिफ्ट नहीं। यह तो वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक नया अध्याय है। और हम सब इसके साक्षी बन रहे हैं। क्या पता, भविष्य में ‘मेड इन चाइना’ की जगह ‘मेड इन इंडिया’ सुनने को मिले!
चीन से दूर भाग रहे अमेरिकी खिलौना निर्माता – जानिए पूरी कहानी
अमेरिकी खिलौना कंपनियों का चीन से पलायन – क्यों और कैसे?
अरे भाई, एक समय था जब चीन खिलौना उद्योग का ‘वन स्टॉप शॉप’ हुआ करता था। लेकिन अब? देखा जाए तो अमेरिकी कंपनियों के पैर यहाँ से उखड़ते जा रहे हैं। कारण? टैरिफ (tariffs) का भूत और ट्रेड वॉर (trade war) का डर! सच कहूँ तो manufacturing cost इतना बढ़ गया है कि अब यहाँ काम करना मुंहमांगी मुराद नहीं रहा। और हाँ, supply chain की उलझनें और राजनीतिक तनाव तो जैसे नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।
टैरिफ का खेल: खिलौना उद्योग पर क्या गुजर रही है?
समझिए एक बात – टैरिफ ने तो जैसे पूरे खेल को ही पलट दिया है। अब चीन से मंगाने पर extra charges का बोझ… ऐसे में profit margin तो बच्चे का जेब खर्च जितना रह गया है! है न मजेदार बात? तो क्या हल है? कंपनियाँ अब Vietnam, India और Mexico जैसे नए मैदान तलाश रही हैं। सस्ता श्रम, कम झंझट। समझदारी की बात है, है न?
भारत का मौका: क्या हम सही समय पर सही कदम उठा पाएंगे?
ईमानदारी से कहूँ तो यह भारत के लिए सोने की चिड़िया पकड़ने जैसा मौका है। हमारे यहाँ labor cost तो कम है ही, सरकार की ‘Make in India’ जैसी पहलें भी दमदार हैं। पर सवाल यह है – क्या हम इतने तैयार हैं कि बड़ी-बड़ी अमेरिकी कंपनियों को यहाँ manufacturing plants लगाने के लिए राजी कर पाएँ? अभी तक के संकेत तो अच्छे ही लग रहे हैं।
आम आदमी पर असर: क्या खिलौनों के दाम आसमान छूएंगे?
थोड़ा सच बताऊँ? Short term में तो हाँ, prices में उछाल आ सकता है। पर लंबे समय में देखें तो यह बदलाव अच्छा ही होगा। क्यों? क्योंकि जब supply chain diversify होगा, competition बढ़ेगा तो quality भी सुधरेगी। वैसे भी, क्या हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे सिर्फ ‘मेड इन चाइना’ वाले खिलौनों से ही खेलें? सोचने वाली बात है!
Source: Financial Times – Global Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com