अमेरिकी थोक बाज़ार में जून महीने की बड़ी खबर: कीमतें ठहरीं, पर क्या मतलब है ये?
अरे भई, अमेरिकी अर्थव्यवस्था से एक दिलचस्प अपडेट आया है! Labor Department के ताज़ा डेटा के मुताबिक, जून में Producer Price Index (PPI) एकदम सपाट रहा। यानी कोई उछाल नहीं, कोई गिरावट नहीं। और हैरानी की बात ये कि मई में तो ये 0.3% चढ़ गया था। अब सवाल ये उठता है – क्या ये महंगाई पर लगाम लगने का संकेत है? शायद।
PPI यानी Producer Price Index… इसे समझना ज़रूरी है। देखिए, ये वो मीटर है जो बताता है कि अमेरिकी कारखानों और कंपनियों को अपने सामान और सेवाओं के क्या दाम मिल रहे हैं। असल में, ये CPI (Consumer Price Index) से पहले आने वाला अलार्म है जो महंगाई का अंदाज़ा देता है। पिछले कुछ महीनों का रिकॉर्ड देखें तो – अप्रैल में 0.2%, मई में 0.3%… और अब जून में जीरो। क्या ये ट्रेंड बदल रहा है?
जून के ये आंकड़े कुछ खास बातें बताते हैं। पहली तो ये कि अर्थशास्त्रियों को तो 0.2% बढ़ोतरी की उम्मीद थी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। दूसरा, मई का डेटा ही रिवाइज होकर 0.3% पर पहुंच गया! और सबसे मजेदार बात – अगर खाने-पीने और पेट्रोल-डीजल को छोड़ दें (यानी core PPI), तो बढ़त सिर्फ 0.1% रही। पिछले महीने से आधी। क्या कहेंगे आप?
अब विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं? कुछ का मानना है कि ये Federal Reserve (Fed) के लिए अच्छी खबर है। शेयर बाज़ार वालों को तो ये खबर बहुत भाई – क्योंकि ब्याज दरें और नहीं बढ़ेंगी शायद। वहीं, उद्योगपतियों की चिंता थोड़ी कम हुई है क्योंकि कच्चे माल के दाम स्थिर हो गए हैं। लेकिन… हमेशा एक लेकिन तो होता ही है न?
तो अब क्या? अगर महंगाई के ये संकेतक और नीचे जाते हैं, तो Fed जुलाई के बाद ब्रेक लगा सकता है। और PPI का ये स्थिर ग्राफ़ अगले हफ्ते आने वाले CPI को भी प्रभावित करेगा। सच कहूं तो, हर कोई अब जुलाई के CPI डेटा की तरफ देख रहा है – यही तो बताएगा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था का रुख किधर है।
इससे जुड़ी और जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहिए। क्योंकि अर्थव्यवस्था… ये तो हमेशा चलती रहती है। बस समझने वालों की जरूरत है!
Source: Dow Jones – Social Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com