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उत्तराखंड से हिमाचल तक भारी बारिश का कहर, IMD का रेड अलर्ट, स्कूलों में छुट्टियां

उत्तराखंड से हिमाचल तक बारिश का कहर: क्या अब बस यही नियति है?

अभी कुछ दिन पहले तक लोग गर्मी से तप रहे थे, और अब? उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में मानसून ने जैसे कहर बरपा दिया है। देखा जाए तो IMD ने तो RED ALERT जारी कर दिया है हिमाचल और उत्तराखंड के लिए, लेकिन असल मुसीबत तो वहां के लोग झेल रहे हैं। स्कूल बंद, सड़कें जाम, और लोगों से कहा जा रहा है कि बेवजह घर से न निकलें। पर सवाल यह है कि जब बारिश ही नहीं रुक रही, तो लोग करें भी क्या?

ईमानदारी से कहूं तो ये कोई नई बात नहीं। पिछले एक हफ्ते से उत्तराखंड और हिमाचल में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। IMD वालों ने तो पहले ही आगाह कर दिया था – “अगले 48 घंटे और तबाही मच सकती है”। और सच कहूं? ये राज्य तो बारिश की मार झेलने के आदी हो चुके हैं। भूस्खलन, सड़कें धंसना, जानमाल का नुकसान… लिस्ट लंबी है। इस बार की चेतावनी को लेकर लोग सच में डरे हुए हैं।

अभी की स्थिति की बात करें तो… हद हो गई है! देहरादून, शिमला, ऋषिकेश जैसे शहरों में तो जैसे आसमान फट पड़ा है। स्कूल बंद करने का फैसला सही लगता है – कुल्लू, मंडी, देहरादून में तो बच्चों की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है। पर दिक्कत ये है कि पर्यटक फंसे हुए हैं। कई हाईवे बंद, सड़कें टूटी हुई… NDRF की टीमें मोर्चे पर हैं, लेकिन क्या ये काफी होगा?

अब सवाल यह कि लोग क्या कह रहे हैं? मौसम विभाग वाले तो अपनी रट लगाए हुए हैं – “24 घंटे और सावधान रहें”। प्रशासन की अपील? “घर में बैठो!”। पर स्थानीय लोगों की कहानी अलग है। पहाड़ों से इतना पानी बह रहा है कि कई जगह लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। सच में डरावना है।

भविष्य की बात करें तो… हालात और बिगड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश यूं ही जारी रही, तो भूस्खलन और नदियों का उफान बड़ी मुसीबत ला सकता है। गांव वालों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है। पर एक उम्मीद की किरण? IMD का कहना है कि 48 घंटे बाद शायद राहत मिले। शायद!

तो हालात गंभीर हैं, ये तो तय है। पर सवाल यह है कि क्या हम हर साल ऐसे ही मौसम के थपेड़े खाते रहेंगे? सतर्कता जरूरी है, पर स्थायी समाधान कब निकलेगा? जनजीवन सामान्य हो, यही कामना है… लेकिन क्या ये काफी है?

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उत्तराखंड और हिमाचल में इन दिनों बारिश का कहर जारी है, और IMD का रेड अलर्ट देखकर तो लगता है कि हालात और भी गंभीर होने वाले हैं। सच कहूँ तो, कुछ जिलों में तो स्कूल बंद करने का फैसला सही लगता है – वैसे भी, बच्चों और पैरेंट्स के लिए थोड़ी राहत की बात है न? लेकिन असल सवाल यह है कि क्या हम इतनी भारी बारिश के लिए तैयार हैं?

इस वक्त सबसे ज़रूरी है सावधानी बरतना। अधिकारियों की गाइडलाइन्स को फॉलो करना उतना ही अहम है जितना कि घर से निकलते समय छाता लेना! प्रकृति का यह रौद्र रूप देखकर एक बात तो तय है – सुरक्षा पहले। और हाँ, latest updates के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए। क्योंकि मौसम अभी और खेल दिखाएगा, है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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