उत्तराखंड पुलिस ने मारी बड़ी चोट! देहरादून में 82 ‘नकली’ बाबाओं की धर-पकड़
अरे भई, क्या बात है! उत्तराखंड पुलिस ने शुक्रवार को देहरादून के सहसपुर इलाके में ऐसी छापेमारी की कि 82 नकली बाबा और साधु धराशायी हो गए। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया ऑपरेशन कालनेमी – और सच कहूं तो नाम के मुताबिक ही काम किया। असल में ये सारे ढोंगी साधु धार्मिक स्थलों पर अपनी दुकानें चला रहे थे। सबसे हैरानी वाली बात? इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी था जो झूठे दस्तावेजों के सहारे यहां बैठा था। बस, अब गेम ओवर!
देखिए न, उत्तराखंड खासकर हरिद्वार और देहरादून तो लंबे समय से ऐसे ठगों का अड्डा बना हुआ था। ये लोग क्या करते थे? भोले-भाले श्रद्धालुओं को लूटना, मंदिरों पर कब्जा करना, और चंदे के नाम पर पैसा ऐंठना – बस यही इनका धर्म था। पुलिस को तो कई शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ विदेशी भी इस धंधे में कूद पड़े हैं। तो जब तक तब तक… ऑपरेशन कालनेमी प्लान हुआ और सहसपुर में धमाकेदार एक्शन!
अब सुनिए इस ऑपरेशन की खास बातें। कुल 82 नकली साधु पकड़े गए – और इनके पास से क्या-क्या बरामद हुआ? नकली पहचान पत्र, भगवा वस्त्र (जो शायद धोने भी नहीं डाले होंगे), और तो और… कुछ तो नशे के धंधे में भी लिप्त थे! मतलब साफ है – ये साधु का वेश धारण करके असल में क्या-क्या कर रहे थे। उत्तराखंड एसटीएफ और लोकल पुलिस की टीम ने कमाल की मेहनत की। घंटों की मशक्कत के बाद ये सब पकड़ में आए।
उत्तराखंड पुलिस प्रमुख ने तो साफ कहा – “यह ऑपरेशन श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए था।” और सच मानिए, स्थानीय लोगों ने भी इस कदम की तारीफ की। पर एक पेंच भी है – कुछ धार्मिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि असली साधुओं को परेशान न किया जाए। ये बात भी गलत नहीं। लेकिन सवाल यह है कि असली और नकली में फर्क कैसे हो?
तो अब आगे क्या? पकड़े गए इन ठगों पर धोखाधड़ी, अवैध ठहराव और अन्य केस चलेंगे। पुलिस तो अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी खंगाल रही है – क्योंकि बांग्लादेश और नेपाल के लिंक मिल सकते हैं। उत्तराखंड सरकार ने अब धार्मिक स्थलों पर सख्त निगरानी का ऐलान किया है। सच कहूं तो ये पुलिस के लिए बड़ी जीत है। पर सबसे बड़ा सवाल – क्या ये सबक इन नकली बाबाओं के लिए काफी होगा? वक्त बताएगा!
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उत्तराखंड पुलिस का यह ऑपरेशन कालनेमी वाकई कमाल का है, है न? देहरादून में 82 नकली बाबाओं को पकड़ना कोई मामूली बात तो नहीं। असल में, यह सिर्फ एक पुलिस एक्शन नहीं, बल्कि समाज को जगाने वाली एक तेज चेतावनी है।
तो सवाल यह उठता है – इतने सारे ढोंगी बाबा आखिर क्यों फल-फूल रहे हैं? शायद हमारी ही भोलापन इनका बिजनेस चला रही है। लेकिन अब पुलिस ने जो कदम उठाया है, वो साफ कहता है – बस, हो गया!
एक तरफ तो यह कार्रवाई कानून व्यवस्था को मजबूती देती है, वहीं दूसरी तरफ आम लोगों के लिए एक सबक भी है। ईमानदारी से कहूं तो, अगर हम खुद जागरूक नहीं होंगे, तो ये नकली गुरु हमारी जेबें खाली करते रहेंगे।
सच्ची आध्यात्मिकता की बात करें तो… वो तो इन ठगी के धंधों से कोसों दूर है। पुलिस की इस मुहीम की तारीफ तो बनती है, लेकिन हमारी जिम्मेदारी भी कम नहीं। सोचिएगा जरूर!
Source: Hindustan Times – India News | Secondary News Source: Pulsivic.com