UVA के अध्यक्ष का इस्तीफा: क्या DEI नीतियों पर ट्रंप प्रशासन का दबाव जायज़ था?
अमेरिकी शिक्षा जगत में हलचल मच गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया (UVA) के अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया – और वजह? ट्रंप प्रशासन का Diversity, Equity, and Inclusion (DEI) नीतियों पर बढ़ता दबाव। असल में बात ये है कि UVA के कुछ बोर्ड सदस्य DOJ के अधिकारियों से मिले थे। और लगता है उन्हें साफ-साफ समझा दिया गया कि अगर नागरिक अधिकारों की जाँच रुकवानी है तो अध्यक्ष को चले जाना होगा। तो क्या ये सही था? अध्यक्ष ने तो “विश्वविद्यालय के हित” का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया, पर सच क्या है? कोई जानता है?
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। UVA अमेरिका की टॉप यूनिवर्सिटीज़ में से एक रही है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यहाँ DEI को लेकर राजनीति गर्म हो रही थी। ट्रंप प्रशासन तो इन कार्यक्रमों को “विभाजनकारी” बता रहा था। और अब DOJ ने जाँच शुरू कर दी। है न मज़ेदार? एक तरफ तो DEI पहलों पर सवाल उठे, दूसरी तरफ अचानक अध्यक्ष को जाना पड़ा। क्या ये सिर्फ़ एक संयोग है? मुझे तो नहीं लगता।
अब ये मामला पूरे अमेरिका में बहस का विषय बन गया है। रिपब्लिकन खुश हैं – उनका कहना है DEI सिर्फ़ “राजनीतिक एजेंडा” है। पर डेमोक्रेट्स और शिक्षाविदों को लगता है कि ये शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला है। और छात्र? वो तो सड़कों पर आने को तैयार हैं। कुछ पूर्व छात्रों ने तो इसे खुलकर “राजनीतिक दबाव” कहा है। सच क्या है? शायद समय ही बताएगा।
तो अब क्या? DOJ शायद जाँच बंद कर दे। पर असल सवाल ये है कि क्या अमेरिकी शिक्षा व्यवस्था राजनीति की गेंद बनती जा रही है? 2024 के चुनावों से पहले ये मामला और भी गर्म हो सकता है। UVA को अब नया अध्यक्ष चाहिए – ऐसा जो राजनीतिक तूफ़ानों का सामना कर सके। एक बात तो तय है – ये मामला सिर्फ़ UVA तक सीमित नहीं रहने वाला। पूरे अमेरिकी शिक्षा तंत्र के लिए ये एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है। क्या आपको नहीं लगता?
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Source: NY Post – US News | Secondary News Source: Pulsivic.com