पटना-दरभंगा वंदेभारत एक्सप्रेस: जनरल टिकट वालों के लिए खुशखबरी या नई मुसीबत?
अरे भाई, बिहार के लोगों के लिए तो रेलवे ने असली दिवाली मना दी है! अब हम भी वंदेभारत जैसी शानदार ट्रेन में सफर कर पाएंगे – बिना रिजर्वेशन के, बिना झंझट के। पर… हमेशा की तरह एक ‘पर’ ज़रूर है। 12 जुलाई को मोदी जी पटना-दिल्ली वंदेभारत को हरी झंडी दिखाएंगे, और 31 जुलाई से ये ट्रेनें रोज़ चलने लगेंगी। सच कहूँ तो, जनरल डिब्बे का ऐलान सुनकर मेरा भी दिल खुश हो गया। लेकिन ये नए नियम और जुर्माने वाली बात सुनकर थोड़ा डर भी लग रहा है। आखिर हम भारतीय यात्री तो नियम तोड़ने में ही माहिर होते हैं न?
वंदेभारत में जनरल डिब्बा: क्रांति या सिरदर्द?
देखिए, वंदेभारत ट्रेनें हमेशा से ही रेलवे का शाही अंदाज़ रही हैं – AC, सुपरफास्ट, सभी सुविधाएं। पर अब तक इसमें सिर्फ रिजर्व्ड सीटें होती थीं। मतलब हम जैसे आम आदमी के लिए ‘दूर से देखो पर हाथ न लगाओ’ वाली स्थिति। लेकिन अब बिहार की इन नई ट्रेनों में जनरल डिब्बे भी होंगे। ये तो वाकई बड़ी बात है! पर साथ ही रेलवे ने नियमों को इतना सख्त बना दिया है कि लगता है कोई स्कूल मास्टर हमें सबक सिखा रहा हो।
जनरल वालों के लिए नए नियम: पैसे बचाओ या गंवाओ?
अब बात करते हैं उन नियमों की जो आपकी जेब पर सीधा वार कर सकते हैं। पहली बात – आईडी प्रूफ बिना तो कुछ नहीं। टिकट चेकर अंकल आएंगे और आपके पास ID नहीं? बस, ₹500 तक का चलता फिरता दान! और हाँ, अगर ट्रेन में बीड़ी-सिगरेट पीने का शौक है तो याद रखिए – ये आदत आपको ₹200 से ₹1000 तक महंगी पड़ सकती है। सबसे मजेदार नियम तो ये है कि अगर आप रिजर्वेशन वाले हैं और गलती से जनरल डिब्बे में घुस गए (या उल्टा), तो ₹250 की चपत लगेगी। यानी अब तो गलती से भी गलत डिब्बे में जाने की गुस्ताखी नहीं!
लोग क्या कह रहे हैं: तारीफ या बवाल?
रेलवे वालों का कहना है कि ये सब नियम “यात्रियों के हित में” हैं। हाँ भई, हमें पता है न! वहीं यात्रियों की राय अलग-अलग है। कुछ लोग इसे सही मान रहे हैं क्योंकि इससे ट्रेन में अनुशासन बना रहेगा। लेकिन मेरे दोस्त राजू जो रोज़ दरभंगा से पटना जनरल डिब्बे में जाता है, उसका कहना है – “भईया, अब तो हफ्ते में दो बार जुर्माना भरने का बजट बनाना पड़ेगा!” सच्चाई ये है कि हम भारतीयों को नियम तभी याद आते हैं जब जुर्माने वाला टिकट हाथ में होता है।
आगे क्या? सुविधा या सजा?
31 जुलाई से ये ट्रेनें रोज़ चलेंगी और बिहार के लोगों को दिल्ली तक पहुँचाने का नया तरीका मिलेगा। अगर ये प्रयोग सफल रहा (मतलब अगर लोग जुर्माने भर-भरकर थक नहीं गए), तो शायद दूसरे राज्यों में भी जनरल डिब्बे लगें। रेलवे की तरफ से और भी सख्त निगरानी और “नियम तोड़ो, जेब ढीली करो” जैसे अभियान चलाए जा सकते हैं। मेरी नज़र में तो ये एक अच्छी शुरुआत है, बशर्ते कि सुविधाओं के साथ-साथ हमारी आदतें भी बदलें। वरना जनरल टिकट वालों की जेब से पैसे जनरल तरीके से निकलते रहेंगे!
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तो अब आप समझ ही गए होंगे कि वंदे भारत एक्सप्रेस में जनरल टिकट लेकर चढ़ जाने का कोई चांस नहीं है। और सच कहूं तो, रेलवे ने इस पर इतने सख्त नियम बना दिए हैं कि जुर्माना देखकर आपकी सांसें थम सकती हैं! सोचिए, क्या आप वाकई इतना जोखिम उठाना चाहेंगे?
अब अगर आप पटना या दरभंगा से इस शानदार ट्रेन में सफर करने का प्लान बना रहे हैं, तो मेरी सलाह यही होगी – Online टिकटिंग को ही अपना सबसे अच्छा दोस्त समझिए। या फिर… दूसरे विकल्पों पर भी नज़र डाल लीजिए। क्योंकि अरे भाई, अंतिम समय में मुसीबत मोल लेने से क्या फायदा?
और हां, एक छोटी सी लेकिन बेहद ज़रूरी बात – ट्रेन में कूदने से पहले नए नियमों को अच्छी तरह पढ़ लें। वरना पछताने के अलावा कुछ हाथ नहीं आएगा। सच कहूं तो, यह उतना ही ज़रूरी है जितना कि मोबाइल चार्ज करके घर से निकलना!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com