वॉल स्ट्रीट पर ट्रेड वॉर का भूत: 90 दिन की डेडलाइन खत्म, अब क्या?
अरे भाई, अमेरिका और चीन का यह ट्रेड वॉर तो अब वॉल स्ट्रीट को भी हिला रहा है। सच कहूं तो, यह कोई नई बात नहीं – लेकिन अब 90 दिन की वह डेडलाइन खत्म हो चुकी है जिसका इंतज़ार सब कर रहे थे। और अब? अब सबकी नज़रें फेडरल रिजर्व पर टिकी हैं। इस हफ्ते फेड की मई वाली बैठक के मिनट्स आने वाले हैं… और बाजार वालों का दिल धड़क रहा है। क्योंकि यहीं से पता चलेगा कि आगे ब्याज दरों का क्या होगा। सच बताऊं? यह ट्रेड वॉर और फेड की नीतियों का कॉम्बो पूरी दुनिया के बाजारों को हिला सकता है।
पीछे का सच: यह टेंशन नई नहीं
देखिए, अमेरिका और चीन का यह झगड़ा तो कब का चल रहा है – टैरिफ वाली बहस, आयात-निर्यात की टेंशन। पर इस बार अमेरिका ने चीन को 90 दिन की अल्टीमेटम दे दी थी। मतलब साफ था – “या तो डील करो, या…”। इस बीच फेड ने ब्याज दरों को संभालने की कोशिश की। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या फेड की नई चालें इस ट्रेड वॉर के असर को कम कर पाएंगी? मुश्किल लगता है।
इस हफ्ते का बड़ा खेल: फेड की चालें
इस हफ्ते का सबसे बड़ा इवेंट? बिल्कुल – फेडरल रिजर्व की मई बैठक के मिनट्स! ये कागजात बताएंगे कि आगे ब्याज दरें कहाँ जाएंगी। अगर फेड ने कटौती का इशारा किया तो वॉल स्ट्रीट पर जश्न होगा। पर दूसरी तरफ… ट्रेड वॉर का भूत अभी भी मंडरा रहा है। डेडलाइन खत्म, पर समझौता नहीं। अगर नई बातचीत शुरू होती है तो ठीक, वरना बाजार फिर से रोने लगेगा।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
विश्लेषकों की राय? फेड तो स्थिरता लाने की कोशिश करेगा, पर ट्रेड वॉर का खतरा अभी बरकरार है। निवेशकों को लगता है कि अगर कोई ठोस डील नहीं हुई तो बाजार फिर डगमगाएगा। और हाँ, अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि फेड अगले कुछ महीनों तक ब्याज दरों में बड़ा बदलाव नहीं करेगा। वैश्विक अनिश्चितता देखकर वे सावधानी बरत रहे हैं। समझदारी है।
तो अब क्या? इंतज़ार या एक्शन?
अगर अमेरिका-चीन में नई डील हो गई तो बाजारों में खुशी की लहर दौड़ेगी। पर अगर बातचीत फिर फेल हुई? तो ब्रेस योरसेल्फ! फेड की नीतियाँ तो महत्वपूर्ण हैं ही, क्योंकि ये न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा तय करेंगी। मेरी सलाह? इस हफ्ते के उतार-चढ़ाव के लिए मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार रहिए।
संक्षेप में, यह हफ्ता वॉल स्ट्रीट के लिए फेड के फैसलों और ट्रेड वॉर के विकास पर निर्भर करेगा। निवेशकों के लिए यह समय सिर ठंडा रखने का है। क्योंकि जैसा मैं हमेशा कहता हूँ – बाजार में भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं होती।
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वॉल स्ट्रीट और ट्रेड वॉर: जानिए क्या हो रहा है असल में?
1. वॉल स्ट्रीट पर ट्रेड वॉर का क्या असर पड़ा है?
देखिए, वॉल स्ट्रीट को ट्रेड वॉर ने झकझोर कर रख दिया है। अमेरिका और चीन वाले इस झगड़े में जितना तनाव बढ़ा, उतना ही स्टॉक मार्केट ने उछाल-कूद दिखाई। कुछ बड़ी कंपनियों के शेयर तो बुरी तरह लुढ़के, लेकिन हैरानी की बात ये कि कुछ सेक्टर्स को इससे फायदा भी हुआ! सच कहूं तो, ये पूरा मामला एक रोलरकोस्टर राइड जैसा है – कभी ऊपर, कभी नीचे।
2. 90-दिन की अमेरिकी डेडलाइन खत्म होने का क्या मतलब है?
अब ये 90 दिन वाली डेडलाइन तो खत्म हो ही चुकी है न? तो अब क्या? असल में ये समय सीमा एक तरह का टेंशन ब्रेकर थी। अब दोनों देशों को फिर से बातचीत की टेबल पर बैठना होगा। नहीं तो… (और यहां मैं डरावनी आवाज़ में बोलता हूं) टैरिफ और प्रतिबंधों का भूत वापस आ सकता है!
3. क्या अब स्टॉक मार्केट में और गिरावट आएगी?
यार, ये तो वैसा ही सवाल है जैसे कोई पूछे “कल बारिश होगी क्या?”। सच तो ये है कि सब कुछ इन दोनों देशों की बातचीत पर टिका है। अगर वो लोग हाथ मिला लें (जो कि मुश्किल लग रहा है), तो मार्केट में खुशियां बरस सकती हैं। नहीं तो… खैर, आप समझ ही गए होंगे।
4. निवेशकों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए?
मेरे ख्याल से तो ये समय “एक ही टोकरी में सारे अंडे न रखने” वाली कहावत याद रखने का है। पोर्टफोलियो को अलग-अलग जगह बांटो, और मार्केट की इस उछाल-कूद से घबराओ मत। हां, एक काम और – न्यूज चैनल्स और एक्सपर्ट्स की बातें सुनो ज़रूर, पर उन पर पूरी तरह भरोसा मत करो। अपनी समझ भी इस्तेमाल करो!
एकदम सीधी-सादी बात। स्टॉक मार्केट में निवेश करना है तो नर्व्स ऑफ स्टील चाहिए। वरना… छोड़ो, ये बात फिर कभी।
Source: Livemint – Markets | Secondary News Source: Pulsivic.com