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“क्या सरकार को पहले से था धनखड़ के इस्तीफे का अंदाजा? जानें पूरा घटनाक्रम और असली वजह”

धनखड़ का इस्तीफा: सरकार को पहले से पता था या अचानक झटका? असली कहानी क्या है?

अरे भई, सोमवार रात का वह झटका देखा आपने? जगदीप धनखड़ ने अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया – और पूरे दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। सच कहूं तो, यह कोई सामान्य इस्तीफा नहीं था। असल में, उनका कार्यकाल तो 2027 तक चलना था! “स्वास्थ्य कारणों” का हवाला देकर निकल लिए, लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में यही एकमात्र वजह है? और सबसे बड़ी बात – क्या सरकार को इसकी भनक थी? देखिए न, अगर किसी को पहले से पता होता तो कुछ तो अफवाहें उड़तीं, लेकिन यहां तो एकदम सन्नाटा था।

धनखड़ साहब का सफर: एक अनुभवी नेता जिसने अचानक दिया सरप्राइज

वैसे तो धनखड़ जी ने 2022 में ही उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, लेकिन उनका राजनीतिक अनुभव इससे कहीं ज्यादा पुराना है। राजस्थान के राज्यपाल रह चुके हैं, कानून और शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान काबिले-तारीफ है। ऐसे में, यह इस्तीफा किसी बिजली के झटके से कम नहीं। सोचिए न, अभी तो चार साल बाकी थे, और अचानक यह फैसला? है न हैरान कर देने वाली बात? सबसे मजे की बात यह कि उनके स्वास्थ्य को लेकर पहले कभी कोई बड़ी चर्चा ही नहीं हुई। कुछ तो गड़बड़ है, है न?

कैसे हुई इस्तीफे की घोषणा? पूरा ड्रामा समझिए

राष्ट्रपति भवन का आधिकारिक बयान आया कि “लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं” के चलते इस्तीफा दिया गया। लेकिन यार, विस्तार से कुछ बताया ही नहीं! सिर्फ इतना कहकर छोड़ दिया। अब भला यह कैसी बात हुई? सरकार ने तो उनके फैसले को “सम्मानजनक” बताया, लेकिन विपक्ष तो मानने को तैयार ही नहीं। राहुल गांधी से लेकर अन्य नेताओं ने सीधे-सीधे सवाल उठा दिए। और सच पूछो तो, सवाल उठने भी चाहिए। जब तक पूरी जानकारी नहीं मिलती, तब तक तो अटकलें चलेंगी ही।

राजनीतिक हलचल: कौन क्या बोला?

एक तरफ केंद्रीय मंत्री महोदय धनखड़ जी के “योगदान” की तारीफ कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ विपक्ष सीधे पूछ रहा है – “क्या सच में स्वास्थ्य ही एकमात्र कारण है?” असल में, जनता और विश्लेषकों में भी दो राय हैं। कुछ लोग इसे “चालाक राजनीतिक चाल” बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि शायद वाकई स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर समस्या हो। पर सच्चाई? अभी तक पता नहीं। एक बात जरूर है – अगर इसके पीछे कोई और वजह है, तो वह जरूर सामने आएगी। राजनीति में कुछ भी छुपा नहीं रहता, है न?

अब आगे क्या? 3 बड़े सवाल जिनका जवाब चाहिए सबको

तो अब सवाल यह है कि:

  1. नया उपराष्ट्रपति कौन बनेगा? यह चुनाव किसी महाभारत से कम नहीं होगा!
  2. क्या धनखड़ जी की असली वजह सामने आएगी? या यह राज हमेशा के लिए दफन हो जाएगा?
  3. और सबसे दिलचस्प – क्या वे स्वस्थ होकर वापस लौटेंगे? या यही उनका राजनीतिक अंत है?

देखिए, एक बात तो तय है – यह मामला अभी गर्म रहेगा। जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुन लिया जाता, तब तक तो बहसें चलेंगी ही। और हो सकता है, आने वाले दिनों में कुछ और रहस्य खुलें। फिलहाल तो बस इतना ही कहा जा सकता है – भारतीय राजनीति ने एक और दिलचस्प मोड़ ले लिया है!

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धनखड़ का इस्तीफा: सारे सवाल, सारे जवाब, और थोड़ी सी गपशप!

1. क्या सरकार को पहले से पता था कि धनखड़ इस्तीफा देंगे?

सच कहूं तो, ये कोई बड़ा सरप्राइज नहीं था। अरे भाई, जब दोनों के बीच policy को लेकर खींचतान चल रही थी, तो इंतज़ार किस बात का? कुछ sources तो यहाँ तक कह रहे हैं कि दिल्ली के गलियारों में ये चर्चा पिछले दो हफ्ते से गर्म थी। है न मजेदार?

2. असली वजह क्या थी? सच-सच बताइए!

देखिए, official तौर पर तो ‘policy differences’ बताया जा रहा है। लेकिन यार, हम सब जानते हैं न कि ये सरकारी भाषा का मतलब क्या होता है! कुछ अंदरूनी जानकारों का कहना है कि धनखड़ को decision-making में वो ‘space’ ही नहीं मिल रही थी जिसकी उन्हें उम्मीद थी। समझ गए न बात?

3. क्या ये सच में राजनीतिक दबाव था? या फिर…

ईमानदारी से? कोई सबूत तो नहीं है। पर भई, राजनीति में कभी कुछ साफ-साफ तो होता नहीं! Political circles में तो अभी चाय की चुस्कियों के साथ यही चर्चा चल रही है। मेरा मानना? जहां धुआं होता है, वहां आग तो होती ही है… लेकिन कितनी बड़ी, ये तो वक्त ही बताएगा।

4. अब आगे क्या? धनखड़ का अगला चाल?

अभी तक तो सब कुछ speculation ही है। Experts की राय? कोई कह रहा है नई पार्टी, कोई कह रहा है independent avatar। मेरी निजी राय? देखिए, जिस तरह से उन्होंने timing चुनी है, लगता है कोई बड़ा game plan तो है ही। Wait and watch वाली स्थिति। क्या पता, अगले कुछ दिनों में कोई बड़ा twist आ जाए!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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