संतोष सिंह कौन हैं? जिन्होंने नीतीश कुमार को ‘बिहार का गांधी’ कहा – पूरी जानकारी

संतोष सिंह कौन हैं, जिन्होंने नीतीश को ‘बिहार का गांधी’ बता दिया?

बिहार की राजनीति में एक नया मसला तब गरमाया जब श्रम मंत्री संतोष कुमार सिंह ने नीतीश कुमार को “बिहार का गांधी” कह डाला। अब सवाल यह है कि यह बयान क्यों दिया गया? खासकर तब, जब RJD जैसे दल हाल में बढ़ते अपराधों को लेकर सरकार को घेर रहे थे। संतोष सिंह ने नीतीश की तारीफ तो की ही, साथ ही लालू यादव के दौर को “जंगलराज” बताकर एक तीर से दो निशाने लगा दिए। और उनका वो जुमला – “जो बुलेट चलाएगा…” वाला – तो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।

पूरा मामला क्या है? सुशासन या जंगलराज?

देखिए, नीतीश कुमार ने बिहार में अपने लंबे शासन में कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता दी है। यह बात अलग है कि पिछले कुछ महीनों में कुछ बड़े अपराधों ने स्थिति को थोड़ा डिस्टर्ब कर दिया है। और विपक्ष तो मौके की तलाश में ही रहता है न! ऐसे में संतोष सिंह का यह बयान आया है – जो नीतीश के करीबी माने जाते हैं। क्या यह सरकार का पलटवार है? शायद।

गांधी जी से तुलना? विपक्ष को कैसा लगा?

अब यहां मजेदार बात यह है कि संतोष सिंह नीतीश को गांधी जी से कम्पेयर कर रहे हैं। उनका कहना है कि नीतीश का नेतृत्व अहिंसक और विकासोन्मुख है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “बिहार में अब जंगलराज नहीं…” वाली लाइन। लेकिन विपक्ष को यह बात हजम नहीं हुई। RJD और कांग्रेस तो इसे “जनता को भरमाने की कोशिश” बता रहे हैं। असल में, दोनों पक्षों की अपनी-अपनी राजनीति चल रही है।

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

राजनीति के जानकारों की मानें तो यह सब 2024 के चुनाव से पहले की चाल हो सकती है। जदयू अपनी इमेज पॉलिश करना चाहती है। वहीं, विपक्ष को लगता है कि सरकार अपनी कमजोरियां छिपा रही है। दिलचस्प बात यह है कि जदयू वाले इस बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे खारिज। क्लासिक पॉलिटिक्स!

आगे क्या होगा?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि नीतीश सरकार अपराध नियंत्रण पर कितनी सख्त होती है। क्योंकि विपक्ष तो इसी मुद्दे पर सरकार को घेरने की फिराक में है। संतोष सिंह का यह बयान शायद बिहार में नीतीश की विरासत को लेकर एक नई बहस छेड़ दे।

बात संक्षेप में: यह बयान बिहार में फिर से सुशासन बनाम जंगलराज की बहस को जन्म दे सकता है। अब देखना यह है कि नीतीश इससे फायदा उठा पाते हैं या विपक्ष इसे उनके खिलाफ भुनाता है। राजनीति, है न!

यह भी पढ़ें:

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

गुजरात में आणंद-वडोदरा ब्रिज टूटा: कई वाहन नदी में गिरे, 2 लोगों की मौत – ताजा अपडेट

“राज्यों की रुकावटों से खुफिया एजेंसी संकट में! क्या पाकिस्तान करेगा फायदा उठाने की कोशिश?”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments