मुसलमानों को जड़ से मिटा दो…चीन के खिलाफ पाकिस्तान-तुर्की और OIC चुप क्यों? भारत ही टारगेट क्यों?
परिचय
दुनिया भर में चीन के उइगर मुसलमानों पर जुल्म की चर्चा हो रही है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान, तुर्की और OIC (Organization of Islamic Cooperation) जैसे नामी इस्लामिक संगठनों के मुंह पर ताला लगा हुआ है। वहीं, भारत के मामले में यही देश आग बबूला हो जाते हैं। आखिर यह डबल स्टैंडर्ड क्यों? आज हम इसी सवाल की पड़ताल करेंगे।
1. चीन में उइगर मुसलमानों पर अत्याचार: असली कहानी
1.1 उइगर कौन हैं?
उइगर चीन के शिनजियांग प्रांत के रहने वाले मुस्लिम समुदाय हैं। इनकी भाषा, संस्कृति और पहचान तुर्की मूल से जुड़ी हुई है।
1.2 चीन की ‘शिनजियांग पॉलिसी’
चीन यहां मास सर्विलांस, Re-education Camps (जिन्हें हम यातना शिविर कह सकते हैं), और जबरन श्रम जैसी प्रथाएं चला रहा है। साथ ही, हान चीनी लोगों को जबरन बसाकर यहां की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश भी जारी है।
1.3 दुनिया क्या कह रही है?
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने चीन की खुलकर आलोचना की है। UN की कई रिपोर्ट्स में भी इन मानवाधिकार उल्लंघनों की पुष्टि हुई है।
2. पाकिस्तान-तुर्की की चुप्पी: राजनीति या मजबूरी?
2.1 पाकिस्तान का ‘चाइना कार्ड’
CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) और सैन्य सहायता के चलते पाकिस्तान चीन के सामने कभी आवाज नहीं उठाता। असल में, उनकी पूरी अर्थव्यवस्था अब चीन पर निर्भर हो चुकी है।
2.2 तुर्की का दोहरा चेहरा
तुर्की सरकार उइगरों के लिए सहानुभूति तो दिखाती है, लेकिन चीन के साथ बिजनेस और NATO के साथ चल रहे तनाव के चलते वो खुलकर बोल नहीं पाती।
2.3 OIC: मुंह में दही जमा क्यों?
OIC जैसे बड़े इस्लामिक संगठन का चुप रहना सबसे ज्यादा हैरान करता है। देखा जाए तो ये चीन के साथ आर्थिक और राजनीतिक दबाव का नतीजा है।
3. भारत के खिलाफ ही आक्रामकता क्यों?
3.1 कश्मीर का कार्ड
पाकिस्तान हमेशा कश्मीर मुद्दे को इस्लामिक एजेंडे से जोड़कर OIC को भारत के खिलाफ भड़काता रहता है।
3.2 चीन का ‘प्रॉक्सी वॉर’
भारत-चीन के बीच चल रही तनातनी में पाकिस्तान चीन का पिट्ठू बनकर काम कर रहा है। मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना उसकी पुरानी रणनीति है।
3.3 मीडिया वॉर
भारत के खिलाफ नकारात्मक प्रोपेगैंडा तो खूब चलाया जाता है, लेकिन उइगर मुसलमानों की तकलीफों पर पर्दा डाल दिया जाता है।
4. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
4.1 पश्चिमी देशों का ढोंग
चीन के साथ बिजनेस इंटरेस्ट के चलते अमेरिका और यूरोप भी ज्यादा आवाज नहीं उठा पा रहे हैं।
4.2 भारत को क्या करना चाहिए?
हमें इस मुद्दे को UN जैसे वैश्विक मंचों पर उठाना चाहिए। साथ ही, मुस्लिम देशों के साथ अपने कूटनीतिक रिश्ते मजबूत करने होंगे।
निष्कर्ष
मुस्लिम देशों की ये चुप्पी दोहरे मापदंड की मिसाल है। भारत को चाहिए कि वो इस मामले में सतर्क रहते हुए अपनी कूटनीतिक रणनीति और मजबूत करे। आखिरकार, सच्चाई कभी न कभी सामने आती ही है।
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com
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