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WNBA रेफरियों पर खेलों में असंगत निर्णय लेने का आरोप, खिलाड़ी और कोच नाराज

WNBA रेफरी और उनके ‘मूड स्विंग’ फैसले – खिलाड़ी परेशान, फैंस गुस्से में!

अरे भई, WNBA (Women’s National Basketball Association) के रेफरी फिर चर्चा में हैं। और अच्छे कारणों से नहीं! पिछले कुछ मैचों में उनके फैसलों को लेकर ऐसा हंगामा मचा है कि सुनकर हैरानी होती है। असल में बात ये है कि फाउल्स के निर्णयों में कोई consistency ही नहीं दिख रही। एक मैच में जो चल जाता है, वही दूसरे में whistle बज जाती है। और physicality को लेकर तो पूरा confusion है – कभी छूने भर से foul, तो कभी धक्का देने पर भी ‘play on’!

ये कोई नई बात नहीं है। सच कहूं तो पिछले 2-3 सीज़न से ये समस्या चल रही है। खिलाड़ियों की शिकायतें social media पर अक्सर देखने को मिल जाती हैं। मजे की बात ये है कि एक ही तरह की घटना के लिए अलग-अलग रेफरी अलग-अलग फैसले देते हैं। ऐसे में खेल की fairness तो प्रभावित होती ही है, साथ ही players की game strategy भी बेकार हो जाती है। आप बताइए, अगर आपको पता ही नहीं कि आज रेफरी किस मूड में होगा, तो आप कैसे खेलेंगे?

अभी हाल में क्या हुआ? देखिए, कई top players ने तो खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। उनका कहना है – “हमें predictability चाहिए, lottery नहीं!” कुछ coaches ने तो league management से referee training पर फिर से विचार करने की मांग कर डाली। WNBA वालों ने जवाब दिया है कि वे matter को देख रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि कब तक?

अब सुनिए reactions की मजेदार कहानी:

  • एक star player ने तो बड़ा सटीक कमेंट किया: “ये ऐसा है जैसे आप रोज एक अलग rulebook से खेल रहे हों!”
  • कोच साहब का कहना था: “Quality पर असर पड़ रहा है। Same rules, same game – ये तो basic बात है न?”
  • और fans? वो तो #WNBAFairReferees ट्रेंड करवाकर ही मानेंगे!

तो अब क्या? League officials कह रहे हैं कि वे review करेंगे। Players association भी अगर unsatisfied रहा, तो official complaint कर सकता है। Long term में देखें तो ये league की credibility के लिए अच्छा नहीं। Fans का interest कम होगा, ratings गिरेंगे – और फिर पछताने से क्या फायदा? अभी तो सब WNBA के next move का इंतज़ार कर रहे हैं। क्या वे इस बार सही कदम उठाएंगे? ये तो time ही बताएगा।

आपको क्या लगता है? क्या WNBA को referee system में बड़े बदलाव करने चाहिए? Comments में बताइए!

Source: ESPN – News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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