योगी आदित्यनाथ और अयोध्या: सिर्फ राजनीति नहीं, एक पारिवारिक इतिहास
अयोध्या को लेकर योगी आदित्यनाथ का जुनून साफ दिखता है, है न? बात सिर्फ मुख्यमंत्री के तौर पर शहर को विकसित करने की नहीं। असल में, ये कनेक्शन तीन पीढ़ियों पुराना है – जितना गहरा, उतना ही दिलचस्प। हाल ही में जो नई योजनाएं आई हैं, वो साबित करती हैं कि ये रिश्ता राजनीति से कहीं आगे का मामला है।
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। योगी जी के गुरु महंत अवैद्यनाथ का नाम तो आपने सुना ही होगा। वो राम मंदिर आंदोलन के अगुआ थे। लेकिन हैरानी की बात ये है कि उनसे पहले भी इस परिवार का अयोध्या से नाता रहा है। 2017 के बाद तो जैसे सबकुछ बदल गया – मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ और अयोध्या को smart city बनाने की पूरी योजना आई। मंदिर, घाट, सड़कें… सबकुछ नया। पर सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ विकास है या कुछ और?
अब ताजा अपडेट की बात करें तो… 1000 करोड़ रुपये! इतना बजट सिर्फ इसलिए कि अयोध्या को “दुनिया का सबसे खूबसूरत धार्मिक शहर” बनाया जा सके। मंदिर परिसर का विस्तार हो रहा है, नए hotels खुल रहे हैं, museums बन रहे हैं। सच कहूं तो, ये सब देखकर लगता है जैसे कोई बड़ा खेल चल रहा है। पर क्या ये सिर्फ tourists के लिए है या किसी और मकसद से?
राजनीति? हां, वो तो हर जगह होती है। BJP वाले कहते हैं योगी जी का काम सराहनीय है। स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है, ये अच्छी बात है। लेकिन कुछ लोगों की चिंता भी समझ आती है – कहीं अयोध्या की पुरानी पहचान तो नहीं खो जाएगी? विपक्ष तो हमेशा की तरह… आप समझ ही गए होंगे।
2025 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा – ये तय है। उसके बाद तो शायद अयोध्या को पहचानने वाला भी नहीं बचेगा। सरकार का सपना है इसे “धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी” बनाने का। अगर सबकुछ ठीक रहा तो… अरे भई, economy को फायदा होगा, रोजगार बढ़ेगा। पर असल सवाल तो ये है कि क्या तीन पीढ़ियों का संघर्ष सच में सार्थक हो पाएगा? वक्त ही बताएगा।
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योगी आदित्यनाथ और अयोध्या: एक ऐसा रिश्ता जिसे समझना ज़रूरी है
1. योगी जी का राम मंदिर से क्या लेना-देना? सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे!
देखिए, बात सिर्फ योगी जी की नहीं है। असल में ये कहानी तीन पीढ़ियों पुरानी है। उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ से लेकर महंत दिग्विजय नाथ तक – सभी ने अयोध्या के लिए कुछ न कुछ किया है। और ये सिर्फ राजनीति नहीं, एक साधना की तरह रहा है। सच कहूं तो?
2. अयोध्या को लेकर योगी सरकार की प्लानिंग क्या है? आपके टैक्स के पैसे कहाँ जा रहे हैं
अब यहाँ मजेदार बात ये है कि योगी सरकार ने अयोध्या को सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि world-class spiritual tourism destination बनाने का सपना देखा है। राम पथ, धर्म पथ जैसे प्रोजेक्ट तो चल ही रहे हैं, लेकिन असली गेम-चेंजर है मंदिर के आसपास का पूरा infrastructure development। क्या ये सब सिर्फ दिखावा है? शायद नहीं।
3. क्या सच में योगी जी ने राम मंदिर के लिए कुछ किया? या सिर्फ बयानबाजी?
सुनिए, 2017 से लेकर आज तक का सफर देख लीजिए। मंदिर निर्माण में उनकी भूमिका कोई छुपी हुई बात नहीं है। पर सवाल ये उठता है कि क्या ये सब राजनीति है या फिर सच्ची श्रद्धा? मेरा मानना है – दोनों का मिश्रण। एक तरफ तो spiritual commitment, दूसरी तरफ political strategy। समझ गए न?
4. योगी और अयोध्या: क्यों ये जोड़ी इतनी खास है?
यहाँ बात सिर्फ एक मुख्यमंत्री की नहीं है। देखा जाए तो योगी जी का अयोध्या से रिश्ता उनके राजनीतिक सफर से कहीं पुराना है। संत होने का नाता, राम भक्ति का भाव – ये सब उन्हें दूसरे नेताओं से अलग बनाता है। पर क्या ये सब पर्याप्त है? शायद इसका जवाब समय ही देगा।
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com