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चिड़ियाघर में शेर के हमले में आदमी का हाथ गंवाने का खतरा!

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चिड़ियाघर में शेर का हमला: क्या सच में सुरक्षा के नाम पर सब ठीक है?

एक ऐसी घटना जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। दिल दहला देने वाली यह खबर है दिल्ली के एक चिड़ियाघर से, जहां एक महिला कर्मचारी को शेर ने ज़ोरदार हमला कर दिया। असल में, हालात इतने गंभीर हैं कि डॉक्टरों को उसका हाथ बचाने में मुश्किल हो रही है। और सबसे हैरानी की बात? ये महिला safety protocols की पूरी जानकार रखती थी! तो फिर ये हादसा हुआ कैसे? चिड़ियाघर वालों का कहना है कि अचानक शेर ने उसका हाथ जकड़ लिया। लेकिन सवाल तो ये उठता है कि क्या सच में हमारे चिड़ियाघरों में सुरक्षा सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित है?

क्या हुआ था असल में?

अभी तक की जानकारी के मुताबिक, ये महिला या तो स्टाफ में थी या फिर volunteer के तौर पर काम कर रही थी। हालांकि उसकी सही भूमिका अभी साफ नहीं है। चिड़ियाघर वालों का दावा है कि उसे पूरी training दी गई थी। पर सच्चाई ये है कि ये कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ सालों में तो ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। कभी कर्मचारी, कभी पर्यटक – जानवरों के साथ छेड़छाड़ का खामियाजा भुगतते ही रहते हैं। सोचिए, अगर trained लोगों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम लोगों का क्या हाल होगा?

हादसे के बाद क्या हुआ?

घटना के तुरंत बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने जान की खैर मनाई, लेकिन हाथ… वो शायद नहीं बच पाएगा। वहीं चिड़ियाघर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। हमला करने वाले शेर को अलग बाड़े में रखा गया है। सवाल ये है कि क्या सिर्फ शेर को दोष देना सही होगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि हम इंसानों ने ही इन जानवरों को इतना aggressive बना दिया है?

लोग क्या कह रहे हैं?

चिड़ियाघर के प्रवक्ता का कहना है – “हम पीड़िता के परिवार के संपर्क में हैं।” लेकिन ये बयानबाजी तो हर बार होती है न? कुछ social activists सही कह रहे हैं कि सुरक्षा नियमों को और सख्त बनाने की जरूरत है। स्थानीय लोगों ने भी आवाज उठाई है। पर क्या ये सब सुनने वाला कोई है? या फिर एक और खबर बनकर ये मामला दब जाएगा?

आगे क्या होगा?

अब देखना ये है कि government agencies क्या करती हैं। क्या सच में देश भर के चिड़ियाघरों में safety standards की समीक्षा होगी? या फिर ये भी उन हज़ारों मामलों की तरह दफन हो जाएगा? पीड़िता के परिवार ने कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही है – और अच्छा भी है। शायद तभी कुछ सुधार होगा।

एक बात तो तय है – ये घटना हमें ये सोचने पर मजबूर करती है कि क्या जानवरों को चिड़ियाघरों में रखना ही सही है? क्या हम इंसानों को ये अधिकार मिल गया है कि हम इन्हें अपने मनोरंजन के लिए कैद करके रखें? गंभीर सवाल हैं… जवाब कौन देगा?

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1. क्या सच में चिड़ियाघर में शेर से खतरा हो सकता है?

देखिए, अगर हम बात करें तो चिड़ियाघर में शेर का हमला होने के chances बहुत कम हैं। वजह? क्योंकि यहाँ safety के लिए इतने strict rules हैं कि… लेकिन हाँ, अगर कोई बंदा जानबूझकर rules तोड़े और restricted area में घुसे तो फिर कहना ही क्या! ऐसे में खतरा तो बनता ही है।

2. अरे भाई! अगर कभी शेर सामने आ जाए तो?

सुनो, पहली बात – घबराना नहीं है। हाँ, मैं जानता हूँ ये कहना आसान है… लेकिन असल में यही सबसे ज़रूरी है। Eye contact मत बनाओ, धीरे-धीरे पीछे हटो, और किसी staff को बताओ। भागोगे या चिल्लाओगे तो? समझो काम तमाम! शेर को तो मज़ा आ जाएगा।

3. क्या शेर के बाड़े के पास खड़े होना ठीक है?

अरे बिल्कुल! मतलब जब तक आप safety barriers के पीछे हैं और rules follow कर रहे हैं। लेकिन यार… कुछ लोगों को तो बस हाथ डालने की ही सनक होती है। ऐसा मत करना, वरना फिर ‘सिर्फ़ एक सेल्फी’ की कीमत बहुत भारी पड़ सकती है।

4. क्या ऐसा कभी हुआ है सच में?

सच कहूँ तो हाँ, कुछ rare cases ज़रूर हुए हैं। पर ये तब जब लोगों ने जानबूझकर नियम तोड़े। आजकल के modern zoos में safety measures इतने advance हो गए हैं कि… वैसे भी, शेर भी इंसानों से ज़्यादा समझदार होते हैं कभी-कभी!

Source: NY Post – World News | Secondary News Source: Pulsivic.com

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