aap himachal panchayat election sweep congress bjp 20250704043521373624

“AAP का हिमाचल में झाड़ू अभियान! कांग्रेस-भाजपा को चुनावी मैदान में साफ करने की चेतावनी”

AAP का हिमाचल में झाड़ू अभियान! क्या सच में साफ होगा कांग्रेस-भाजपा का खेल?

अरे भाई, हिमाचल की राजनीति में तो मजा आने वाला है! AAP ने मंडी से अपना मशहूर “झाड़ू अभियान” शुरू कर दिया है – और ये कोई साधारण शुरुआत नहीं है। 2025 के पंचायत चुनावों की तैयारी के नाम पर, असल में ये कांग्रेस और भाजपा को सीधी चुनौती है। सच कहूँ तो, AAP का मैसेज साफ है: “हम युवाओं को लेकर आए हैं, और पुराने खिलाड़ियों को बेंच पर बैठाने आए हैं।” लेकिन क्या ये सब इतना आसान होगा?

हिमाचल में AAP: नया खिलाड़ी या सिर्फ शोर?

देखिए, हिमाचल की राजनीति तो हमेशा से कांग्रेस-भाजपा की ही रही है। पर अब AAP वालों ने दिल्ली और पंजाब के बाद यहाँ धमाल मचाने का ऐलान कर दिया है। उनके हिमाचल प्रभारी विजय फुलारा कह रहे हैं कि इस बार स्थानीय नेताओं और युवाओं को मौका मिलेगा। सुनने में तो अच्छा लगता है न? पर असल सवाल ये है कि क्या हिमाचल की जनता नए चेहरों के लिए तैयार है?

झाड़ू लेकर गाँव-गाँव: काम की बात या सिर्फ दिखावा?

मंडी में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में AAP ने जो रणनीति बताई, वो दिलचस्प है। गाँव-गाँव जाकर लोगों से मिलना, भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करना – ये सब तो ठीक है। पर याद रखिए, हिमाचल के लोग सीधे हैं पर मूर्ख नहीं। झाड़ू का प्रतीक दिखाने भर से काम नहीं चलेगा। सवाल ये है कि क्या AAP वाकई में कोई नया agenda लेकर आई है, या सिर्फ पुराने नारों की रीपैकेजिंग कर रही है?

राजनीतिक गलियारों की बात: कौन क्या बोला?

दूसरे दलों की प्रतिक्रियाएँ तो मजेदार हैं! AAP वाले कह रहे हैं “जनता थक चुकी है”, कांग्रेस वाले हँस रहे हैं “यहाँ तो हमारा ही राज है”, और भाजपा वाले तो सीधे AAP को फेल बता रहे हैं। सच्चाई? शायद इन सबके बीच में ही छुपी है। एक तरफ तो AAP का उत्साह देखने लायक है, पर दूसरी तरफ हिमाचल की जनता को समझने में वक्त लगेगा।

आगे क्या? क्या बदलेगा गेम?

अब तो मैच दिलचस्प होगा! अगर AAP सच में युवाओं और स्थानीय मुद्दों पर focus कर पाई, तो हो सकता है कुछ नया देखने को मिले। पर याद रखिए, हिमाचल दिल्ली नहीं है। यहाँ के लोगों को जल्दी भरमाया नहीं जा सकता। अगले कुछ महीनों में AAP की रैलियाँ, टिकट बंटवारा – ये सब देखना होगा। कुल मिलाकर? एक बार फिर ‘वेट एंड वॉच’ वाली स्थिति है।

अंत में बस इतना कि AAP ने हिमाचल में अपनी चाल चल दी है। अब देखना ये है कि ये चाल कारगार साबित होती है या फिर पुराने खिलाड़ी नए को सबक सिखा देते हैं। राजनीति है भई, कुछ भी हो सकता है!

यह भी पढ़ें:

AAP का हिमाचल में झाड़ू अभियान – जानिए सबकुछ, बिना लाग-लपेट के!

1. भईया, ये ‘झाड़ू अभियान’ आखिर है क्या बला?

देखिए, AAP वालों ने हिमाचल में एक नया नुस्खा चलाया है। Election campaign तो सब करते हैं, लेकिन इन्होंने झाड़ू को ही अपना हथियार बना लिया! असल में ये Congress और BJP के खिलाफ एक तरह से जंग का एलान है। मकसद? साफ-साफ कहें तो – “भ्रष्टाचार भगाओ, विकास लाओ” वाली बात। पर कामयाबी मिलेगी या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा।

2. सच-सच बताइए, क्या AAP हिमाचल में जीत पाएगी?

अरे भाई, अभी से क्या बता दें! मगर एक बात तो तय है – AAP वाले बिल्कुल हल्के में नहीं ले रहे। Delhi और Punjab में जो तगड़ा काम किया, उसी का रस लेकर आए हैं। Organizational structure भी कमजोर नहीं है इनका। पर हिमाचल तो… यहां की राजनीति अलग ही चलती है। बहुत मजेदार मुकाबला होगा, ये कहने में कोई हर्ज नहीं!

3. झाड़ू-झाड़ू क्यों चिल्ला रहे हैं ये लोग?

सीधी सी बात है ना – झाड़ू इनका चुनाव चिह्न है। तो सोचा क्यों न इसी को slogan बना लिया जाए? “साफ कर देंगे” वाली बात समझिए। Corruption और बेकार की सरकार को झाड़ू से उड़ा देंगे… एक तरह से symbolic है, पर काम तो करता है ना? वैसे भी, राजनीति में नारेबाजी तो चलती ही रहती है!

4. हिमाचल के लोग क्या सोच रहे हैं AAP के बारे में?

सुनने में आ रहा है कि शहरी इलाकों के youth तो इन्हें लेकर काफी excite हैं। नई पार्टी, नई उम्मीदें वाला फंडा। पर याद रखिए, हिमाचल में Congress-BJP की जड़ें काफी गहरी हैं। गांव-गिराव में तो situation अलग ही मिलेगी। असली तस्वीर तो voting के दिन ही साफ होगी, फिलहाल तो सब अंदाज़े ही लगा रहे हैं।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

child entrepreneur earns millions school age 20250704040436954817

** “स्कूल जाने की उम्र में शुरू किया यह कारोबार, 4 साल में ही लाखों कमा रहा है बच्चा!”

suicide due to 38 lakh loan and sahukar harassment 20250704050057358351

“3.8 लाख रुपए कर्ज और 10% ब्याज के बोझ तले दबकर शख्स ने ली जान – साहूकारों की मांग बनी वजह”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments